बूंदी. प्रदेश में गुर्जर आरक्षण को लेकर फिर विवाद शुरू हो गया है. यहां गुर्जर कोटे से मुस्लिम समाज की कुछ जातियों को शामिल किये जाने को लेकर गुर्जर समाज ने कड़ी अप्पति जताई है. बता दें की आरक्षण के मसले पर पहले भी गुर्जर समाज अन्य जातियों को एमबीसी कोटे में शामिल करने का विरोध कर चुका है.
वहीं, मुस्लिम समाज का नाम एमबीसी सर्वे में सामने आने पर विरोध तेज हो गया है. मंगलवार को बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोग जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे और उन्होंने कलेक्ट्रेट के बाहर टायर जलाकर सड़क को जाम कर दिया और प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान लोगों ने जमकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की. प्रदर्शन कर जुलूस के रूप में गुर्जर समाज के लोग कलेक्ट्रेट में जा रहे थे. तभी पुलिस ने कलेक्ट्रेट का दरवाजा बंद कर दिया. जिस वजह से पुलिस और गुर्जर समाज के लोगों में टकराव की स्थिति पैदा हो गयी.
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हालांकि, गुर्जर समाज के लोग जिला कलेक्टर से मिल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. गुर्जर नेता पंकज गुर्जर ने कहा कि संघर्ष हमने किया है, गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान गुर्जर समाज ने बलिदान दिया है. अब कैसे हम किसी और को आरक्षण दे सकते हैं. पंकज गुर्जर ने कहा की अगर सरकार ने 7 दिनों के अंदर फैसला वापस नहीं लिया तो फिर से आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे.
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गौरतलब है की गुर्जरों को आरक्षण देने वाला बिल पिछले दिनों राजस्थान विधानसभा से पारित कर दिया है. इस बिल में विशेष पिछड़ा वर्ग के अंदर गुर्जर और अन्य जातियों को 5 फीसदी आरक्षण मिलने पर मुहर लगी थी. विशेष पिछड़ा वर्ग के अंदर आनी वाली जातियों का सर्वे चल रहा है. लेकिन सर्वे के अंदर मुस्लिमों को आरक्षण देने का गुर्जर नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है. एमबीसी कोटे के अंदर जिन जातियों का सर्वे हो रहा है उनमें मुस्लिम के मांगणियार, ढाढी, लंगा, दमामी, मीर, नगरची, राणा, बायती, बारोट, मिरासी समाज शामिल हैं.