बूंदी. बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शनिवार को रणथंभौर से एक बाघिन को शिफ्ट किया गया है. यहां पहले से एक बाघ मौजूद है. बाघिन के आने के बाद बाघ-बाघिन का जोड़ा बनने की उम्मीद है. सरकार ने इस साल ही टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन जारी किया था. इस टाइगर रिजर्व के विकास को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और बूंदी के हिंडोली से विधायक और मंत्री अशोक चांदना भी प्रयासरत थे. जल्द ही रणथम्भौर से रामगढ़ में एक और बाघिन को शिफ्ट करने की संभावना है. हालांकि अब तक वन विभाग की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
ऐसे लाई गई बाघिन: रणथंभौर में बाघिन टी-102 आमाघाटी वन क्षेत्र में विचरण कर रही थी. ऐसे में पहले उसकी (Tigress shifted from Ranthambore Tiger Reserve) लोकेशन तलाशी गई. ट्रैकिंग के दौरान बाघिन की साइटिंग हुई. यहां रणथंभौर के मुख्य वन संरक्षक सेडूराम यादव के साथ उप वन संरक्षक रणथंभौर संग्राम सिंह और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक संजीव शर्मा मौके पर पहुंचे.
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बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया गया. इसके बाद बाघिन की वन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ सीपी मीणा ने जांच की. प्रोटोकॉल के अनुसार जांच होने के बाद उसे कैंटर में रखे पिंजरे में डाला गया. जहां से उसे सड़क मार्ग के जरिए रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व भेजा गया. पूरी सतर्कता के साथ बाघिन को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बने सॉफ्ट एंक्लोजर में रिलीज कर दिया है.
रामगढ़ में लाई गई रणथंभौर की टाइग्रेस टी-102 एक बार मां बन चुकी है. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व रणथंभौर टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है. ऐसे में स्वत ही विचरण करते हुए बाघ और बाघिन यहां पर पहले भी पहुंचते रहे हैं. ऐसे में वर्तमान स्थिति में एक बाघ पहले से टाइगर रिजर्व में मौजूद है. जिसके साथ लाई गई टाइग्रेस का जोड़ा बनेगा.