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बूंदी : केशवरायपाटन में एक बार फिर टिड्डियों का आतंक, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

बूंदी के केशवरायपाटन उपखंड क्षेत्र में बुधवार को टिड्डियों का दल लाखेरी समेत कई इलाकों में प्रवेश किया. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई. इसको लेकर कहीं-कहीं किसान थाली बजाकर, पटाखे फोड़ कर टिड्डियों को भगाने का प्रयास करते नजर आए.

बूंदी समाचार, bundi news
टिड्डियों का आतंक
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Published : Jul 8, 2020, 7:27 PM IST

केशवरायपाटन (बूंदी). जिले के केशवरायपाटन उपखंड क्षेत्र में बुधवार सुबह दस बजे टिड्डियों का एक बड़ा दल बिशनपुरा, लाखेरी, बलवन, सुमेरगंजमंडी में प्रवेश कर गया. इस दौरान टिड्डियों का ये दल करीब एक घंटे तक खेतों और ग्रामीण इलाकों के ऊपर मंडराता रहा, जिसने किसानों की चिंता बढ़ा दी.

केशवरायपाटन में टिड्डियों का आतंक

हालांकि, इस वक्त खेतों में कोई फसल नहीं है, लेकिन कुछ समय पश्चात धान की रोपाई होने लगेगी. जिसके लिए किसानों ने खेतों में बीज की बुवाई कर रखी है. वहीं, कुछ खेतों में सब्जियां लगी हुई है तो कुछ जगह फलों के पौधे लगाए गए है. जिससे उन किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थीं.

पढ़ें- बूंदी: मेवाड़ एक्सप्रेस की चपेट में आने से पिता-पुत्री की मौत

इसके बाद किसान अपने धान के बीज, भिंडी, टमाटर, लौकी आदि को बचाने के जुगाड़ में लग गए. कहीं पर किसान थाली बजाकर, पटाखे फोड़ कर टिड्डियों को भगाने का प्रयास करते नजर आए. इस दौरान कहीं पर टिड्डियों से बचने के लिए धुआं करते नजर आए. वहीं, कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन की निगाहें टिड्डियों को लेकर बनी हुई है.

ग्राम सेवकों ने बताया कि क्षेत्र में आई टिड्डियों के ऊपर हमारी लगातार नजर बनी हुई है. ये टिड्डियां रात में 8 बजे के आसपास पड़ाव डालती है. यह क्षेत्र में जहां भी पड़ाव डालेगी, वहां कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इन पर कीटनाशक का छिड़काव कर कंट्रोल किया गया, जिससे कुछ टिड्डियां तो मर गई और बची हुई थी वो उड़कर दूसरे क्षेत्र में चली गईं.

केशवरायपाटन (बूंदी). जिले के केशवरायपाटन उपखंड क्षेत्र में बुधवार सुबह दस बजे टिड्डियों का एक बड़ा दल बिशनपुरा, लाखेरी, बलवन, सुमेरगंजमंडी में प्रवेश कर गया. इस दौरान टिड्डियों का ये दल करीब एक घंटे तक खेतों और ग्रामीण इलाकों के ऊपर मंडराता रहा, जिसने किसानों की चिंता बढ़ा दी.

केशवरायपाटन में टिड्डियों का आतंक

हालांकि, इस वक्त खेतों में कोई फसल नहीं है, लेकिन कुछ समय पश्चात धान की रोपाई होने लगेगी. जिसके लिए किसानों ने खेतों में बीज की बुवाई कर रखी है. वहीं, कुछ खेतों में सब्जियां लगी हुई है तो कुछ जगह फलों के पौधे लगाए गए है. जिससे उन किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थीं.

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इसके बाद किसान अपने धान के बीज, भिंडी, टमाटर, लौकी आदि को बचाने के जुगाड़ में लग गए. कहीं पर किसान थाली बजाकर, पटाखे फोड़ कर टिड्डियों को भगाने का प्रयास करते नजर आए. इस दौरान कहीं पर टिड्डियों से बचने के लिए धुआं करते नजर आए. वहीं, कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन की निगाहें टिड्डियों को लेकर बनी हुई है.

ग्राम सेवकों ने बताया कि क्षेत्र में आई टिड्डियों के ऊपर हमारी लगातार नजर बनी हुई है. ये टिड्डियां रात में 8 बजे के आसपास पड़ाव डालती है. यह क्षेत्र में जहां भी पड़ाव डालेगी, वहां कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इन पर कीटनाशक का छिड़काव कर कंट्रोल किया गया, जिससे कुछ टिड्डियां तो मर गई और बची हुई थी वो उड़कर दूसरे क्षेत्र में चली गईं.

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