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'मैं खादी हूं' कार्यक्रम में पहुंचे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, आमजन से की प्लास्टिक यूज कम करने की अपील

बूंदी में खादी ग्राम उद्योग विभाग की ओर से 'मैं खादी हूं' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित खादी ग्राम उद्योग के अध्यक्ष विनय सक्सेना मौजूद रहे. कार्यक्रम के जरिए मिट्टी के कुम्भकार, बुनकर और कई शिल्पकारों को नई दिशा देने का काम किया गया. वहीं कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला देश में प्लास्टिक यूज कम करने और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग ज्यादा करने की अपील करते हुए नजर आए.

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Published : Dec 8, 2019, 8:48 PM IST

Lok Sabha Speaker Om Birla, Om Birla in bundi
बूंदी में 'मैं खादी हूं' कार्यक्रम में पहुंचे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

बूंदी. शहर में खादी ग्रामोद्योग कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें जिलेभर से आए प्रजापत समाज से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और खादी ग्रामोद्योग अध्यक्ष विनय सक्सेना ने मंच से करीब 500 से अधिक कुंभकारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक वितरित किए, साथ ही हाथ से कपड़े व धागे बनाने वाले बुनकरों और जूतों का कार्य करने वाले कारीगरों को नई तकनीक वाली सामग्रियां दी. इस दौरान कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ने सभी बुनकर, मजदूरों और शिल्पकार और जूते के कारीगरों की हर स्टॉल पर जाकर उनसे वार्ता कर उनकी कार्यप्रणाली को जाना.

बूंदी में 'मैं खादी हूं' कार्यक्रम में पहुंचे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

प्लास्टिक को लेकर लोकसभा अध्यक्ष की जनता से अपील
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज देश में प्लास्टिक यूज होने से आमजन के स्वास्थ्य पर काफी खतरा मंडराता है, तो पर्यावरण व नदी तालाबों एवं समुंदरों तक इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. इसको लेकर खादी ग्राम उद्योग द्वारा जो कुल्हड़ का निर्माण किया गया है. वह काफी सराहनीय है और मैं इसको लेकर जल्द ही केंद्र सरकार के मंत्री से बात करूंगा कि वह हाड़ौती क्षेत्र के मिट्टी के कुल्हड़ के लिए एक योजना तैयार करें. जिसके माध्यम से जैसे कुल्हड़ तैयार हो वैसे उनकों यहां से उसे खरीद लिया जाए, ताकि उन कुंभकारों को समय रहते अच्छी आय उपलब्ध हो सकें. वहीं बिरला ने अपील की है कि जो प्लास्टिक के बर्तन, बोतल, गिलास होते थे उनकी जगह इन मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें. जिससे एक नई क्रांति देश में जागरूक हो सकें.

पढ़ें- 'पानीपत' पर नहीं थम रहा विवाद, पूर्व CM वसुंधरा राजे ने भी जताया विरोध, महाराज सूरजमल के चित्रण पर जताई आपत्ति

खादी ग्राम उद्योग की नई पहल
जहां एक तरफ पूरे देश में एक ओर मिट्टी के बर्तन चाक पर बनाने वाले कारीगर, बुनकर, मजदूरों की लगातार कमी आ रही है, साथ ही इन पुराणिक चीजों से लोगों का मोहभंग होता जा रहा है. इसी को लेकर खादी ग्राम उद्योग ने एक नई पहल की है और इन सारे कार्यों को एक जगह पर लाने का काम किया है. खादी ग्राम उद्योग का मानना है कि देश का हर नागरिक जब वह किसी भी वस्तु का इस्तेमाल करें तो वह वस्तु अपनी माटी की बनी हुई हो. जिसके लिए विभाग ने मिट्टी का कुल्हड़ तैयार किया है. जिसके माध्यम से जब कोई भी व्यक्ति कुल्हड़ से चाय या पानी पीयेगा तो उसे उसकी माटी की याद आएगी. साथ ही वह जमीन से जुड़ा रहेगा और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

खादी ग्राम उद्योग के सुझाव को रेल मंत्रालय ने माना
जिसको ध्यान में रखते हुए हाल ही में केंद्र सरकार के मंत्री से मिलकर पूरे देश के करीब 300 रेलवे स्टेशनों पर अनिवार्य रूप से कुल्हड़ का प्रयोग करने के लिए अनुरोध किया था. इस पर खादी ग्राम उद्योग के इस सुझाव को रेल मंत्रालय ने माना और देश के 300 रेलवे स्टेशन राजस्थान के 25 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ से चाय लाना अनिवार्य कर दिया. वहीं आज के युग में जिस तरीके से देश तरक्की की राह पर है और इस कुल्लड को बनाने के लिए जो चाक था, वह भी इलेक्ट्रॉनिक हो इसको लेकर भी खादी ग्राम उद्योग ने इलेक्ट्रॉनिक चाक का निर्माण किया है और जो शिल्पकार व कुंभकार इन कुल्हड़ का निर्माण करते हैं उन कुंभकारों को यह इलेक्ट्रॉनिक चाक मुहैया करवाया है, ताकि वह जल्द से जल्द कुल्हड़ को तैयार कर ले और उसे मार्केट में बेच दें. जिससे उनकी आय तथा उनके परिवार का खर्चा अच्छे से चल सके.

पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महंगी होती न्याय व्यवस्था पर जताई चिंता

बुनकरों को सहूलियत वाली मशीनें उपलब्ध करवाई
साथ ही देश में हाथों से बनने वाले कपड़े धागे जिन्हें बुनकर कहा जाता है. बुनकरों के लिए भी खादी ग्राम उद्योग ने काफी अच्छी व्यवस्था की है. यहां पर उन्हें भी सहूलियत वाली मशीनें उपलब्ध करवाई है. जिससे आसानी से बुनकर मजदूर उन मशीनों का उपयोग कर कपड़ा और धागे का निर्माण कर सकेंगे. इसको लेकर भी खादी ग्राम उद्योग ने काफी सकारात्मक पहल बुनकर उद्योगों के लिए की है.

मोची को 'चर्म चिकित्सक' नाम दिया
खादी ग्राम उद्योग ने शहर में आमतौर पर जूतों की सफाई करने वाले गरीब मजदूरों को मोची के नाम से जाना जाता था, लेकिन खादी ग्रामोद्योग ने इस शब्द को हटाकर 'चर्म चिकित्सक' नाम दिया है और इन्हें चर्म चिकित्सक खादी ग्राम उद्योग द्वारा बोला जा रहा है. यहां खादी ग्राम उद्योग द्वारा भी उन्हें चर्म टूल मुहैया करवाया गया और उसके लिए भी राज्य व केंद्र में सब्सिडी खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से दी जा रही है.

पढ़ें- राजनीतिक दलों की फंडिंग दो नंबर के रुपए से होती हैः मुख्यमंत्री गहलोत

मधुमक्खी की खेती के लिए बॉक्स भी सब्सिडी दर में मुहैया कराया
यही नहीं देश में किसान मधुमक्खी की खेती करता है तो उसे भी बॉक्स की आवश्यकता होती है, तो इसको लेकर खादी ग्रामोद्योग ने किसानों को भी बी बॉक्स भी सब्सिडी दर में मुहैया करवाया है. जिसके चलते किसान मधुमक्खी की खेती के दौरान उस बी बॉक्स का उपयोग कर सकेगा. जिससे मधुमक्खी का पालन भी हो सकेगा और मधुमक्खी का उपयोग भी हो सकेगा. यह बॉक्स भी आज के समारोह में वितरित किए गए हैं.

बूंदी. शहर में खादी ग्रामोद्योग कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें जिलेभर से आए प्रजापत समाज से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और खादी ग्रामोद्योग अध्यक्ष विनय सक्सेना ने मंच से करीब 500 से अधिक कुंभकारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक वितरित किए, साथ ही हाथ से कपड़े व धागे बनाने वाले बुनकरों और जूतों का कार्य करने वाले कारीगरों को नई तकनीक वाली सामग्रियां दी. इस दौरान कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ने सभी बुनकर, मजदूरों और शिल्पकार और जूते के कारीगरों की हर स्टॉल पर जाकर उनसे वार्ता कर उनकी कार्यप्रणाली को जाना.

बूंदी में 'मैं खादी हूं' कार्यक्रम में पहुंचे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

प्लास्टिक को लेकर लोकसभा अध्यक्ष की जनता से अपील
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज देश में प्लास्टिक यूज होने से आमजन के स्वास्थ्य पर काफी खतरा मंडराता है, तो पर्यावरण व नदी तालाबों एवं समुंदरों तक इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. इसको लेकर खादी ग्राम उद्योग द्वारा जो कुल्हड़ का निर्माण किया गया है. वह काफी सराहनीय है और मैं इसको लेकर जल्द ही केंद्र सरकार के मंत्री से बात करूंगा कि वह हाड़ौती क्षेत्र के मिट्टी के कुल्हड़ के लिए एक योजना तैयार करें. जिसके माध्यम से जैसे कुल्हड़ तैयार हो वैसे उनकों यहां से उसे खरीद लिया जाए, ताकि उन कुंभकारों को समय रहते अच्छी आय उपलब्ध हो सकें. वहीं बिरला ने अपील की है कि जो प्लास्टिक के बर्तन, बोतल, गिलास होते थे उनकी जगह इन मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें. जिससे एक नई क्रांति देश में जागरूक हो सकें.

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खादी ग्राम उद्योग की नई पहल
जहां एक तरफ पूरे देश में एक ओर मिट्टी के बर्तन चाक पर बनाने वाले कारीगर, बुनकर, मजदूरों की लगातार कमी आ रही है, साथ ही इन पुराणिक चीजों से लोगों का मोहभंग होता जा रहा है. इसी को लेकर खादी ग्राम उद्योग ने एक नई पहल की है और इन सारे कार्यों को एक जगह पर लाने का काम किया है. खादी ग्राम उद्योग का मानना है कि देश का हर नागरिक जब वह किसी भी वस्तु का इस्तेमाल करें तो वह वस्तु अपनी माटी की बनी हुई हो. जिसके लिए विभाग ने मिट्टी का कुल्हड़ तैयार किया है. जिसके माध्यम से जब कोई भी व्यक्ति कुल्हड़ से चाय या पानी पीयेगा तो उसे उसकी माटी की याद आएगी. साथ ही वह जमीन से जुड़ा रहेगा और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

खादी ग्राम उद्योग के सुझाव को रेल मंत्रालय ने माना
जिसको ध्यान में रखते हुए हाल ही में केंद्र सरकार के मंत्री से मिलकर पूरे देश के करीब 300 रेलवे स्टेशनों पर अनिवार्य रूप से कुल्हड़ का प्रयोग करने के लिए अनुरोध किया था. इस पर खादी ग्राम उद्योग के इस सुझाव को रेल मंत्रालय ने माना और देश के 300 रेलवे स्टेशन राजस्थान के 25 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ से चाय लाना अनिवार्य कर दिया. वहीं आज के युग में जिस तरीके से देश तरक्की की राह पर है और इस कुल्लड को बनाने के लिए जो चाक था, वह भी इलेक्ट्रॉनिक हो इसको लेकर भी खादी ग्राम उद्योग ने इलेक्ट्रॉनिक चाक का निर्माण किया है और जो शिल्पकार व कुंभकार इन कुल्हड़ का निर्माण करते हैं उन कुंभकारों को यह इलेक्ट्रॉनिक चाक मुहैया करवाया है, ताकि वह जल्द से जल्द कुल्हड़ को तैयार कर ले और उसे मार्केट में बेच दें. जिससे उनकी आय तथा उनके परिवार का खर्चा अच्छे से चल सके.

पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महंगी होती न्याय व्यवस्था पर जताई चिंता

बुनकरों को सहूलियत वाली मशीनें उपलब्ध करवाई
साथ ही देश में हाथों से बनने वाले कपड़े धागे जिन्हें बुनकर कहा जाता है. बुनकरों के लिए भी खादी ग्राम उद्योग ने काफी अच्छी व्यवस्था की है. यहां पर उन्हें भी सहूलियत वाली मशीनें उपलब्ध करवाई है. जिससे आसानी से बुनकर मजदूर उन मशीनों का उपयोग कर कपड़ा और धागे का निर्माण कर सकेंगे. इसको लेकर भी खादी ग्राम उद्योग ने काफी सकारात्मक पहल बुनकर उद्योगों के लिए की है.

मोची को 'चर्म चिकित्सक' नाम दिया
खादी ग्राम उद्योग ने शहर में आमतौर पर जूतों की सफाई करने वाले गरीब मजदूरों को मोची के नाम से जाना जाता था, लेकिन खादी ग्रामोद्योग ने इस शब्द को हटाकर 'चर्म चिकित्सक' नाम दिया है और इन्हें चर्म चिकित्सक खादी ग्राम उद्योग द्वारा बोला जा रहा है. यहां खादी ग्राम उद्योग द्वारा भी उन्हें चर्म टूल मुहैया करवाया गया और उसके लिए भी राज्य व केंद्र में सब्सिडी खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से दी जा रही है.

पढ़ें- राजनीतिक दलों की फंडिंग दो नंबर के रुपए से होती हैः मुख्यमंत्री गहलोत

मधुमक्खी की खेती के लिए बॉक्स भी सब्सिडी दर में मुहैया कराया
यही नहीं देश में किसान मधुमक्खी की खेती करता है तो उसे भी बॉक्स की आवश्यकता होती है, तो इसको लेकर खादी ग्रामोद्योग ने किसानों को भी बी बॉक्स भी सब्सिडी दर में मुहैया करवाया है. जिसके चलते किसान मधुमक्खी की खेती के दौरान उस बी बॉक्स का उपयोग कर सकेगा. जिससे मधुमक्खी का पालन भी हो सकेगा और मधुमक्खी का उपयोग भी हो सकेगा. यह बॉक्स भी आज के समारोह में वितरित किए गए हैं.

Intro:बूंदी में खादी ग्राम उद्योग विभाग की ओर से मैं खादी हूं कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व खादी ग्राम उद्योग के अध्यक्ष विनय सक्सेना मौजूद रहे । इस कार्यक्रम के माध्यम से मिट्टी के कुम्भकार, बुनकर , चर्म चिकित्सक सहित कई शिल्पकार को नई दिशा देने का काम किया गया और देश में प्लास्टिक यूज कम हो और मिट्टी के बर्तनों का यूज़ ज्यादा हो इसको लेकर मंच से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अपील करते हुए नजर आए ।


Body:बूंदी में खादी ग्रामोद्योग कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें जिले भर से आए प्रजापत समाज से जुड़े लोगों ने शिरकत की । इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने व खादी ग्रामोद्योग अध्यक्ष विनय सक्सेना ने मंच से करीब 500 से अधिक कुंभ कारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक वितरित किए । साथ ही हाथ से कपड़े व धागे बनाने वाले बुनकरों तथा जूतों का कार्य करने वाले चर्म चिकित्सकों को कई नई तकनीक वाली सामग्रियां प्रदान की । कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ने सभी बुनकर मजदूरों और शिल्पकार तथा चर्म चिकित्सकों की हर स्टॉल पर जाकर उनसे वार्ता की तथा उनकी कार्यप्रणाली को जाना। इस दौरान कुम्भकार, शिल्पकार व मजदूर भी लोकसभा स्पीकर तथा अध्यक्ष को बेखुबी अपनी सामग्रियों की जानकारी देते हुए नजर आए ।

आपको बता दें कि पूरे देश में एक और मिट्टी के बर्तन वह चाक (मिट्टी बनाना वाला यंत्र ) पर बनाने वाले कारीगर एवं बुनकर मजदूरों की लगातार कमी आ रही है और इन पुराणिक चीजों से लोगों का मोहभंग होता जा रहा है । इसी को लेकर खादी ग्राम उद्योग ने एक नई पहल की है और इन सारे कार्यों को एक जगह पर लाने का काम किया है । खादी ग्राम उद्योग का मानना है कि देश का हर नागरिक जब वह किसी भी वस्तु का इस्तेमाल करें तो वह वस्तु अपनी माटी की बनी हुई हो जिसके लिए विभाग ने मिट्टी का कुल्हड़ तैयार किया है जिसके माध्यम से जब कोई भी व्यक्ति कुल्हड़ से चाय या पानी पीयेगा तो उसे उसकी माटी की याद आएगी। साथ ही वह जमीन से जुड़ा रहेगा और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा इसको लेकर उन्होंने हाल ही में ही केंद्र सरकार के मंत्री से मिलकर पूरे देश के करीब 300 रेलवे स्टेशनों पर अनिवार्य रूप से कुल्हड़ का प्रयोग करने के लिए अनुरोध किया था । इस पर खादी ग्राम उद्योग के इस सुझाव को रेलवे मंत्रालय ने माना और देश के 300 रेलवे स्टेशन राजस्थान के 25 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ से चाय लाना अनिवार्य कर दिया। साथ ही अन्य सामग्रियों की चीजें भी कुल्हाड़ी रेलवे स्टेशनों पर दी जाएगी ऐसा दवा खादी ग्राम उद्योग ने किया है । साथ ही आज के युग में जिस तरीके से देश तरक्की की राह पर है और इस कुल्लड को बनाने के लिए जो चाक था वह भी इलेक्ट्रॉनिक हो इसको लेकर भी खादी ग्राम उद्योग ने इलेक्ट्रॉनिक चौक का निर्माण किया है और जो शिल्पकार व कुंभकार इन कुल्हड़ का निर्माण करते हैं उन कुंभकारों को यह इलेक्ट्रॉनिक चाक मुहैया करवाया है ताकि वह जल्द से जल्द कुल्हड़ को तैयार कर ले और उसे मार्केट में बेच दे जिससे उनकी आय तथा उनके परिवार का खर्चा अच्छे से चल सके । साथ ही देश में हाथों से बनने वाले कपड़े धागे जिन्हें बुनकर कहा जाता है बुनकरों के लिए भी खादी ग्राम उद्योग ने काफी अच्छी व्यवस्था की है यहां पर उन्हें भी सुलियत वाली मशीनें उपलब्ध करवाई है जिससे आसानी से बुनकर मजदूर उन मशीनों का उपयोग कर कपड़ा और धागे का निर्माण कर सकेंगे इसको लेकर भी खादी ग्राम उद्योग ने काफी सकारात्मक पहल बुनकर उद्योगों के लिए की है । खादी ग्राम उद्योग ने शहर में आमतौर पर जूतों की सफाई करने वाले गरीब मजदूरों को मोची के नाम से जाना जाता था लेकिन खादी ग्रामोद्योग ने इस शब्द को हटाकर चर्म चिकित्सक नाम दिया है और इन्हें चर्म चिकित्सक खादी ग्राम उद्योग द्वारा बोला जा रहा है । यहां खादी ग्राम उद्योग द्वारा भी उन्हें चर्म टूल मुहैया करवाया गया और उसके लिए भी राज्य व केंद्र में सब्सिडी खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से दी जा रही है । यही नहीं देश में किसान मधुमक्खी की खेती करता है तो उसे भी बॉक्स की आवश्यकता होती है तो इसको लेकर खादी ग्रामोद्योग ने किसानों को भी बी बॉक्स भी सब्सिडी दर में मुहैया करवाया है जिसके चलते किसान मधुमक्खी की खेती के दौरान उस बी बॉक्स का उपयोग कर सकेगा जिससे मधुमक्खी का पालन भी हो सकेगा और मधुमक्खी का उपयोग भी हो सकेगा यह बॉक्स भी आज के समारोह में वितरित किए गए हैं ।




Conclusion:लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज देश में प्लास्टिक यूज होने से आमजन के स्वास्थ्य पर काफी खतरा मंडराता है तो पर्यावरण व नदी तालाबों एवं समुंदरों तक इसका दुष्प्रभाव पड़ता है इसको लेकर खादी ग्राम उद्योग द्वारा जो कुल्हड़ का निर्माण किया गया है वह काफी सराहनीय है और मैं इसको लेकर जल्द ही केंद्र सरकार के मंत्री से बात करूंगा कि वह हाड़ौती क्षेत्र के मिट्टी के कुल्हड़ के लिए एक योजना तैयार करें जिसके माध्यम से जैसे कुल्हड़ तैयार हो वैसे उन कारों के यहां से उसे खरीद लिया जाए ताकि उन कुंभ कारों को समय रहते अच्छी आए उपलब्ध हो सके । उन्होंने अपील की है कि जो प्लास्टिक के बर्तन बोतल वह गिलास होते थे उनकी जगह इन मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें जिससे एक नई क्रांति देश में जागरूक हो सके । साथ ही उन्होंने मधुमक्खी किसानों के लिए बात करते हुए कहा कि मधुमक्खी की खेती के लिए किसानों के लिए काफी अच्छे बताया है आज उन्हें भी बॉक्स किसानों को मधुमक्खी के लिए दिए गए हैं जो अपने खेत पर उस बी बॉक्स के माध्यम से मधुमक्खी से निकलने वाले शहद का अच्छी तरह से विक्रय कर सकेंगे उन्होंने कहा कि जिस तरीके से देश में श्वेत क्रांति हरित क्रांति आ रही है उसी तरह से देश में एक शहद क्रांति आए इसको लेकर भी नई दिशा में काम किया जा रहा है साथ में उन्होंने कहा कि महिला काफी तादाद में बुनकर मजदूरों के रूप में शामिल हुई है उन्होंने खादी ग्राम उद्योग के सहयोग से महिलाएं घर में भी काफी अच्छा कार्य बुनकर के रूप में कर सकती है ।

वही किसान नरेंद्र मालव ने ईटीवी से कहा कि मधुमक्खी किसानों के लिए काफी वरदान साबित हुई है यहां किसान अगर मधुमक्खी का पालन और मधुमक्खी की खेती करता है तो उसे काफी मुनाफा इस दौरान होगा । उन्होंने केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही मधुमक्खी पालन व खेती योजना की तारीफ करते हुए कहा कि हर साल 15 लाख से अधिक आय अर्जित हो जाती है जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार का उनकी योजना का गुणगान किया है साथ ही उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वह भी अगर स्थिति में रुचि दिखाएंगे तो उन्हें भी काफी मुनाफा खेती के माध्यम से होगा । साथ ही किसान सोहनलाल ने ईटीवी से अपनी समस्या बताते हुए कहा है कि सरकार ने जो भी योजना चलाई है वह काफी अच्छी है। लेकिन इन योजनाओं को हम अपना तो रहे हैं लेकिन इन सामानों के लिए उपयोग में ली जाने वाली मिट्टी हमें समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती और मिट्टी के लिए हमें काफी संघर्ष करना होता है सरकार सुनो ने मांग की है कि शिल्पकार कुंभ कारों के लिए यह मिट्टी आसानी तरीके से मिल जाए।

यकीनन बूंदी जिले की तालेड़ा इलाके में आज केंद्र सरकार के खादी ग्रामोद्योग द्वारा आयोजित हुआ मैं खादी हूं कार्यक्रम में प्रजापत समाज के बुनकरों कुंभकारओ तथा चर्म चिकित्सकों के चार चांद लग गए । यहां पर सरकार ने इन सभी मजदूरों की देखरेख के लिए इन योजनाओं का विस्तार किया और आज इलेक्ट्रॉनिक चौक , बी बॉक्स व चर्म टूल लेकर यह सभी खुश नजर आए और सरकार का धन्यवाद देते हुए नजर आए। सरकार की इस और यही मंशा है कि जो जमीन से जुड़े कारीगर है और जो सिर्फ कलाएं हैं जो प्राचीन काल में आदमी उपयोग में लेता था वह चीजें फिर से उपयोग में लें ताकि उनके घर का भी संगीत विकास हो सके और देश स्वस्थ रहे ।

बाईट - ओम बिरला , लोकसभा स्पीकर
बाईट - नरेंद्र मालव , किसान
बाईट - शोहन लाल , कुम्भकार
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