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खबर का असरः बूंदी में 2 महीने से बंद पड़े हाई-वे को ऊंचा करने का कार्य शुरू

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Published : Sep 24, 2019, 6:12 PM IST

बूंदी जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. बता दें कि यहां पर 2 महीने से बंद पड़े फोरलेन को एनएचआई की कंपनी की ओर से ऊंचा करने का काम किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि करीब 7 दिन में बूंदी-कोटा-जयपुर फोरलेन शुरू हो जाएगा.

फूल सागर तालाब न्यूज, Phool Sagar pond News

बूंदी. जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. बता दें कि यहां पर 2 महीने से बंद पड़े फोरलेन को एनएचआई की कंपनी की ओर से ऊंचा करने का काम किया जा रहा है, करीब 7 दिन में बूंदी-कोटा-जयपुर फोरलेन शुरू हो जाएगा. करीब आधा किलोमीटर का हिस्सा 4 से 5 फीट पानी में डूबा हुआ था, जिसके चलते भारी वाहनों को एक आम रास्ते से निकाला जा रहा था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया तो एनएचआई प्रशासन चेता और मार्ग को ऊंचा करवा रहा है.

2 महीने से बंद पड़े हाई-वे को ऊंचा करने का कार्य शुरू

बता दें कि बूंदी के तालाब गांव के पास स्थित फूल सागर तालाब में इन दिनों उफान कम नहीं हुआ है, जिसके चलते फोरलेन पर पानी आना जारी है. करीब दो महीने से पानी का स्तर फोरलेन पर होने के कारण फोरलेन सड़क करीब आधा किलोमीटर तक 1 से 4 फीट पानी में डूबी हुई है. पिछले दिनों आई बाढ़ के चलते बूंदी-जयपुर-कोटा नेशनल हाई-वे 52 पर तालाब गांव में पानी भर गया था. इसके कारण पिछले दो महीने से रास्ते को वन-वे करके वाहनों की आवाजाही की जा रही है. वहीं, अधिकांश वाहनों को गांव के अंदर वाली पुरानी सड़कों से निकाला जा रहा है. जिससे से गुजरने वाले हर दिन सैकड़ों वाहनों के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.

पढ़ें- भीलवाड़ाः ब्लास्टिंग से मकानों में आ रही दरारों को लेकर हिंदू युवा वाहिनी का प्रदर्शन...सौंपा ज्ञापन

विभागीय इंजीनियर की अनदेखी के चलते तालाब के क्षेत्र में ही हाइवे निर्माण कंपनी ने फोरलेन का निर्माण करवाया था. फूल सागर में पानी की आवक होने से पानी भर गया और इसे सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने फोरलेन के रास्ते को बंद कर दिया. प्रशासन को 24 घंटे 2-2 फोरलेन कर्मचारियों एवं पुलिस कर्मचारी को तैनात करना पड़ा. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. ऐसे में प्रशासन और एनएचआई के अधिकारी चेते ओर अब सड़क पर गिट्टी एवं मिट्टी डाली जा रही है. वहीं, सड़क को ऊंचा करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. अधिकारियों की माने तो 7 दिन के अंदर फोरलेन शुरू हो जाएगा.

फोरलेन का किया था विरोध

फूल सागर क्षेत्र में बाईपास बनने के दौरान ग्रामीणों की ओर से इसका विरोध भी किया गया था कि सागर में निकाली जा रही सड़क तालाब के बीचों-बीच है और उसे काफी नीचे बनाया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा था कि इस पर पानी आना स्वभाविक है, लेकिन उस समय निजी कंपनी की ओर से शिकायत को दरकिनार किया गया और आज सड़क पर पानी भर गया है.

1 किलोमीटर का हिस्सा बंद

वर्तमान में प्रशासन की ओर से करीब एक किलोमीटर के एरिया को बंद किया हुआ है और प्रशासन ने पुराने रास्ते पर रास्ते को डायवर्ट किया है. दोनों ओर से रास्ते को डायवर्ट किया गया और वन वे कर दिया गया है.

फूल सागर उफान पर

बूंदी के रियासत कालीन फूल सागर तालाब के केचमेंट एरिया में हुआ है. बता दें कि इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जिससे सड़क पर 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है. तालाब के पानी के निकासी का कोई सिस्टम शुरू नहीं हुआ है. वहीं. करीब 50 ट्रक इंजन सीज हो चुके है.

8 साल पहले बना था हाइवे

बता दें कि 8 साल पहले इस हाइवे को ऊंचा किया गया था. कंपनी के निर्माण करने वालों को तालाब या उसकी केचमेंट एरिया का पता था फिर भी लापरवाही बरती गई. वहीं, सड़क पर दोनों तरफ करीब 80 सेंटीमीटर तक पानी आ गया है. ग्रामीणों ने कहा कि मौजूदा स्थिति में एक ही विकल्प है कि किसी भी तरह फूल सागर के गेट खोलकर कुछ पानी की निकासी की जाए और सड़क का काम शुरू करवाया जाए.

पढ़ें- जिला कलेक्टर ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ की बैठक, समय पर काम निपटाने के निर्देश

वर्तमान में एनएचआई के अधिकारी फोरलेन पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं और नियमों के तहत ही फोरलेन को ऊंचा करने का काम किया जा रहा है. यहां पर ट्रकों से मिट्टी और गिट्टी डालकर ऊंचा करने का काम कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि पानी कम होने तक अस्थाई व्यवस्था की जाएगी और बाद में पानी कम होने पर सड़क को पक्का कर दिया जाएगा.

बूंदी. जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. बता दें कि यहां पर 2 महीने से बंद पड़े फोरलेन को एनएचआई की कंपनी की ओर से ऊंचा करने का काम किया जा रहा है, करीब 7 दिन में बूंदी-कोटा-जयपुर फोरलेन शुरू हो जाएगा. करीब आधा किलोमीटर का हिस्सा 4 से 5 फीट पानी में डूबा हुआ था, जिसके चलते भारी वाहनों को एक आम रास्ते से निकाला जा रहा था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया तो एनएचआई प्रशासन चेता और मार्ग को ऊंचा करवा रहा है.

2 महीने से बंद पड़े हाई-वे को ऊंचा करने का कार्य शुरू

बता दें कि बूंदी के तालाब गांव के पास स्थित फूल सागर तालाब में इन दिनों उफान कम नहीं हुआ है, जिसके चलते फोरलेन पर पानी आना जारी है. करीब दो महीने से पानी का स्तर फोरलेन पर होने के कारण फोरलेन सड़क करीब आधा किलोमीटर तक 1 से 4 फीट पानी में डूबी हुई है. पिछले दिनों आई बाढ़ के चलते बूंदी-जयपुर-कोटा नेशनल हाई-वे 52 पर तालाब गांव में पानी भर गया था. इसके कारण पिछले दो महीने से रास्ते को वन-वे करके वाहनों की आवाजाही की जा रही है. वहीं, अधिकांश वाहनों को गांव के अंदर वाली पुरानी सड़कों से निकाला जा रहा है. जिससे से गुजरने वाले हर दिन सैकड़ों वाहनों के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.

पढ़ें- भीलवाड़ाः ब्लास्टिंग से मकानों में आ रही दरारों को लेकर हिंदू युवा वाहिनी का प्रदर्शन...सौंपा ज्ञापन

विभागीय इंजीनियर की अनदेखी के चलते तालाब के क्षेत्र में ही हाइवे निर्माण कंपनी ने फोरलेन का निर्माण करवाया था. फूल सागर में पानी की आवक होने से पानी भर गया और इसे सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने फोरलेन के रास्ते को बंद कर दिया. प्रशासन को 24 घंटे 2-2 फोरलेन कर्मचारियों एवं पुलिस कर्मचारी को तैनात करना पड़ा. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. ऐसे में प्रशासन और एनएचआई के अधिकारी चेते ओर अब सड़क पर गिट्टी एवं मिट्टी डाली जा रही है. वहीं, सड़क को ऊंचा करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. अधिकारियों की माने तो 7 दिन के अंदर फोरलेन शुरू हो जाएगा.

फोरलेन का किया था विरोध

फूल सागर क्षेत्र में बाईपास बनने के दौरान ग्रामीणों की ओर से इसका विरोध भी किया गया था कि सागर में निकाली जा रही सड़क तालाब के बीचों-बीच है और उसे काफी नीचे बनाया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा था कि इस पर पानी आना स्वभाविक है, लेकिन उस समय निजी कंपनी की ओर से शिकायत को दरकिनार किया गया और आज सड़क पर पानी भर गया है.

1 किलोमीटर का हिस्सा बंद

वर्तमान में प्रशासन की ओर से करीब एक किलोमीटर के एरिया को बंद किया हुआ है और प्रशासन ने पुराने रास्ते पर रास्ते को डायवर्ट किया है. दोनों ओर से रास्ते को डायवर्ट किया गया और वन वे कर दिया गया है.

फूल सागर उफान पर

बूंदी के रियासत कालीन फूल सागर तालाब के केचमेंट एरिया में हुआ है. बता दें कि इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जिससे सड़क पर 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है. तालाब के पानी के निकासी का कोई सिस्टम शुरू नहीं हुआ है. वहीं. करीब 50 ट्रक इंजन सीज हो चुके है.

8 साल पहले बना था हाइवे

बता दें कि 8 साल पहले इस हाइवे को ऊंचा किया गया था. कंपनी के निर्माण करने वालों को तालाब या उसकी केचमेंट एरिया का पता था फिर भी लापरवाही बरती गई. वहीं, सड़क पर दोनों तरफ करीब 80 सेंटीमीटर तक पानी आ गया है. ग्रामीणों ने कहा कि मौजूदा स्थिति में एक ही विकल्प है कि किसी भी तरह फूल सागर के गेट खोलकर कुछ पानी की निकासी की जाए और सड़क का काम शुरू करवाया जाए.

पढ़ें- जिला कलेक्टर ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ की बैठक, समय पर काम निपटाने के निर्देश

वर्तमान में एनएचआई के अधिकारी फोरलेन पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं और नियमों के तहत ही फोरलेन को ऊंचा करने का काम किया जा रहा है. यहां पर ट्रकों से मिट्टी और गिट्टी डालकर ऊंचा करने का काम कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि पानी कम होने तक अस्थाई व्यवस्था की जाएगी और बाद में पानी कम होने पर सड़क को पक्का कर दिया जाएगा.

Intro:बूंदी में ईटीवी भारत राजस्थान की खबर का असर हुआ है। यहां पर 2 माह से बन्द पड़े फोरलेन को एनएचआई की कंपनी द्वारा ऊंचा करने का काम किया जा रहा है करीब 7 दिवस में बूंदी कोटा जयपुर फोरलेन शुरू हो जाएगा। करीब आधा किलोमीटर का हिस्सा 4 से 5 फिट पानी में डूबा हुआ था जिसके चलते भारी वाहनों को एक आम रास्ते कर निकाला जा रहा था । इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया तो एनएचआई प्रशासन चेता ओर मार्ग को ऊँचा करवा रहा है ।


Body:बूंदी के तालाब गांव के यहां पर स्थित फुल सागर तालाब इन दिनों उफान कम नही हुआ है जिसके चलते फोरलेन पर पानी आना जारी है । करीब दो माह से पानी का स्तर फोरलेन पर होने के चलते फोरलेन सड़क करीब आधा किलोमीटर तक एक से 4 फिट पानी में डूबी हुई है । पिछले दिनों आई बाढ़ के चलते बूंदी - जयपुर - कोटा नेशनल हाईवे 52 पर तलाव गांव में पानी भर गया था। इसके कारण पिछले दो माह से रास्ते को वन में करके वाहनों की आवाजाही की जा रही है । वहीं अधिकांश वाहनों को गांव के अंदर वाली पुरानी सड़कों से निकाला जा रहा है । जिससे से गुजरने वाले हर दिन सैकड़ों वाहनों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। विभागीय इंजीनियर की अनदेखी के चलते तालाब के क्षेत्र में ही हाइवे निर्माण कंपनी ने फोरलेन का निर्माण करवाया था। फूल सागर में पानी की आवक होने से पानी भर गया और इस सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने फोरलेन के रास्ते को बंद करना पड़ा । प्रशासन को 24 घंटे दो - दो फोरलेन कर्मचारियों एवं पुलिस कर्मचारी को तैनात करना पड़ा । इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था ऐसे के प्रशासन और एनएचआई के अधिकारी चेते ओर अब सड़क पर गिट्टी एव मिट्टी डाली जा रही है और सड़क को ऊंचा करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है । अब अधिकारियों की माने तो 7 दिवसीय के अंदर फोरलेन शुरू हो जाएगा और रफ्तार भरने लग जाएगा ।

फोरलेन का किया था विरोध

फूल सागर क्षेत्र में बाईपास बनने के दौरान ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध भी किया गया था कि सागर में निकाली जा रही है सड़क तालाब के बीचो-बीच है और उसे काफी नीचे बनाया जा रहा है इस पर पानी आना स्वभाविक है लेकिन उस समय निजी कंपनी द्वारा शिकायत को दरकिनार किया गया और आज सड़क पर पानी पानी है हो गया है । हालांकि प्रशासन द्वारा बड़े ट्रकों की आवाजाही को भी इस पानी के वन में नहीं जाने दिया जाए लेकिन वह भी अपने रिक्स पर ही इस फोरलेन को पार कर रहे हैं क्योंकि पानी इतना है कि आधा ट्रक डूब जाता है ऐसे में चालक अपने सफर को यह जान जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं ।

1 किलोमीटर का हिस्सा बन्द

वर्तमान में प्रशासन द्वारा करीब 1 किलोमीटर के एरिया को बंद किया हुआ है और प्रशासन द्वारा पुराने रास्ते पर रास्ते को डायवर्ट किया है दोनों और से रास्ते को डायवर्ट किया गया और वन वे होने से दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बढ़ जाता है। निजी कंपनी की छोटी सी गलती के चलते बूंदी शहर का ये हिस्सा पूरी तरह से जलमग्न हो गया ।

फूल सागर उफान पर

यह सब बूंदी के रियासत कालीन फुल सागर तालाब के केचमेंट एरिया में हुआ है । इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने सिस्टम की पोल खोल दी । सड़क पर 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है। तालाब पानी निकासी का कोई सिस्टम शुरू नहीं हुआ है इससे ट्रक चालक पानी मे निकालने की कोशिश करते हैं । करीब 50 ट्रक इंजन सीज हो चुके है।

8 साल पहले बना था हाइवे

8 साल पहले हाइवे की ऊंचाई गई थी । कंपनी के निर्माण करने वालों को तालाब या उसकी केचमेंट एरिया का पता था फिर भी लापरवाही बरती गई। ग्रामीणों ने उस वक्त लापरवाही करने की मांग उठाई थी लेकिन सुना अन सुना हो गया । सड़क पर दोनों तरफ करीब 80 सेंटीमीटर तक पानी आ गया है। ग्रामीणों ने कहा कि मौजूदा स्थिति में एक ही विकल्प है कि किसी भी तरह फूल सागर के गेट खोलकर कुछ पानी की निकासी की जाए और सड़क का काम शुरू करवाया जाए । उधर ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन के अधिकारी द्वारा केवल एक दिखावा किया जा रहा है यहां कोई समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया जा रहा है। अगर हाईवे के किनारे खुद आकर पानी की निकासी की जाती है तो उसे बरसात का पानी निकासी को लेकर कोई समाधान नहीं होगा ।


Conclusion:वर्तमान में एनएचआई के अधिकारी फोरलेन पर मोनेटरिंग कर रहे हैं और नियमों के तहत ही फोरलेन को ऊंचा करने का काम किया जा रहा है । यहां पर ट्रकों के ट्रक मिट्टी व गिट्टी डालकर ऊंचा करने का काम कर रहे हैं । अधिकारियों का कहना है कि पानी कम होने तक अस्थाई व्यवस्था की जाएगी । बाद में पानी कम होने पर सड़क को पक्का कर दिया जाएगा । अब जल्द ही काम पूरा होने पर फिर से बंद पड़े हाइवे पर वाहन फराटे मारेंगे ।

बाईट - राजकमल उपाध्यक्ष , इंजीनियर
बाईट - कयामुद्दीन , स्थनीय युवक
सलीम अली ,
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