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स्पेशल स्टोरी : पानी के बिल के जरिए वसूला जा रहा है सीवरेज और कचरा संग्रहण का चार्ज

बूंदी जिले में नगर परिषद और जल विभाग द्वारा उपभोक्ताओं की जेब काटी जा रही है, जहां अक्टूबर माह के बिल में उपभोक्ताओं से पिछले तीन माह का सीवरेज और डोर टू डोर कचरा संग्रहण के रुपये पानी के बिल के साथ जुड़ कर आए हैं. यह चार्ज एक महीने का 100 से अधिक है, जिससे 3 माह के करीब 300 रुपये उपभोक्ताओं के खाते में जुड़े हैं. उपभोक्ताओं की शिकायत है कि शहर में ना तो सीवरेज की व्यवस्था ठीक है ना ही उनके पास रोज कचरा संग्रहण की गाड़ी पहुंच रही है, फिर भी सरकार उनसे इन दोनों के चार्ज की वसूली कर रही है. बता दें कि अब से हर माह जिला नगर परिषद और जलदाय विभाग के फैसले के अनुसार सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज पानी के बिल में जुड़ कर आएगा.

बूंदी न्यूज, bundi news
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Published : Nov 11, 2019, 11:15 PM IST

बूंदी. एक तरफ तो नगर परिषद द्वारा शहर में सीवरेज की सुचारू व्यवस्था नहीं की गई है, जहां जगह-जगह लोग सीवरेज की व्यवस्था खराब होने से परेशान है. साथ ही डोर टू डोर हूपर नहीं पहुंचने से लोगों को बाहर कचरा फेंकना पड़ रहा है. इसके बावजूद लोगों से पानी के बिल में सीवरेज और हूपर का चार्ज जोड़ कर पैसा वसूला जा रहा है.

हर माह वसूला जाएगा पानी के बिल में सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज

जिला नगर परिषद और जलदाय विभाग द्वारा आमजन पर एक और भार डाल दिया गया है, जहां पर हर माह सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज पानी के बिल में जुड़ कर आएगा, यानी सीवरेज चार्ज का 33 फिसदी आमजन के बिल में जुड़ेगा, तो डोर टू डोर का कलेक्शन के रूप में प्रत्येक घर से 50 रुपये वसूले जाएंगे.

पढ़ें- जयपुर : ट्रांसफार्मर में लगी भीषण आग, तो वहीं हरमाड़ा में मिला नवजात का कटा हुआ सर

नगर परिषद के जलदाय प्रकोष्ठ की ओर से नल के बिल के साथ इन दोनों चार्ज को वसूलने के लिए बिल जारी कर दिए गए हैं, बिल में सीवरेज चार्ज और कचरा कलेक्शन चार्ज के लिए अलग से कोलम बनाया गया है. हालांकि, कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी बहुत से घरों में पहुंच नहीं पा रही है. अधिकारियों के अनुसार सीवरेज लाइन जहां-जहां बिछाई जा चुकी है, वहां ही चार्ज वसूला जाएगा. औरकचरा गाड़ी जा नहीं पहुंच पा रही है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी.


बकाया बिल जमा नहीं करवाने पर काटा जाएगा नल कनेक्शन

बता दें कि शहर में 20 हजार 150 जल उपभोक्ता है, जिनपर 2.5 करोड़ रपये का बकाया है. वहीं शहर में अमृत योजना के तहत पानी के मीटर लगाने हैं, पर फिलहाल उपभोक्ताओं को एवरेज बिल ही दिए जा रहे हैं, ऐसे में जिन उपभोक्ताओं का बकाया चल रहा है, उनसे वसूली के लिए दो टीमें बनाई हैं. यह टीमें उपभोक्ताओं के घरों पर जाकर रुपए जमा करेगी और उपभोक्ता बकाया जमा नहीं करवाते हैं, तो उनका नल कनेक्शन काट दिया जाएगा.

शहर में सीवरेज लाइन का अधूरा पड़ा है काम

बात अभी सीवरेज लाइन की करें तो शहर में सीवरेज लाइन बिछाने का काम अभी अधूरा है. लाइन बिछाने के साथ ही 7 से 8 हजार घरों में कनेक्शन भी किए जा चुके हैं, वैसे इस काम को दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था. लेकिन, बिबनवा रोड से गांधीग्राम में मिनी सीवरेज प्लांट का काम अभी पूरा नहीं हुआ है और कई जगह सीवरेज लाइन खुद के पड़ी हुई है, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- स्विट्जरलैंड की 'केलर' हिन्दुस्तान आई और यहां की मिट्टी में ही समा गई

सकंरी गलियों में नहीं पहुंच पा रहा हूपर

यही नहीं नगर परिषद के पास डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 20 गाड़ियां है,जो शहर के सभी एरिया में नहीं जा पा रही है. पुराने शहर में तो अधिकांश आबादी में सकंरी गलियां रहती है, जिससे कचरा गाड़ी उन गलियों में पहुंच ही नहीं पाती है. वार्ड संख्या 17, 10, 22, 23, 24 की कई गलियों में गाड़ी नहीं जा सकती है. इसके अलावा नगर परिषद के पास गीला-सूखा कचरा अलग करने की व्यवस्था भी नहीं है.

जलदाय विभाग ने बिल में जोड़े पिछले 3 माह के चार्जेस

वहीं जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग के प्रकोष्ठ द्वारा नवंबर माह से इन चार्जेस को वसूलना था. लेकिन, नगर परिषद और जलदाय विभाग ने पिछले 3 माह का चार्ज जोड़कर अक्टूबर माह में भेज दिया गया है. जिसमें किसी उपभोक्ता को 600 तो किसी उपभोक्ता को 700, 800 और 900 रुपये तक का बिल पहुंचा है. यहां पर उपभोक्ताओं को लगभग तीन माह के 300 रुपये सीवरेज तथा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को झटका लगा है और उन्होंने जलदाय विभाग और नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.

पढे़ं: निकाय चुनाव 2019: वोटर्स को लुभाने के लिए खाने-पानी की पूरी व्यवस्था, खुलेआम उड़ रही आचार संहिता की धज्जियां

उनका कहना है कि नल सप्लाई तो पहले ही सही नहीं की जाती है, उसपर हम से कचरा और सीवरेज का चार्ज वसूला जा रहा है. ना तो सीवरेज लाइन काम कर रही है और ना ही कचरे की सफाई की जा रही है. प्रशासन पहले यह व्यवस्थाएं तो दुरुस्त कर ले उसके बाद हमसे चार्ज वसूले. पानी के बिल में चार्ज जोड़ने से जनका के ऊपर बहुत भार आ गया है. एक तरफ मंदी का दौर है और दूसरी तरफ आम जन की पीड़ा सरकार नहीं देख पा रही है. उन्होंने कहा है कि चार्ज को जल्द से जल्द हटाया जाए और जो सामान्य राशि बिल की जमा होती है, वह जमा करवाई जाए.

जलदाय विभाग ने झाड़ा पल्ला

उधर जलदाय विभाग के अधिकारी मामले पर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. उन्होंने चार्ज का सारा ठीकरा सरकार फोड़ दिया और कहा कि उनको सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के आदेश सरकार से प्राप्त हुए हैं और सरकार के आदेश अनुसार राशि को चिन्हित किया गया है. साथ ही जनता से अलग से चार्ज नहीं लिया जा रहा है. जहां-जहां सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाड़ियां जा रही है, वहां-वहां हम यह राशि का शुल्क लगा रहे हैं. और जहां गाड़िया नहीं पहुंच पा रही है वहां पर चार्ज नहीं लगाया जा रहा है.

वहीं सभी के बिल में पूर्व के 3 माह के साथ यह पैसा जुड़कर आया है लेकिन, अब अगले माह से 50 रुपये कचरा और 58 रुपये सीवरेज का चार्ज जनता से लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो आदेश के अनुसार ही काम कर रहें हैं.

गौरतलब है कि जलदाय विभाग द्वारा लगाए गए इस सीवरेज और कचरा कलेक्शन पर चार्ज को लेकर उपभोक्ताओं को बिल पहुंच चुके हैं और जनता ने इसको लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया है. कुछ लोगों ने तो बिल जमा कराते समय देवपुरा रोड स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय में हंगामा कर दिया और कहा कि हम किस बात का पैसा दें. लेकिन, अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए आए और वह लोगों को संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं दे सके. ऐसे में लोगों को अपना बिल जमा करवाना ही पड़ा.

बूंदी. एक तरफ तो नगर परिषद द्वारा शहर में सीवरेज की सुचारू व्यवस्था नहीं की गई है, जहां जगह-जगह लोग सीवरेज की व्यवस्था खराब होने से परेशान है. साथ ही डोर टू डोर हूपर नहीं पहुंचने से लोगों को बाहर कचरा फेंकना पड़ रहा है. इसके बावजूद लोगों से पानी के बिल में सीवरेज और हूपर का चार्ज जोड़ कर पैसा वसूला जा रहा है.

हर माह वसूला जाएगा पानी के बिल में सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज

जिला नगर परिषद और जलदाय विभाग द्वारा आमजन पर एक और भार डाल दिया गया है, जहां पर हर माह सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज पानी के बिल में जुड़ कर आएगा, यानी सीवरेज चार्ज का 33 फिसदी आमजन के बिल में जुड़ेगा, तो डोर टू डोर का कलेक्शन के रूप में प्रत्येक घर से 50 रुपये वसूले जाएंगे.

पढ़ें- जयपुर : ट्रांसफार्मर में लगी भीषण आग, तो वहीं हरमाड़ा में मिला नवजात का कटा हुआ सर

नगर परिषद के जलदाय प्रकोष्ठ की ओर से नल के बिल के साथ इन दोनों चार्ज को वसूलने के लिए बिल जारी कर दिए गए हैं, बिल में सीवरेज चार्ज और कचरा कलेक्शन चार्ज के लिए अलग से कोलम बनाया गया है. हालांकि, कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी बहुत से घरों में पहुंच नहीं पा रही है. अधिकारियों के अनुसार सीवरेज लाइन जहां-जहां बिछाई जा चुकी है, वहां ही चार्ज वसूला जाएगा. औरकचरा गाड़ी जा नहीं पहुंच पा रही है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी.


बकाया बिल जमा नहीं करवाने पर काटा जाएगा नल कनेक्शन

बता दें कि शहर में 20 हजार 150 जल उपभोक्ता है, जिनपर 2.5 करोड़ रपये का बकाया है. वहीं शहर में अमृत योजना के तहत पानी के मीटर लगाने हैं, पर फिलहाल उपभोक्ताओं को एवरेज बिल ही दिए जा रहे हैं, ऐसे में जिन उपभोक्ताओं का बकाया चल रहा है, उनसे वसूली के लिए दो टीमें बनाई हैं. यह टीमें उपभोक्ताओं के घरों पर जाकर रुपए जमा करेगी और उपभोक्ता बकाया जमा नहीं करवाते हैं, तो उनका नल कनेक्शन काट दिया जाएगा.

शहर में सीवरेज लाइन का अधूरा पड़ा है काम

बात अभी सीवरेज लाइन की करें तो शहर में सीवरेज लाइन बिछाने का काम अभी अधूरा है. लाइन बिछाने के साथ ही 7 से 8 हजार घरों में कनेक्शन भी किए जा चुके हैं, वैसे इस काम को दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था. लेकिन, बिबनवा रोड से गांधीग्राम में मिनी सीवरेज प्लांट का काम अभी पूरा नहीं हुआ है और कई जगह सीवरेज लाइन खुद के पड़ी हुई है, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- स्विट्जरलैंड की 'केलर' हिन्दुस्तान आई और यहां की मिट्टी में ही समा गई

सकंरी गलियों में नहीं पहुंच पा रहा हूपर

यही नहीं नगर परिषद के पास डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 20 गाड़ियां है,जो शहर के सभी एरिया में नहीं जा पा रही है. पुराने शहर में तो अधिकांश आबादी में सकंरी गलियां रहती है, जिससे कचरा गाड़ी उन गलियों में पहुंच ही नहीं पाती है. वार्ड संख्या 17, 10, 22, 23, 24 की कई गलियों में गाड़ी नहीं जा सकती है. इसके अलावा नगर परिषद के पास गीला-सूखा कचरा अलग करने की व्यवस्था भी नहीं है.

जलदाय विभाग ने बिल में जोड़े पिछले 3 माह के चार्जेस

वहीं जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग के प्रकोष्ठ द्वारा नवंबर माह से इन चार्जेस को वसूलना था. लेकिन, नगर परिषद और जलदाय विभाग ने पिछले 3 माह का चार्ज जोड़कर अक्टूबर माह में भेज दिया गया है. जिसमें किसी उपभोक्ता को 600 तो किसी उपभोक्ता को 700, 800 और 900 रुपये तक का बिल पहुंचा है. यहां पर उपभोक्ताओं को लगभग तीन माह के 300 रुपये सीवरेज तथा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को झटका लगा है और उन्होंने जलदाय विभाग और नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.

पढे़ं: निकाय चुनाव 2019: वोटर्स को लुभाने के लिए खाने-पानी की पूरी व्यवस्था, खुलेआम उड़ रही आचार संहिता की धज्जियां

उनका कहना है कि नल सप्लाई तो पहले ही सही नहीं की जाती है, उसपर हम से कचरा और सीवरेज का चार्ज वसूला जा रहा है. ना तो सीवरेज लाइन काम कर रही है और ना ही कचरे की सफाई की जा रही है. प्रशासन पहले यह व्यवस्थाएं तो दुरुस्त कर ले उसके बाद हमसे चार्ज वसूले. पानी के बिल में चार्ज जोड़ने से जनका के ऊपर बहुत भार आ गया है. एक तरफ मंदी का दौर है और दूसरी तरफ आम जन की पीड़ा सरकार नहीं देख पा रही है. उन्होंने कहा है कि चार्ज को जल्द से जल्द हटाया जाए और जो सामान्य राशि बिल की जमा होती है, वह जमा करवाई जाए.

जलदाय विभाग ने झाड़ा पल्ला

उधर जलदाय विभाग के अधिकारी मामले पर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. उन्होंने चार्ज का सारा ठीकरा सरकार फोड़ दिया और कहा कि उनको सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के आदेश सरकार से प्राप्त हुए हैं और सरकार के आदेश अनुसार राशि को चिन्हित किया गया है. साथ ही जनता से अलग से चार्ज नहीं लिया जा रहा है. जहां-जहां सीवरेज और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाड़ियां जा रही है, वहां-वहां हम यह राशि का शुल्क लगा रहे हैं. और जहां गाड़िया नहीं पहुंच पा रही है वहां पर चार्ज नहीं लगाया जा रहा है.

वहीं सभी के बिल में पूर्व के 3 माह के साथ यह पैसा जुड़कर आया है लेकिन, अब अगले माह से 50 रुपये कचरा और 58 रुपये सीवरेज का चार्ज जनता से लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो आदेश के अनुसार ही काम कर रहें हैं.

गौरतलब है कि जलदाय विभाग द्वारा लगाए गए इस सीवरेज और कचरा कलेक्शन पर चार्ज को लेकर उपभोक्ताओं को बिल पहुंच चुके हैं और जनता ने इसको लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया है. कुछ लोगों ने तो बिल जमा कराते समय देवपुरा रोड स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय में हंगामा कर दिया और कहा कि हम किस बात का पैसा दें. लेकिन, अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए आए और वह लोगों को संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं दे सके. ऐसे में लोगों को अपना बिल जमा करवाना ही पड़ा.

Intro:अब हर माह सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन चार्ज नल के बिल में जुड़ कर आएगा । यह चार्ज इसी माह से शहरवासियों से वसूलना शुरू कर दिया गया है । नल के बिल में 33% राशि में सीवरेज चार्ज के रूप में अलग से लगाई जाएगी यानी बूंदी जलदाय विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को अब नल के बिल के साथ-साथ सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज भी भुगतना पड़ेगा जोकि दोनों को मिलाकर ₹100 से अधिक है । वही विभाग द्वारा अब 3 माह के एक साथ बिल को उपभोक्ताओं को भिजवाई जा रहा है जोकि उपभोक्ताओं की पानी वाली राशि के बिल से ज्यादा है और उन्होंने इसका विरोध किया है ।


Body:बूंदी । नगर परिषद व जलदाय विभाग द्वारा आमजन पर एक और भार डाल दिया गया है यहां पर हर माह अब सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का चार्ज बिल में जुड़ कर आएगा और पानी के बिल से यह चार्ज आमजन से वसूला जाएगा । यानी सीवरेज चार्ज 33% आमजन के बिल में जुड़ेगा तो डोर टू डोर का कलेक्शन के रूप में प्रत्येक घर से ₹50 लिए जाएंगे । नगर परिषद के जलदाय प्रकोष्ठ की ओर से नल के बिल के साथ इन दोनों चार्ज को वसूलने के लिए बिल जारी कर दिए गए हैं बिल में सीवरेज चार्ज व कचरा करेक्शन चार्ज के लिए अलग से कोल्लम बनाया गया है । हालांकि कचरा कलेक्शन के लिए गाड़ी बहुत से घरों में पहुंच नहीं पा रही है । अधिकारियों के अनुसार सीवरेज लाइन जहां जहां बिछाई जा चुकी है वहां ही चार्ज वसूला जाएगा कचरा गाड़ी भी जा नहीं पहुंच पा रही है वहां वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी । उपभोक्ताओं पर ढाई करोड़ का बकाया है ओर शहर में 20 हजार 150 जल उपभोक्ता है । अमृत योजना के तहत शहर में पानी की मीटर भी लगाने हैं । फिलहाल उपभोक्ताओं को एवरेज बिल ही दिए जा रहे हैं। ऐसे में जिन उपभोक्ताओं का बकाया चल रहा है उनसे वसूली के लिए दो टीमें बनाई हैं । यह टीमें उपभोक्ताओं के घरों पर जाकर रुपए जमा करवाएगी ओर उपभोक्ता बकाया जमा नहीं करवाते तो उनका नल कनेक्शन काट दिया जाएगा। यही नहीं शहर में सीवरेज लाइन बिछाने का काम भी अभी अधूरा है लाइन बिछाने के साथ ही 7 से 8 हजार घरों में कनेक्शन भी किए जा चुके हैं। वैसे इस काम को दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था। बिबनवा रोड से गांधीग्राम में मिनी सीवरेज प्लांट का काम अभी पूरा नहीं हुआ है और कई जगह सीवरेज लाइन खुद के पड़ी हुई है तो आमजन इससे परेशान हैं। यही नहीं नगर परिषद के पास डोर टू डोर कचरा करेक्शन के लिए 20 गाड़ियां है जो शहर के सभी एरिया में नहीं जा पा रही है । पुराने शहर में तो अधिकांश आबादी में सकरी गलिया रहती है जहां कचरा गाड़ी नहीं पहुंच सकती । वार्ड संख्या 17 ,10 ,22 ,23 ,24 की कई गलियों में गाड़ी नहीं जा सकती। इसके अलावा नगर परिषद के पास कोई गीला सूखा कचरा अलग करने की व्यवस्था भी नहीं है ।

जलदाय विभाग के प्रकोष्ठ द्वारा नवंबर माह से इस चार्ज लगे शुल्क को वसूलना था लेकिन नगर परिषद व जलदाय विभाग ने पिछले 3 माह का चार्ज जोड़कर इस माह में भेज दिया है किसी उपभोक्ता को 600 को तो किसी उपभोक्ता को 700, 800, 900 का बिल पहुंचा है । यहां पर उपभोक्ताओं को ₹300 के आसपास सीवरेज तथा डोर टू डोर कचरा करेक्शन का चार्ज जोड़ा गया है । जिससे उपभोक्ताओं को झटका लगा है और उन्होंने जलदाय विभाग और नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं । उनका कहना है कि नल सप्लाई पहले सही नहीं आती उसके साथ हम से कचरा व सीवरेज का चार्ज वसूला जा रहा है हमें यह बता दें कि कहां सीवरेज चल रही है और कहां कचरे की सफाई हो रही है । यह व्यवस्था दुरुस्त भी नहीं है ऐसे में फिर भी हम से ऐसा चार्ज वसूला जा रहा है । हमारे ऊपर बहुत भर आ चुका है एक तरफ मंदी का दौर है और दूसरी तरफ आम जन की पीड़ा सरकार नहीं देख रही है और हम पर चार्ज वसूला जा रहा है । उन्होंने कहा है कि जल्द चार्ज को हटाया जाए और जो सामान्य राशि बिल की जमा होती है वह जमा करवाई जाए ।


Conclusion:उधर जलदाय विभाग के अधिकारी यह बोल कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि हमें सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के आदेश सरकार से प्राप्त हुए हैं और सरकार के आदेश अनुसार हमने राशि का चिन्हित किया है और हम हर उपभोक्ता से यह पैसे वसूल नहीं रहे हैं । जहां-जहां सीवरेज व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाड़ियां जा रही है वहां वहां हम यह राशि का शुल्क लगा रहे हैं । पूर्व के 3 माह के जुड़कर यह पैसा आया है लेकिन अब हर माह ₹50 कचरा व ₹58 सीवरेज रिचार्ज आएगा जो सबको देना होगा। उन्होंने कहा है कि इस व्यवस्था के बारे में हम कुछ कह नहीं सकते कुछ कर नहीं सकते जैसे में आदेश मिले हैं वैसा हम कार्य कर रहे हैं ।

जलदाय विभाग द्वारा लगाए गए इस सीवरेज व कचरा कलेक्शन पर चार्ज को लेकर उपभोक्ताओं को बिल तो पहुंच चुके हैं लेकिन उन्होंने इस प्रक्रिया पर आक्रोश जताया है और कुछ लोगों ने तो बिल जमा कराते समय देवपुरा रोड स्थित जलदाय विभाग के कार्यालय में भी हंगामा कर दिया और कहा कि हम किस बात का पैसा दे लेकिन अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए आए और वह लोगों को संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं दे सके ऐसे में उन्हें नल कनेक्शन कटवाने की धमकी अधिकारी द्वारा दी गई और आम लोगों को अपना बिल जमा करवाना ही पड़ा ।

बाईट:- ऋतिराज सैनी , आक्रोशित उपभोक्ता
बाईट - गौरी शंकर , बुजुर्ग
बाईट - जाया गुरबानी , गृहणी
बाईट - तीजु बाई , बुजुर्ग
बाईट - विनायक शर्मा , सहायक अधिशाषी अधिकारी , जल दाय विभाग

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