बूंदी. जिले में बूंदी उत्सव का शुभारंभ हो चुका है, जिसके अंतर्गत शुक्रवार को कला दीर्घा में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई. जिसका उद्घाटन संभागीय आयुक्त एलएन सोनी ने किया. इस अवसर पर बूंदी शैली चित्रकला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया गया.
संभागीय आयुक्त और अधिकारियों ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित बूंदी शैली के चित्रों को गहनता से निहारा और इनकी विशेषताओं को जाना. उन्होंने इन पेंटिंग को बेहतरीन कार्य बताया है. साथ ही कहा है कि बूंदी शैली में इस तरीके का नवीन कार्य होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि ऐतिहासिक नगरी में बूंदी शैली का एक अपना इतिहास रहा है. फिर से नवीन कलाकारों द्वारा नवीन कार्य को नई दिशा दी जा रही है और इतनी बेहतरीन तरीके से पेंटिंग बनाई गई है जो कि सराहनीय कार्य है.
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बूंदी जिला कलेक्टर ने संभागायुक्त को बताया कि बूंदी शैली को बढ़ावा देने की दिशा में बूंदी ब्रश के सहयोग से बूंदी शैली की पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें राजस्थान के विभिन्न जिलों से चित्रकारों ने यहां आकर बूंदी शैली के चित्र तैयार किए थे, जिन्हें प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है. इन चित्रों का संकलन की गई पुस्तक में किया गया है. यह पुस्तका बूंदी शैली में कार्य करने वाले और इसमें रुचि रखने वाले लोगों के लिए लाभकारी साबित होगी.
आर्ट गैलरी में बूंदी शैली चित्रकला प्रदर्शनी में कई प्रकार की प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसमें बूंदी के राजाओं सहित राजाओं की कीड़ा और युद्ध के लिए जाते घोड़े और सैनिक. प्रदर्शनी में शेर, हाथी, घोड़े ,बंदर और अनेक वन्यजीवों की पेंटिंग यहां के कलाकारों ने बनाए हैं. जिन्हें देखकर यही लग रहा था कि मानो वे सामने वह खड़े हो. यकीनन प्रशासन का यह कार्य बहुत ही सराहनीय है क्योंकि इस बूंदी उत्सव के माध्यम से बूंदी की चित्रकला को ऊपर लाने का काम बूंदी के प्रशासन ने किया है. ताकि आने वाले पर्यटक बूंदी चित्र शैली से भी रूबरू हो सके और इसकी महत्वता को समझ सके.