बूंदी. जिले के रामगढ़ अभ्यारण्य में रविवार को एक मादा पैंथर की मौत की खबर सुनते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया. सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया. जिसके बाद टीम बूंदी के रेंज कार्यालय लेकर पहुंची, जहां पर वन विभाग और पशु चिकित्सकों की मेडिकल टीम ने पैंथर की जांच पड़ताल कर उसका पोस्टमार्टम किया. जिसमें पता चला कि मृत पैंथर एक मादा पैंथर है और उसकी आयु 2 से ढाई साल की है. हांलाकि अभी तक उसकी मौत के कारणों की पुष्टि नहीं की गई है.
बता दें कि जब जांच करने वन विभाग की टीम पहुंची तो पैंथर बांसखेड़ा और जावरा के जंगल में मृत अवस्था में पड़ा हुआ मिला था. वहीं पीएम के बाद फॉरेंसिक रिपोर्ट को कोटा भेज दिया गया है. साथ ही रिपोर्ट आने तक वन विभाग की टीम आगे की कार्रवाई में जुट गई है. वन विभाग का कहना है कि पैंथर की मौत पानी की कमी या बीमारी के चलते हुई होगी, लेकिन फिर भी फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा.
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जानकारी के अनुसार रामगढ़ अभ्यारण्य में वन विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि बांसखेड़ा और जावरा के जंगल में एक पैंथर मृत अवस्था में पड़ा हुआ है. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया, जहां पता चला कि पैंथर का शव 5 से 6 दिन पुराना है.
वहीं, पैंथर की मौत के मामले को बूंदी के वन विभाग की ओर से दबाई जाने की भी बात सामने आई. बता दें कि शहर के जैतसागर रोड स्थित हनुमंत वाटिका रेंज में पैंथर के शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, जहां पर वाइल्डलाइफ प्रेमियों की सूचना पर मीडिया की टीम मौके पर पहुंची और पूरे मामले का खुलासा हो गया. क्योंकि, रामगढ़ अभ्यारण्य के अंदर इस तरीके से पैंथर की मौत होना कही ने कही वन विभाग की बड़ी लापरवाही है.
साथ ही मादा पैंथर की मौत के बाद वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और रामगढ़ अभ्यारण क्षेत्र में कुछ दिनों बाद बाघों को छोड़ा जाना है. ऐसे में अभ्यारण्य के अंदर पैंथर की मौत होना वन विभाग के सामने चिंता का विषय बन गया है. अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर पैंथर की मौत किसी बीमारी से हुई या शिकारियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया. यह तो फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही वन विभाग की टीम खुलासा कर पाएगी.