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विश्व पर्यटन दिवस: बूंदी में घट रही पर्यटकों की संख्या...टूटी सड़कें बनी समस्या

27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस है. ऐसे में पर्यटकों के स्वर्ग के रूप में विख्यात राजस्थान आज अपनी अनेक खूबियों के लिए ना केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अपनी पहचान बनाता है. तो छोटीकाशी बूंदी को पर्यटन नगरी के नाम से पूरे प्रदेश में जाना जाता है. बूंदी के कुंड, बावड़िया और तालाब भी बूंदी की ऐतिहासिक धरोहर को प्रदेश में निखारते हैं. जिसके चलते पर्यटक यहां खींचे चले आते है.

Bundi tourism, विश्व पर्यटन दिवस
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Published : Sep 26, 2019, 8:55 PM IST

बूंदी. अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा बूंदी राजस्थान का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत नजारा लिए है. लेकिन बूंदी का पर्यटन अपनी मांगों को लेकर पुकार लगा रहा है. लेकिन सुनते हुई भी अनसुनी की जा रही है. यहां सड़कों की हालत ऐसी है. जिससे पर्यटकों की घटती संख्या चिंता का विषय है. जो बूंदी के पर्यटन व्यवसाय को खत्म करती जा रही है. यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक आते थे. लेकिन प्रशासन की नाकामी इतनी रही कि वह इन सड़कों और जरूरतों को पूरा नहीं कर सके और पर्यटकों का आना अब कम सा हो गया है. जो गलियां पर्यटकों से सनी रहती थी वह आज सुनी है. वहां खुदी हुई सड़कें, कम होते पर्यटकों की तस्वीर बयां कर रही है.

बूंदी में घट रही पर्यटकों की संख्या..विश्व पर्यटन दिवस पर देखिए स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: दुख, दर्द और बीमारी दूर करता है 'गवरी नृत्य'

शहर की सड़कें बूंदी को कर रही शर्मसार
इस सीजन में सैलानियों का आना-जाना बूंदी में लगा रहता है. लेकिन इस बार खुदी हुई सड़के और बदहाल हालात पर्यटकों के लिए दुखदाई साबित हो रहे है. बूंदी में नाम मात्र की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. लेकिन जब वह बूंदी आते है तो यहां की व्यवस्था को लेकर काफी टिप्पणियां करते हैं.

पढ़ें- एक बेटे की अनोखी पहल: बाप की सड़क हादसे में हो गई थी मौत, बेटे ने बारहवीं के आयोजन में बांटे हेलमेट

पर्यटन व्यवसाय की शहर में हो रही दुर्गति
शहर के बालचंदपाड़ा में पर्यटन व्यवसाय की क्या दुर्गति हो रही होगी. वहां पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं. सड़कों पर पानी भरा हुआ है. जिसके चलते आवाजाही के दौरान पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाड़ौती में सबसे ज्यादा पर्यटक बूंदी में आते है. पर्यटन विभाग के आकड़ो के अनुसार पर्यटन भ्रमण 4 माह तक का होता है. जिसमें बून्दी में 15 हजार के आसपास पर्यटक पर्यटन सीजन में आ जाते है. अगर आंकड़ों की बात करें तो वो कुछ इस तरह है.

Bundi tourism, विश्व पर्यटन दिवस
बूंदी में पर्यटकों के आंकड़े
Bundi tourism, विश्व पर्यटन दिवस
बूंदी में पर्यटकों के आंकड़े

पधारो म्हारे देस का सलोगन ऐसे होगा सिद्ध
यहां हर साल देश विदेश से सैलानी बूंदी की विरासत को देखने आते है. लेकिन हालत देखकर आप अंदाजा लगा सकते है की बूंदी ने सैलानियों पर अपनी कैसी छाप छोड़ी होगी. बूंदी के विकास की हालत खस्ताहाल होने के चलते हैं पर्यटकों की संख्या लगातार घटती ही जा रही है. पर्यटन की दृष्टि से अच्छे संकेत बूंदी में नजर नहीं आ रहे हैं. बूंदी के विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ बूंदी के पर्यटक के लिए विकास के लिए नए आयाम स्थापित करने होंगे. ताकि बूंदी पर्यटन बढ़ सके वरना बूंदी में पर्यटन लिप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा. अगर सरकार इस समस्या पर गौर करती है तो ना सिर्फ राजस्व बढ़ेगा बल्कि पर्यटन की दृष्टि से शहर का नाम भी होगा और पधारो म्हारे देस का सलोगन भी सही आयाम में सिद्घ होगा.

बूंदी. अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा बूंदी राजस्थान का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत नजारा लिए है. लेकिन बूंदी का पर्यटन अपनी मांगों को लेकर पुकार लगा रहा है. लेकिन सुनते हुई भी अनसुनी की जा रही है. यहां सड़कों की हालत ऐसी है. जिससे पर्यटकों की घटती संख्या चिंता का विषय है. जो बूंदी के पर्यटन व्यवसाय को खत्म करती जा रही है. यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक आते थे. लेकिन प्रशासन की नाकामी इतनी रही कि वह इन सड़कों और जरूरतों को पूरा नहीं कर सके और पर्यटकों का आना अब कम सा हो गया है. जो गलियां पर्यटकों से सनी रहती थी वह आज सुनी है. वहां खुदी हुई सड़कें, कम होते पर्यटकों की तस्वीर बयां कर रही है.

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शहर की सड़कें बूंदी को कर रही शर्मसार
इस सीजन में सैलानियों का आना-जाना बूंदी में लगा रहता है. लेकिन इस बार खुदी हुई सड़के और बदहाल हालात पर्यटकों के लिए दुखदाई साबित हो रहे है. बूंदी में नाम मात्र की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. लेकिन जब वह बूंदी आते है तो यहां की व्यवस्था को लेकर काफी टिप्पणियां करते हैं.

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पर्यटन व्यवसाय की शहर में हो रही दुर्गति
शहर के बालचंदपाड़ा में पर्यटन व्यवसाय की क्या दुर्गति हो रही होगी. वहां पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं. सड़कों पर पानी भरा हुआ है. जिसके चलते आवाजाही के दौरान पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाड़ौती में सबसे ज्यादा पर्यटक बूंदी में आते है. पर्यटन विभाग के आकड़ो के अनुसार पर्यटन भ्रमण 4 माह तक का होता है. जिसमें बून्दी में 15 हजार के आसपास पर्यटक पर्यटन सीजन में आ जाते है. अगर आंकड़ों की बात करें तो वो कुछ इस तरह है.

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बूंदी में पर्यटकों के आंकड़े
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बूंदी में पर्यटकों के आंकड़े

पधारो म्हारे देस का सलोगन ऐसे होगा सिद्ध
यहां हर साल देश विदेश से सैलानी बूंदी की विरासत को देखने आते है. लेकिन हालत देखकर आप अंदाजा लगा सकते है की बूंदी ने सैलानियों पर अपनी कैसी छाप छोड़ी होगी. बूंदी के विकास की हालत खस्ताहाल होने के चलते हैं पर्यटकों की संख्या लगातार घटती ही जा रही है. पर्यटन की दृष्टि से अच्छे संकेत बूंदी में नजर नहीं आ रहे हैं. बूंदी के विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ बूंदी के पर्यटक के लिए विकास के लिए नए आयाम स्थापित करने होंगे. ताकि बूंदी पर्यटन बढ़ सके वरना बूंदी में पर्यटन लिप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा. अगर सरकार इस समस्या पर गौर करती है तो ना सिर्फ राजस्व बढ़ेगा बल्कि पर्यटन की दृष्टि से शहर का नाम भी होगा और पधारो म्हारे देस का सलोगन भी सही आयाम में सिद्घ होगा.

Intro:बूंदी का पर्यटन करे पुकार,सड़क बना दो सरकार,पर्यटकों की घटती संख्या यही हाल बूंदी के पर्यटन व्यवसाय को खत्म करती जा रही है । यहां हर वर्ष हजारो की संख्या में पर्यटक आते थे लेकिन बारिश ने शहर के पर्यटन व्यवसाय को छीन लिया और प्रशासन की नाकामी इतनी रही कि वह इन सड़कों और जरूरतों को पूरा नही कर सके और पर्यटकों का आना कम हुआ । जो गलिया पर्यटकों से सनी रहती थी वह आज सुनी है वहां खुदी हुई सड़क खुदी हुई पर्यटकों की तस्वीर नजर आ रही है ।


Body:बूंदी अपने आप में नाम से विश्व के मानचित्र में भले ही अपनी पहचान बनाती हो लेकिन बूंदी की यह पहचाना फीकी पड़ने लगी है । इसका मुख्य कारण शहर की सड़कें को यहां के वातावरण को यहां के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मुख्य रूप से इन दिनों पर्यटकों का आना-जाना बूंदी लगा रहता है लेकिन इस बार खुदी हुई सड़को को देख ओर बदहाल हालात के चलते पर्यटको के लिए काफी असरदार दुखदाई साबित हो रहा है। बूंदी में नाम मात्र की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं वह भी सोशल मीडिया के जरिए बूंदी की अच्छी तस्वीरों का जमावड़ा ओर बूंदी की तारीफ होने से पर्यटक आकर्षक हो रहे है लेकिन जब वह बूंदी आते है तो यहां की व्यवस्था को लेकर काफी टिप्पणियां करते हैं । बून्दी का पर्यटन करे पुकार ,सड़क बनाओ सरकार की ही मांग बूंदी के पर्यटन व्यवसाय द्वारा उठाई जा रही है और यह मुहावरा बिल्कुल सटीक बैठ रहा है इसमें कोई अतिशयोक्ति भी नहीं होगी इन तस्वीरों को देखने के बाद मैं शायद आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि शहर के बाल चंद पाड़ा में पर्यटन व्यवसाय की क्या दुर्गति हो रही होगी वहां पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं सड़कों पर पानी भरा हुआ है जिसके चलते आवाजाही के दौरान पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । जो पर्यटक 2 से 3 दिन बून्दी में रुका करता था । वह पूरे 1 दिन भी बूंदी नहीं रुक रहा है क्योंकि जहां देखो जहां बदहाली सड़क नजर आ रही है । हाडौती में सबसे ज्यादा पर्यटक बूंदी में आते है यहां हर साल देश से लैकर विदेश के हर कोने पर्यटक बूंदी की विरासत को देखने आते है । पर्यटन विभाग के आकड़ो के अनुसार पर्यटन भृमण 4 माह तक का होता है जिसमे बून्दी में 15 हजार के आसपास पर्यटक पर्यटन सीजन में आ जाते है । आंकड़े इस प्रकार है 2016 में देशी पर्यटक 59884 आये विदेशी 15420 आये थे - कुल - 75304 2017 में देशी पर्यटक 60773 आये विदेशी 16442 आये थे -कुल- 77215 2018 में देशी पर्यटक 70452 आये विदेशी 16534 आये थे- कुल - 86986 2019 में पर्यटकों का सीजन शुरू हो गया है - जनवरी में देशी 5618 आये विदेशी 1710 आये - कुल - 7328 फरवरी में देशी 5320 आये विदेशी 2309 आये - कुल - 7629 मार्च में देशी 5216 आये विदेशी 2345 आये - कुल - 7561 अप्रैल में देशी 3945 आये विदेशी 644 आये - कुल - 4589 मई में देशी 3453 आये विदेशी 267 आये - कुल - 3719 जून में देशी 2630 आये विदेशी 134 आये - कुल - 2764 जुलाई में देशी 4120 आये विदेशी 626 आये - कुल - 4746 अगस्त में देशी 6320 आये विदेशी 998 आये - कुल - 7318 2019 में अब तक - देशी - 36621 - विदेशी - 9033 - कुल - 45654 पर्यटक आये है अब पर्यटन सीजन शुरू होगा जो 4 माह तक चलेगा जिसमे पर्यटन विभाग के अनुसार आकड़े बढ़ सकते है ।


Conclusion:बूंदी के विकास की हालत खस्ताहाल होने के चलते हैं पर्यटकों की संख्या लगातार घटती ही जा रही है । पर्यटन की दृष्टि से अच्छे संकेत बूंदी में नजर नहीं आ रहे हैं अर्थात बूंदी में सरकार सहित स्थानीय प्रशासन आमजन को इस ओर ध्यान देना होगा और बूंदी के विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ बूंदी के पर्यटक के लिए विकास के लिए नए आयाम स्थापित करने होंगे ताकि बूंदी पर्यटन बढ़ सके वरना बूंदी में पर्यटन लिप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा । बाईट - युग प्रसाद , पर्यटक व्यवसाय बाईट - उदय शंकर , दुकानदार बाईट - लाल सिंह , बुजुर्ग बाईट - सत्यनारायण शर्मा बाईट - जोनाथ , पर्यटक बाईट- आशीष दाधीच , पर्यटक व्यवसाय बाईट - प्रेम शंकर सैनी , पर्यटन अधिकारी ,बूंदी
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