बूंदी. छोटी काशी में पर्यटन उत्सव बूंदी उत्सव की धूम मची हुई है और जिला पूरी तरीके से उत्सवी रंग में रंगा हुआ है. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के होने के बाद अब लघु उद्योग का सिलसिला शुरू हो गया है. जिला प्रशासन की ओर बूंदी उद्योग और हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया गया है. यह उद्योग मेला 9 दिन तक बूंदी के खेल संकुल में आयोजित होगा. यहां पर देश भर से आए दुकानदार अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर उनकी बिक्री करेंगे.
प्रशासन द्वारा मेले में आए लघु उद्यमियों, दस्तकारों और महिला स्वयं सहायता समूह को पूरी क्षमता के साथ अपने उत्पादों को निखारे और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कहा गया है. जिससे कि व्यापारी अधिक से अधिक आय अर्जित कर सकें. राज्य सरकार और जिला प्रशासन स्तर पर उन्हें सुविधा देकर उनके उत्पादों के विपणन के लिए मंच प्रदान किया जा रहा है.
इन राज्यों से आए हैं व्यापारी
मेले में मुख्यत: कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान के कई जिलों के लघु उद्योग दस्तकार बुनकर शामिल हुए हैं. इस मेले में आचार, मुरब्बा, रेडीमेड वस्त्र ,बीकानेरी भुजिया, पापड़, बच्चों के खिलौने, कार्पेट, गलीचा, मांगरोल के खादी वस्त्रों के आइटम, सहारनपुर के फर्नीचर, मिकी माउस और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है.
वहीं सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा मेला परिसर में लगाए गए हैं. साथ ही होमगार्ड के जवान आदि सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए हैं. उद्योग केंद्र की ओर से बच्चों के सामान और महिलाओं के सामान के स्टोल अलग-अलग तरीके से लगाए गए हैं. मेले में महिलाओं की सजावट आइटम साथ-साथ बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले-चकरी भी लगे हैं. मेले में आए लोग खरीदारी करने के साथ ही झुले चकरी का भी आंनद ले रहे हैं.
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प्रतिदिन होंगे सांस्क्रतिक कार्यक्रम
बूंदी के खेल संकुल में आयोजित हो रहे बूंदी उद्योग और हस्तशिल्प मेले पर प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. प्रतिदिन शाम को 7 बजे विविध मनोहरी कार्यक्रम में मनाए जाएंगे, जिसमें फैंसी ड्रेस, सलोना-सलोनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जादूगर शो, विविध भारती कार्यक्रम, देशभक्ति तराना, एकल युगल नृत्य, फैशन शो, सोलह सिंगार कार्यक्रम आयोजित होने के बाद मेला समापन की ओर बढ़ेगा.
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शिल्पग्राम से हो रहे लोग प्रेरित
हस्तशिल्प मेले के अमृत हाट परिसर में महिला एवं सहायता समूह द्वारा शिल्पग्राम तैयार किया गया है. यहां पर झोपड़ी, खाट, चूल्हा सहित कई ऐसी मिट्टी की चीजें बनाई गई हैं. जो आज भी ग्रामीण शैली को प्रदर्शित करती है. इस शिल्पग्राम का नाम अमृता हाट परिसर दिया गया है. जहां पर लोग ग्रामीण शैली को देख रहे हैं और उसे निहार रहे हैं.
हर साल आयोजित होता है ये मेला
बता दें कि बूंदी में हर साल बूंदी उत्सव के तहत बूंदी उद्योग मेले और हस्तशिल्प मेले का आयोजन होता है. जहां पर देश प्रदेश से आए दस्तकारों और बुनकरों द्वारा स्टॉल लगाई जाती है. ऐसे में इस मेले के माध्यम से अच्छी खासी आये अर्जित हो जाती है. मेले में आई घरेलू उपयोग की चीजें लोगों को काफी लुभाती है. 9 दिवसीय मेले को प्रशासन द्वारा रोज विवधित कार्यक्रमों में तब्दील किया जाता है, जिससे यह मेला पूरे परवान पर चढ़ने लगता है.