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बूंदी: केशवरायपाटन में कृषि कानून के विरोध में पटरी पर उतरे किसान, जताया विरोध

बूंदी के केशवरायपाटन में किसान संगठनों की ओर से गुरुवार को गामछ रेलवे ट्रैक पर बड़ी तादाद में किसानों का जनसमूह उमड़ पड़ा. जिसमें किसानों ने दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक दिल्ली-मुंबई और कोटा-चित्तौड़ रेलवे लाइन पर धरना प्रदर्शन किया. हालांकि किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. साथ ही वहां प्रशासनिक स्तर के तमाम अधिकारी मय जाप्ते मौके पर मौजूद रहे.

Farmers on track in protest against agriculture law
कृषि कानून के विरोध में पटरी पर उतरे किसान
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Published : Feb 18, 2021, 7:31 PM IST

केशवरायपाटन(बूंदी). जिले में केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को गामछ रेलवे ट्रैक पर किसानों ने रेल का चक्का जाम किया था. वहीं, ट्रैक पर किसान आंदोलन को लेकर प्रशासन की भी चाक-चौबंध व्यवस्थाएं रही.

कृषि कानून के विरोध में पटरी पर उतरे किसान

इसके अलावा कापरेन, केशवरायपाटन, तालेड़ा, नमाना और आरएसी और आरपीएफ के जवान पूरी तरह मुस्तैद रहे. बता दें कि किसान नेताओं ने ट्रैक पर ही साधारण सभा का आयोजन कर किसानों को सम्बोधित किया. इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा.

वहीं, ट्रैक पर किसान आंदोलन दो धड़ों में बटते नजर आए. एक ओर संयुक्त किसान मोर्चा तो दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व जिला प्रमुख महावीर मीणा मोर्चा संभाले नजर आए. दो धड़ों में बटे किसान आंदोलन को लेकर हर तरफ चर्चा होती रही. हालांकि किसान आंदोलन शांति पूर्ण संपंन हुआ.

पढ़ें: पूर्वजों की लीक पर पाली के किसान...सेहत बढ़ाने के लिए बैगनी, हरा और काले गेहूं का करेंगे उत्पादन

इसके अलावा किसान आंदोलन को एक नजर देखे तो यहां किसान पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और जवानों को पानी, नाश्ता वितरित कर आंदोलन में शांति बनाए रखने के साथ प्रशासन का भी काफी सहयोग किया. इसके बाद शाम चार बजे ट्रैक से किसान हटे तो रेल मार्ग सुचारू हुआ.

केशवरायपाटन(बूंदी). जिले में केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को गामछ रेलवे ट्रैक पर किसानों ने रेल का चक्का जाम किया था. वहीं, ट्रैक पर किसान आंदोलन को लेकर प्रशासन की भी चाक-चौबंध व्यवस्थाएं रही.

कृषि कानून के विरोध में पटरी पर उतरे किसान

इसके अलावा कापरेन, केशवरायपाटन, तालेड़ा, नमाना और आरएसी और आरपीएफ के जवान पूरी तरह मुस्तैद रहे. बता दें कि किसान नेताओं ने ट्रैक पर ही साधारण सभा का आयोजन कर किसानों को सम्बोधित किया. इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा.

वहीं, ट्रैक पर किसान आंदोलन दो धड़ों में बटते नजर आए. एक ओर संयुक्त किसान मोर्चा तो दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व जिला प्रमुख महावीर मीणा मोर्चा संभाले नजर आए. दो धड़ों में बटे किसान आंदोलन को लेकर हर तरफ चर्चा होती रही. हालांकि किसान आंदोलन शांति पूर्ण संपंन हुआ.

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इसके अलावा किसान आंदोलन को एक नजर देखे तो यहां किसान पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और जवानों को पानी, नाश्ता वितरित कर आंदोलन में शांति बनाए रखने के साथ प्रशासन का भी काफी सहयोग किया. इसके बाद शाम चार बजे ट्रैक से किसान हटे तो रेल मार्ग सुचारू हुआ.

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