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बूंदी में चित्रशैली को समप्रित प्रदर्शनी का उद्घाटन, आयुक्त बोले- अंतरराष्ट्रीय लेवल पर ले जाने का करेंगे काम

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Published : Nov 15, 2019, 7:41 PM IST

बूंदी का ऐतिहासिक बूंदी महोत्सव प्रारंभ हो चुका है. जिसके अंतर्गत यहां की शैली को समर्पित चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई. इसका उद्घाटन संभागीय आयुक्त ने किया. इस प्रदर्शनी में राजाओं के समय होने वाली क्रीड़ा, युद्ध के लिए जाते राजा और उनके सैनिक सहित कई कलाकृतियों को इस प्रदर्शनी में कलाकारों ने बनाया है.

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बूंदी. जिले में बूंदी उत्सव का शुभारंभ हो चुका है, जिसके अंतर्गत शुक्रवार को कला दीर्घा में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई. जिसका उद्घाटन संभागीय आयुक्त एलएन सोनी ने किया. इस अवसर पर बूंदी शैली चित्रकला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया गया.

ऐतिहासिक बूंदी चित्रशैली को समर्पित प्रदर्शनी का उदघाटन

संभागीय आयुक्त और अधिकारियों ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित बूंदी शैली के चित्रों को गहनता से निहारा और इनकी विशेषताओं को जाना. उन्होंने इन पेंटिंग को बेहतरीन कार्य बताया है. साथ ही कहा है कि बूंदी शैली में इस तरीके का नवीन कार्य होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि ऐतिहासिक नगरी में बूंदी शैली का एक अपना इतिहास रहा है. फिर से नवीन कलाकारों द्वारा नवीन कार्य को नई दिशा दी जा रही है और इतनी बेहतरीन तरीके से पेंटिंग बनाई गई है जो कि सराहनीय कार्य है.

पढ़ें- छोटी काशी में गुरु पर्व की धूम, गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर प्रकाश पर्व मनाया गया

बूंदी जिला कलेक्टर ने संभागायुक्त को बताया कि बूंदी शैली को बढ़ावा देने की दिशा में बूंदी ब्रश के सहयोग से बूंदी शैली की पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें राजस्थान के विभिन्न जिलों से चित्रकारों ने यहां आकर बूंदी शैली के चित्र तैयार किए थे, जिन्हें प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है. इन चित्रों का संकलन की गई पुस्तक में किया गया है. यह पुस्तका बूंदी शैली में कार्य करने वाले और इसमें रुचि रखने वाले लोगों के लिए लाभकारी साबित होगी.

पढे़ं- स्पेशल स्टोरी: मिट्टी के मुखौटों ने बढ़ा दिया मान, आदिवासी बहुल सियावा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिलाई पहचान

आर्ट गैलरी में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी में कई प्रकार की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसमें बूंदी के राजाओं सहित राजाओं की कीड़ा और युद्ध के लिए जाते घोड़े और सैनिक. प्रदर्शनी में शेर, हाथी, घोड़े ,बंदर और अनेक वन्यजीवों की पेंटिंग यहां के कलाकारों ने बनाए हैं. जिन्हें देखकर यही लग रहा था कि मानो वे सामने वह खड़े हो. यकीनन प्रशासन का यह कार्य बहुत ही सराहनीय है क्योंकि इस बूंदी उत्सव के माध्यम से बूंदी की चित्रकला को ऊपर लाने का काम बूंदी के प्रशासन ने किया है. ताकि आने वाले पर्यटक बूंदी चित्र शैली से भी रूबरू हो सके और इसकी महत्वता को समझ सके.

बूंदी. जिले में बूंदी उत्सव का शुभारंभ हो चुका है, जिसके अंतर्गत शुक्रवार को कला दीर्घा में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई. जिसका उद्घाटन संभागीय आयुक्त एलएन सोनी ने किया. इस अवसर पर बूंदी शैली चित्रकला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया गया.

ऐतिहासिक बूंदी चित्रशैली को समर्पित प्रदर्शनी का उदघाटन

संभागीय आयुक्त और अधिकारियों ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित बूंदी शैली के चित्रों को गहनता से निहारा और इनकी विशेषताओं को जाना. उन्होंने इन पेंटिंग को बेहतरीन कार्य बताया है. साथ ही कहा है कि बूंदी शैली में इस तरीके का नवीन कार्य होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि ऐतिहासिक नगरी में बूंदी शैली का एक अपना इतिहास रहा है. फिर से नवीन कलाकारों द्वारा नवीन कार्य को नई दिशा दी जा रही है और इतनी बेहतरीन तरीके से पेंटिंग बनाई गई है जो कि सराहनीय कार्य है.

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बूंदी जिला कलेक्टर ने संभागायुक्त को बताया कि बूंदी शैली को बढ़ावा देने की दिशा में बूंदी ब्रश के सहयोग से बूंदी शैली की पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें राजस्थान के विभिन्न जिलों से चित्रकारों ने यहां आकर बूंदी शैली के चित्र तैयार किए थे, जिन्हें प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है. इन चित्रों का संकलन की गई पुस्तक में किया गया है. यह पुस्तका बूंदी शैली में कार्य करने वाले और इसमें रुचि रखने वाले लोगों के लिए लाभकारी साबित होगी.

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आर्ट गैलरी में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी में कई प्रकार की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसमें बूंदी के राजाओं सहित राजाओं की कीड़ा और युद्ध के लिए जाते घोड़े और सैनिक. प्रदर्शनी में शेर, हाथी, घोड़े ,बंदर और अनेक वन्यजीवों की पेंटिंग यहां के कलाकारों ने बनाए हैं. जिन्हें देखकर यही लग रहा था कि मानो वे सामने वह खड़े हो. यकीनन प्रशासन का यह कार्य बहुत ही सराहनीय है क्योंकि इस बूंदी उत्सव के माध्यम से बूंदी की चित्रकला को ऊपर लाने का काम बूंदी के प्रशासन ने किया है. ताकि आने वाले पर्यटक बूंदी चित्र शैली से भी रूबरू हो सके और इसकी महत्वता को समझ सके.

Intro:बूंदी की ऐतिहासिक चित्र शैली को समर्पित बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन हो गया है । बूंदी उत्सव के तहत कला दीर्घा में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी का संभागीय आयुक्त ने उद्घाटन कर बूंदी उत्सव पखवाड़े के अंतर्गत आमजन को समर्पित किया है जिसमें राजाओं के समय होने वाली कीड़ा , युद्ध के लिए जाते राजा व उनके सैनिक सहित कई कलाकृतियों को इस प्रदर्शनी में कलाकारों द्वारा बनाया गया है ।


Body:बूंदी । बूंदी उत्सव के अंतर्गत शुक्रवार को कला दीर्घा में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन संभागीय आयुक्त एलएन सोनी ने किया । इस अवसर पर बूंदी शैली चित्रकला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया गया । जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार एवं जिला पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता एवं अन्य अधिकारीगण बूंदी ब्रश से जुड़े कलाकारों एवं गणमान्य नागरिक साथ रहे। संभागीय आयुक्त एवं अधिकारियों ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित बूंदी शैली के चित्रों को गहनता से निहारा और इनकी विशेषताओं को जाना । उन्होंने इन पेंटिंग को बेहतरीन कार्य बताया है और कहा है कि बूंदी शैली में इस तरीके का नवीन कार्य होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है । क्योंकि ऐतिहासिक नगरी में बूंदी शैली का एक अपना इतिहास रहा है और फिर से नवीन कलाकारों द्वारा नवीन कार्य को नई दिशा दी जा रही है और इतनी बेहतरीन तरीके से पेंटिंग बनाई गई है जो कि सराहनीय कार्य है । उन्होंने कहा है कि इस पेंटिंग को जिला प्रशासन के स्तर तथा सरकार के स्तर पर जो भी पुरजोर कोशिश होगी और बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम होगा वह प्रयास किए जाएंगे ताकि फिर से बूंदी की चित्र शैली को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर पहचाना जा सके । यही नहीं बूंदी जिला कलेक्टर ने संभागायुक्त को बताया कि बूंदी शैली को बढ़ावा देने की दिशा में बूंदी ब्रश के सहयोग से बूंदी शैली की पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें राजस्थान के विभिन्न जिलों से चित्रकारों ने यहां आकर बूंदी शैली के चित्र तैयार किए थे जिन्हें प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है। इन चित्रों का संकलन की गई पुस्तक में किया गया है । यह पुस्तका बूंदी शैली में कार्य करने वाले और इसमें रुचि रखने वाले लोगों के लिए लाभकारी साबित होगी ।


Conclusion:आर्ट गैलरी में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी में कई प्रकार की प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें बूंदी के राजाओं सहित राजाओं की कीड़ा और युद्ध के लिए जाते घोड़े व सैनिक। प्रदर्शनी में शेर, हाथी, घोड़े ,बंदर व अनेक वन्यजीव की पेंटिंग जहां के कलाकारों द्वारा बनाए गए जिन्हें देखकर यही लग रहा था कि सामने वह खड़े हो । इन्हें देखकर संभागीय आयुक्त व प्रदर्शनी में मौजूद लोगों ने बूंदी पेंटिंग को सराहा और साथ ही उन कलाकारों को साधुवाद दिया ।

यकीनन प्रशासन का यह कार्य बहुत ही सराहनीय है क्योंकि ऐतिहासिक बूंदी उत्सव है और ऐतिहासिक की बूंदी की चित्रकला है इस बूंदी उत्सव के माध्यम से बूंदी की चित्रकला को ऊपर लाने का काम बूंदी के प्रशासन ने किया है ताकि आने वाले पर्यटक बूंदी चित्र शैली से भी रूबरू हो सके और इसकी महत्वता को समझ सके ।

बाईट :- एल.एन सोनी , संभागीय आयुक्त , बूंदी
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