बूंदी. विद्युत विभाग सरकारी विभागों को विद्युत सप्लाई देने के मामले में खुद फंस गया है. ऐसा इसलिए कि बूंदी के 19 ऐसे सरकारी विभाग हैं, जो विद्युत विभाग का बिजली का बिल बकाया नहीं चुका पा रहे हैं, जिनकी कीमत हजारों में नहीं लाखों में नहीं सीधा करोड़ों में हैं. बूंदी विद्युत विभाग इन सरकारी महकमे को पत्र दर पत्र लिख कर थक चुका है, लेकिन यह सरकारी महकमे विद्युत विभाग को ही ठेंगा दिखा रहे हैं.
बूंदी विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता जीएस बैरवा बताते हैं कि हर वर्ष बकाया राशि की रिकवरी का लक्ष्य हमें मिलता है और हम समय-समय पर चाहे वह आम जन हो या सरकारी दफ्तर उनसे बकाया राशि वसूलते हैं, लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस है तो आमजन पर ज्यादा दबाव डालना ठीक नहीं है, लेकिन हम तो खुद ही हमारे सरकारी महकमों से चिंतित है. जी एस बेरवा बताते हैं कि विद्युत विभाग करीब 19 सरकारी विभाग ऐसे हैं, जिन पर करीब 30 करोड़ रुपए बकाया राशि है. इनमें से अकेले नगर परिषद में पेयजल योजना के तहत 20 करोड़ रुपए का बिजली का बिल बकाया है.
सबसे अधिक बकाया बिल होने के कारण विद्युत विभाग ने आने वाले 15 दिनों के अंदर बिल जमा नहीं होने पर इस योजना की विद्युत लाइन काटने का मन बना लिया है. इसी तरह अन्य विभागों के पास भी विद्युत काटने का नोटिस पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि विभाग तो काफी महीने हो गए लेटर चलाते-चलाते यह विभाग तो मान ही नहीं रहे हैं. विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता जीएस बैरवा बताते हैं कि विद्युत विभाग हमारा परिवार है और इस बिजली के बिल से उन्हें तनख्वाह मिलती है. इतने करोड़ रुपए का राजस्व विभाग के पास नहीं पहुंचेगा तो उनकी मासिक भुगतान से राशि कटने लगेगी और उन्हें आधा अधूरा सैलरी मिलेगी.
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हमेशा आमजन से विद्युत बकाया वसूलने और विद्युत बिल ज्यादा देने के मामलों में चर्चा में रहने वाला विद्युत विभाग अब इन दिनों सरकारी महकमों से ही भिड़ गया है. बूंदी के 19 ऐसे सरकारी कार्यालय हैं, जिन पर 30 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान चल रहा है. जानकारी के अनुसार बूंदी नगर परिषद में पेयजल योजना के तहत 19 करोड़ 12 लाख 57 हजार रुपए का बकाया बिल है. इसी तरह जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पेयजल योजना के तहत 2 करोड़ 22 लाख , जनता जल योजना के तहत 2 करोड़ 39 लाख 30 हजार रुपए बकाया है.
इसी तरह बूंदी जिला प्रशासन जिसमें जिला स्तरीय कार्यालय है, उसमें 25 लाख 53 हजार रुपए बकाया है. बूंदी पुलिस विभाग में 10 लाख 20 हजार रुपए बकाया है. अटल सेवा केंद्र में 6 लाख 58 हजार रुपए बकाया है. सार्वजनिक निर्माण विभाग में 13 लाख 55 हजार रुपए बकाया है. इसी तरह सरकारी विद्यालयों में 4 लाख 86 हजार रुपए बकाया है. वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के कार्यालयों में 1 करोड़ 47 लाख रुपए बकाया है. उपखंड अधिकारी, तहसील और उप तहसील के 17 लाख 63 हजार रुपए बकाया है.
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वहीं बूंदी वन विभाग के 4 करोड़ 58 लाख रुपए बकाया है. बूंदी बीएसएनएल विभाग के 31 लाख 75 हजार रुपए बकाया है. चिकित्सा विभाग पीएचसी के 23 लाख 33 हजार बकाया है. जिला चिकित्सालय के एक करोड़ 9 लाख रुपए बकाया है. देवस्थान विभाग के एक करोड़ 46 हजार रुपए बकाया है. वहीं केंद्र सरकार के कार्यालयों के 3 करोड़ 76 लाख रुपए बकाया है. राजस्थान सरकार के कार्यालयों के 67 लाख रुपए बकाया है. बूंदी जिला जेल के दो करोड़ 92 लाख रुपए बकाया है. इसी तरह बूंदी विद्युत विभाग के 30 करोड़ रुपए के आसपास का बिल सरकारी विभागों को चुकाना है.
आमजन पर यदि यह बिल बकाया होता तो अब तक आमजन की विद्युत व्यवस्था को विद्युत विभाग थप कर देता, लेकिन कई बार विद्युत विभाग सरकारी दफ्तरों को विद्युत बिल जमा कराने का नोटिस भिजवा चुका है, लेकिन सरकारी विभाग है कि विद्युत विभाग की एक नहीं सुन पा रहा है और नतमस्तक होकर बैठा है. अब देखना यह होगा कि विद्युत विभाग ने इन सरकारी कार्यालय को अपनी विद्युत काटने का चेतावनी तो दे दी है. क्या विद्युत विभाग को यह सरकारी कार्यालय अपना बिल जमा करा पाएंगे या विद्युत व्यवस्था कटेगी.