केशवरायपाटन (बूंदी). सहकारिता क्षेत्र की प्रदेश की एकमात्र शुगर मिल साल 2000 से बंद पड़ी है. मिल के पुन: संचालन को लेकर किसानों ने फिर मुद्दा बना लिया है. लंबे समय से चल रहा धरना लगाकर बैठे किसान सोमवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे.
शुगर मिल संयुक्त किसान समन्वय समिति के प्रतिनिधि नवीन श्रृंगी ने बताया शुगर मिल के पुनः संचालन की मांग को लेकर किसानों और युवाओं का धरना 13वें दिन भी जारी रहा. धरना स्थल से सैकड़ों की संख्या में किसान वाहन रैली के रूप में संभागीय आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे. इससे पूर्व शुगर मिल चौराहे पर व्यापारियों ने पुष्प वर्षा कर किसानों को रवाना किया.
संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में युवा और किसानों को संबोधित करते हुए युवा किसान प्रतिनिधि गिराज गौतम ने कहा कि आखिरकार प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता कहां चली गई. किसान 13 दिनों से धरने पर बैठा है, लेकिन सरकार की ओर से कोई वार्ता नहीं की गई.
गिर्राज गौतम ने कहा कि प्रदेश सरकार तय कर ले कि शुगर मिल की चिमनी से धुआं उठाना चाहती है या नहीं. किसानों की चिताओं से क्षेत्र का युवा और किसान तो मिल चलाए बिना पीछे हटेगा नहीं इसलिए सरकार जल्द मिल चालू करने की घोषणा करें नहीं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
वहीं, युवा और किसान संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक चंद्रकांता मेघवाल भी किसानों के बीच पहुंची और सरकार को आगाह किया कि शुगर मिल हमारी धरोहर है और सरकार को इसे संचालित करना ही पड़ेगा. हम सब किसानों के साथ खड़े हैं और सरकार को मजबूर किया जाएगा.
वरिष्ठ किसान नेता दशरथ कुमार ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त से कहा कि सरकार से बात करके 2 दिन में जवाब दें तभी ज्ञापन दिया जाएगा. 2 दिन में अगर वार्ता नहीं होती है तो धरना स्थल से आगे की आंदोलन की रणनीति की घोषणा होगी जो सरकार और प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है.
इस पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ने विश्वास दिलाया कि सरकार से बात कर दो दिन में अवगत करवाया जाएगा. जिसके बाद किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर वापस धरना स्थल पर पहुंचकर धरने पर बैठे. इस अवसर पर बड़ी संख्या में पांचों विधानसभा के लगभग 100 गांव के युवा और किसान प्रतिनिधि उपस्थित रहे.