बूंदी. जिले में नवरात्रि का पर्व इस बार फीका रहा. अष्टमी के दिन जिले भर में माता के मंदिरों में हर साल भव्य मेले का आयोजन होता था, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते मेला आयोजन नहीं हुआ. वहीं, पुजारिय और मंदिर समिति से जुड़े लोग सादगी के साथ अष्टमी का पूजन करते हुए नजर आए. पहली बार ऐसा देखा गया है जब माता के दरबार में अष्टमी के दिन भव्य मेला नहीं भरा और सालों पुरानी परंपरा यहां टूटती नजर आई. हालांकि, मंदिर समिति ने अपने-अपने तरीकों से माता के पंडाल जरूर सजाए लेकिन बिना श्रद्धालु भगवान की पूजा भी अधूरी सी रही.
वहीं, जिले में शनिवार को कहीं दुर्गा अष्टमी तो कहीं नवमी का मनाई गई. श्रद्धालुओं ने माता के मंदिर और बालाजी मंदिर में जाकर ढोक लगाई और घर परिवार की खुशहाली की कामना की. इस अवसर पर अष्टमी-नवमी एक साथ होने से कई लोगों में असमंजस की स्थिति भी नजर आई. लेकिन रविवार को दशहरा मनाया जाएगा, इसी को देखते हुए आज कुछ लोगों ने रामनवमी की पूजा अर्चना की.
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पंडितों का कहना है कि, रविवार सुबह कुछ समय तक नवमी तिथि रहेगी, उसके बाद दसवीं लग जाएगी. ऐसे में नवमी का पूजन आज किया गया है. अष्टमी और नवमी त्यौहार को देखते हुए जिले के प्रमुख माता मंदिरों में आकर्षक झांकी सजाई गई. बालचंद पाड़ा स्थित बिजासन माता, हंसा देवी माता, लालबाई माता मंदिर, वैष्णो देवी माता मंदिर, मेहंदी माता मंदिर, बाण गंगा रोड स्थित चौथ माता मंदिर, बिबनवा रोड स्थित चौथ माता मंदिर, मालन मासी बालाजी, रामगंज बालाजी, नौलखा हनुमान मंदिर नगर पालिका गली स्थित हनुमान मंदिर, नैनवा रोड स्थित हनुमान मंदिर और अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने नियमनुसार दर्शन किए.