बूंदी. जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में कोरोना काल के बीच पहली बार पंचकर्म तकनीक से व्याधियों को दूर करने का उपचार शुरू हो गया है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए मार्च महीने से ही पंचकर्म तकनीक को बंद कर दिया गया था. अब धीरे धीरे जैसे लॉकडाउन में रियायत मिलती जा रही है, वैसे जिला आयुर्वेदिक विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. पंचकर्म तकनीक से इलाज करना शुरू कर दिया है.
बता दें कि, जिला आयुर्वेदिक विभाग ने सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बच्चों और बुजुर्गों को पंचकर्म से अभी दूर रखा है. कोरोना काल में केवल युवाओं पर ही जिला आयुर्वेदिक विभाग का फोकस रहेगा. पंचकर्म की शुरुआत होने के साथ ही लोगों का जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में पहुंचना भी शुरू हो गया है. यहां जिला अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए 1 दिन में 6 मरीजों का ही पंचकर्म करने का काम किया जा रहा है. लोग इस दौरान आवेदन कर रहे हैं. आवेदन होने के बाद ही जिला आयुर्वेदिक विभाग पंचकर्म के लिए मरीजों को यहां बुला रहा है.
जिला आयुर्वेदिक अस्पताल के पीएमओ सुनील कुशवाहा ने बताया कि, बूंदी में पंचकर्म जब से शुरू हुआ तब से 4000 से अधिक मरीजों का पंचकर्म किया जा चुका है. कोरोना संक्रमण की वजह से हमने पंचकर्म तकनीक को बंद कर दिया था. अब वापस कोरोना काल के दौरान हमने पंचकर्म तकनीक को शुरू किया है. धीरे-धीरे सभी क्रियाओं को शुरू करने की तैयारी की जा रही है. पंचकर्म में 30 प्रकार की क्रियाएं होती है. जिनमें से अभी केवल 6 क्रियाओं को शुरू किया गया है. जैसे-जैसे संक्रमण कम होता जाएगा हम क्रियाओं को जोड़ते जाएंगे.
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बता दें कि, पंचकर्म शरीर के पुराने रोगों से मुक्त होने का सबसे आसान तरीका है. यहां जिला आयुर्वेदिक विभाग बिना ऑपरेशन किए ही पंचकर्म से व्याधियों को दूर करता है. लोग जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में पहुंचकर अपनी पुरानी बीमारियों को दूर करवाने का काम कर रहे हैं. अब फिर से पंचकर्म तकनीक से इलाज शुरू हुआ है. बूंदी जिले के लोगों को इस दौरान राहत मिलेगी.