बूंदी. राजस्थान का पहला सब्जी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्क्रष्टता केन्द्र) बूंदी में बनकर तैयार हो गया है. हालांकि प्रदेश में अलग-अलग जिलों में उत्कृष्टता केंद्र है, लेकिन सब्जी उत्पादन का पहला उत्कृष्टता केंद्र बूंदी में ही बनाया गया है. पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी ने इस उत्कृष्टता केंद्र की नींव रखी थी और भवन का निर्माण करवाया था. इससे किसानों को सब्जी उत्पादन की नवीनतम तकनीक एवं उचित फल सब्जी प्रसंस्करण तकनीक जानने का मौका मिलेगा.
सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में बड़ी-बड़ी नर्सरी बनाई गई हैं और पौध के लिए अलग से भूमि बनाई गई है, ताकि कोई भी किसान यहां आकर अपनी फसल का बीज जमा करवाएगा और कुछ दिन बाद उस पौध को यहां से ले जाकर किसान सीधे अपने फसल में शामिल कर सकते हैं. जिससे किसानों का पौध तैयार करने में होने वाला खर्चा भी बच जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस उत्कृष्टता केंद्र की नींव रखी थी.
'10 करोड़ की लागत से बना है यह केंद्र'
सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस यानी सब्जी उत्कृष्टता केंद्र के अधिकारियों की मानें तो सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट को 10 करोड़ की लागत से बनवाया है और सरकार ने पिछले ही महीने इस प्रोजेक्ट के 10 करोड़ के भुगतान को जारी कर दिया गया है. राशि मिलने के बाद से ही धीरे-धीरे इस पर काम शुरू कर दिया गया है.
बूंदी शहर के छत्रपुरा रोड पर स्थित ईश्वरी फ्लोधान में यह सब्जी उत्कृष्टता केंद्र बनाया गया है. इसे अनुसंधान केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. यहां ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस, बूंद-बूंद सिंचाई और फव्वारे सिंचाई संयंत्र लगाए गए हैं.
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वहीं इस केंद्र में ऑफिस प्रयोग के हिसाब से लेबोरेटरी भी स्थापित की गई है. ताकि जब यहां फसल की नई-नई किस्में तैयार हो, तो इस लेबोरेटरी में उनको जांचा जा सके. इसके अलावा यहां हाईटेक नर्सरी भी बनाई गई है और एक ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित किया गया है. जहां पर किसान अपना आवेदन करने के बाद पहुंचेंगे.
'अधिकारी देंगे ट्रेनिंग'
सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में अधिकारी ट्रेनिंग देंगे कि किस तरीके से कौन सी फसल में क्या-क्या किस्म है. कौन-कौन से बीज इस्तेमाल किया जा सकता है. इस बारे में बताया जाएगा, ताकि किसान अच्छी तरीके से फसल की पैदावार कर सकें. वर्तमान में सब्जी उत्कृष्टता केंद्र पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है और कृषि विभाग के अधिकारी नर्सरी में पौध तैयार करने में जुटे हुए हैं.
'बूंदी में होती है कई प्रकार की सब्जियां'
बूंदी जिले में सब्जियों का रकबा हमेशा बढ़ता हुआ आया है और अच्छी पैदावार यहां सब्जी की होती है. यहां सबसे ज्यादा भिंडी टमाटर, मटर, बैंगन, गोभी, हल्दी, अरबी होती है. इनमें से मटर, भिंडी तो राज्य के बाहर भी जाती है.
बड़ा नया गांव में तो मटर मंडी भी लगती है. इसी तरह से जिले के केशोरायपाटन के गुडली गांव में भिंडी की मंडी लगती है. जहां पर स्थानीय और बाहर से व्यापारी आते हैं और इस फसल को खरीदकर ले जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बूंदी में सब्जी उत्कृष्टता केंद्र की शुरुआत की है, ताकि किसान आसानी से इन सब्जियों के पौधों को तैयार कर सकें.
इस उत्कृष्टता केंद्र में जिले में सब्जियों के आधा दर्जन प्रकार ही किसान उपज करते हैं. जबकि उत्कृष्टता केंद्र में जितने भी सब्जियों के प्रकार होते हैं. उतने बीज किसान लाकर यहां जमा करवा सकते हैं और यहां से कुछ दिनों बाद उसकी पौध ले सकते हैं.
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उत्कृष्टता केंद्र में सब्जियां हाइब्रिड सीड से तैयार होंगी. यहां तक विपरीत मौसम में भी किसान सब्जियों का उत्पादन कर सकेंगे. केंद्र में किसान प्रदर्शन के दौरान सब्जियों को देख सकेंगे. वहीं किसान अपने खेतों में अच्छी तकनीक का उपयोग कर सकेंगे.
'किसानों को यूं होगा फायदा, लागत लगेगी कम'
जानकारी के अनुसार किसान अपनी फसल को तैयार करने में काफी खर्च करता है. ऐसे में सब्जी उत्पादक किसानों को इस दौरान फसल की काफी देखरेख करनी होती है. बूंदी में सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में किसान जो अपनी भूमि में बीज लगाकर पौध तैयार करता था. वह नहीं कर सीधा उत्कृष्टता केंद्र के अधिकारियों को जमा करवाएगा और अधिकारी उसके बीज को अपने केंद्र में लगाकर और उसको पौध तैयार कर देंगे.
इसके पीछे सरकार का मकसद है कि किसान को खेत में पौध तैयार करने के लिए कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है. उसे कीटनाशक का छिड़काव करना और रोग नहीं लगे इसको लेकर समय-समय पर देख बहाल करना पड़ता है. इसमें किसानों को काफी खर्च उठाना पड़ता है. लेकिन सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में केवल किसानों को बीज ही देना होगा और पूरा पौध केंद्र तैयार कर देंगे.
केंद्र बिना कीटनाशक का प्रयोग किए ही शुद्ध रूप से पौधा केंद्र तैयार करके देगा, तो फसल की उपज भी अच्छी होगी. केवल किसानों को एक पौधे पर 1 रुपए का शुल्क इस केंद्र में जमा कराना होगा. जो सामान्य शुल्क है.
'पूर्व मंत्री लगा रहे आरोप'
एक तरफ से यह केंद्र बनकर तैयार हो गया है इसका दावा किया जा रहा है. वहीं इस मामले में वसुंधरा सरकार में कृषि मंत्री रहे प्रभुलाल सैनी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मैंने मेरे कार्यकाल में पांच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की थी और अलग-अलग जिलों में अलग-अलग किस्म के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए थे. जिसमें बूंदी में सब्जी उत्कृष्टता केंद्र का निर्माण किया था, ताकि यहां पर किसान सब्जी अधिक करते हैं, तो उन किसानों को पौध तैयार करने में आसानी हो.
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उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार भुगतान नहीं कर रही है. जिसके चलते भवन पूरी तरह से बंद हो गया है और कार्य आगे बढ़ नहीं पा रहा है. सरकार को चाहिए कि सरकार इस भवन में कार्य के लिए भुगतान करे, ताकि किसानों को फायदा हो सके और किसान बढ़ेगा तो निश्चित रूप से राजस्थान भी बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि उम्मीद करता हूं कि जल्द से जल्द राजस्थान सरकार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भुगतान कर किसानों को सौगात देगी.
वहीं सब्जी उत्कृष्टता केंद्र के अधिकारी हेमंत गेरा का कहना है कि सरकार ने कोई भी पैसा रोक नहीं रखा और पिछले महीने ही सरकार ने टेंडर के पूरे अमाउंट को जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही कार्य प्रगति पर है धीरे-धीरे नर्सरी में पौधे तैयार करने का काम किया जा रहा है. एक साथ काम नहीं हो सकता है. जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत हैं. इस सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में निश्चित ही किसानों को फायदा मिलेगा.