कोटा. प्रदेश में लगातार कई विधायक अपनी सरकार की सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाते रहे हैं. अब इनकी फेहरिस्त में मंत्री अशोक चांदना भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार में सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही सरकार के खिलाफ बूंदी में धरना शुरू कर दिया. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने एसई आपरेशन एंड मैनेजमेंट जेपी बैरवा को एपीओ कर दिया है.
धरने पर बैठे मंत्री चांदना: दरअसल, मंत्री अशोक चांदना ने शुक्रवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित की थी. इसमें किसानों को ट्रांसफार्मर और उचित समय पर बिजली नहीं मिलने का मामला था. इस जनसुनवाई में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारी चांदना के निशाने पर रहे. अधिकारियों पर मीटिंग के दौरान मंत्री चांदना ने नाराजगी जताई और उसके बाद में बाहर निकल गए. इसके चंद मिनट बाद ही उन्होंने बस स्टैंड के नजदीक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान भी पहुंच गए.
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ट्रांसफार्मर वितरण में भेदभाव: चांदना का आरोप है कि डिस्कॉम के अधिकारी उनकी बात नहीं मान रहे हैं. जबकि जिले के अन्य दो भाजपा विधायकों की ज्यादा सुनवाई की जा रही है. चांदना ने कहा कि ट्रांसफार्मर वितरण में भेदभाव किया जा रहा है. उनके विधानसभा क्षेत्र हिंडोली और नैनवा के लोग परेशान हो रहे हैं. एक ट्रांसफार्मर को डेढ़ महीने तक भी नहीं बदला जा रहा. चांदना ने कहा कि सीएम गहलोत किसानों को बिजली फ्री देना चाह रहे हैं, लेकिन अधिकारी उनकी योजना को पलीता लगाने में जुटे हैं. बूंदी के साथ षड्यंत्र किया जा रहा है और यहां की ट्रांसफार्मर के दूसरी जगह पर भेजा जा रहा है.
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बकरी का बच्चा नहीं: उन्होंने कहा कि हमारे 5 साल के काम की वाहवाही को खा जाओ. इस एक डेढ़ महीने में खा जाओ. मैं कोई बकरी का बच्चा नहीं हूं कि मुझे खा जाओगे. इतनी जल्दी से मैं आपको खाने नहीं दूंगा. जिस दिन मैंने ट्वीट किया कि मैं धरना दूंगा, तब जिले में 799 डीपी कम थी, दो बीजेपी के विधायक बूंदी और केशोरायपाटन से हैं, लेकिन मेरे इलाके में ही 500 डीपी कम थी, जबकि उनके दोनों के इलाके में महज 300 कम थी.
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उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारियों की मनमानी चल रही है. क्योंकि 330 डीपी का स्टॉक था. जबकि जिले के अधिकारियों 60 डीपी नहीं बाटने की वजह दूसरे जिलों में चली गई. यह भी इसलिए हुआ, क्योंकि जयपुर और कोटा में बैठे अधिकारियों को लगा की बूंदी में समस्या नहीं है. यह मिस मैनेजमेंट किसका रहा है, यह भी जांच होनी चाहिए.
चांदना ने कहा कि यह धरना तब तक चालू रहेगा, जब तक हमारी डीपी की आपूर्ति वापस नहीं हो जाती है. बैठक के दौरान जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी, एडीएम राजपाल सिंह, जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर, कांग्रेस जिला अध्यक्ष व पूर्व विधायक सीएल प्रेमी सहित कई लोग मौजूद थे. इसके बाद कांग्रेस के यह नेता और पदाधिकारी भी धरने पर पहुंचे. चांदना के धरने का असर यह हुआ कि राज्य सरकार ने एसई आपरेशन एंड मैनेजमेंट जेपी बैरवा को एपीओ कर दिया है.