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बूंदी: शराब बंदी की मांग को लेकर ग्रामीणों का जोरदार प्रदर्शन...Video

बूंदी जिले के विजयगढ़ में युवाओं ने शराबबंदी और नशामुक्ति की अलख जगाई और अब यह परवान चढ़ने लगी है.अब पूरा गावं शराब बंदी के पक्ष आ गया है और रोज नए नए जतन कर रहा है.

शराब बंदी की मांग करती महिलाएं
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Published : Apr 12, 2019, 3:33 PM IST

बूंदी. विजयगढ़ गांव के लोग अब मतदान कर शराबबंदी की मांग कर रहे है. पुरे गावं ने जिला प्रशासन एवं आबकारी विभाग को चेतावनी दे दी है की प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हम खुद ठेके बंद करवा देंगे. उन्होंने ने प्रशासन को मतदान करवाने के लिए तारीख देने की मांग की है लेकिन प्रशासन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. गांव के 15 युवाओं ने 5 वर्ष पूर्व यहां नशामुक्ति के खिलाफ अभियान शुरू किया था. नशे के खिलाफअभियान से भी गांव के युवाओं ने जुड़कर इस काम को रफ्तार दी. अब तक करीब 100 से अधिक नवयुवक तो इस अभियान में सक्रियता से जुड़कर नशामुक्त हो चुके हैं.

शराब बंदी लेकर मतदान की मांग

जहां शहरी और पढ़े लिखे युवाओं में इस दौर में जहां नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, वहीं दूरदराज में बसे इस गांव में युवाओं में नशे के खिलाफ बना माहौल काबिले तारीफ है. सरपंच कमलेश मीणा ने शराबबंदी के तहत पंचायत के 60 प्रतिशत मतदाताओं से शराबबंदी के लिए हस्ताक्षर करवाए. इसमें महिलाओं ने पूरा सहयोग किया. 3 जून 2017 को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन एसडीएम हिंडौली को सौंपा गया. इसके बाद आबकारी विभाग ने मतदाताओं के हस्ताक्षर का सत्यापन करवाया. जो सही पाया गया. इसके बाद एसडीएम हिंडौली ने 10 प्रतिशत मतदाताओं का सर्वे किया. सर्वे रिपोर्ट आबकारी आयुक्त उदयपुर को भेजी तो उन्होंने यह कहकर लौटा दी कि 20 प्रतिशत मतदाताओं का सर्वे कर भिजवाओ. 2 फरवरी 2018 को सर्वे रिपोर्ट भेजी थी. अब वहां से मतदान की तारीख का इंतजार है.

सरपंच के साथ 50 युवाओं की टीम इस पर कार्य कर रही है. इनमें हरिसिंह मीणा, बाबूलाल मीणा, कालूलाल मीणा, महावीर मीणा, पृथ्वीसिंह मीणा, भगवान मीणा हैं. नशे की लत को छुड़वाने का युवाओं ने बीड़ा उठाया हुआ है. बूंदी जिले में यह आंदोलन पिछले 10 वर्षों से पूरी गति के साथ चल रहा है. विजयगढ़, नमाना, अंथड़ा, चित्तौड़ियां, फालेंडा, देई, नैनवां, पगारा, बांसी, कूकड़ा डूंगरी नशामुक्ति के लिए आवाज उठाई जा रही है. सरकारी कानून के मुताबिक गांव में शराबबंदी के लिए मतदान करवाने का नियम है लेकिन अभी तक भी सरकार की ओर से गांव में मतदान करवाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे ग्रामीणों और युवाओं की ओर से शुरू की गई इस पहल को अंजाम देने के लिए प्रशासन से कई बार इसकी तारीख की मांग की गई है लेकिन अभी भी यह तारीख नहीं मिलने चाहिए सपना अधूरा ही है.

बूंदी. विजयगढ़ गांव के लोग अब मतदान कर शराबबंदी की मांग कर रहे है. पुरे गावं ने जिला प्रशासन एवं आबकारी विभाग को चेतावनी दे दी है की प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हम खुद ठेके बंद करवा देंगे. उन्होंने ने प्रशासन को मतदान करवाने के लिए तारीख देने की मांग की है लेकिन प्रशासन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. गांव के 15 युवाओं ने 5 वर्ष पूर्व यहां नशामुक्ति के खिलाफ अभियान शुरू किया था. नशे के खिलाफअभियान से भी गांव के युवाओं ने जुड़कर इस काम को रफ्तार दी. अब तक करीब 100 से अधिक नवयुवक तो इस अभियान में सक्रियता से जुड़कर नशामुक्त हो चुके हैं.

शराब बंदी लेकर मतदान की मांग

जहां शहरी और पढ़े लिखे युवाओं में इस दौर में जहां नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, वहीं दूरदराज में बसे इस गांव में युवाओं में नशे के खिलाफ बना माहौल काबिले तारीफ है. सरपंच कमलेश मीणा ने शराबबंदी के तहत पंचायत के 60 प्रतिशत मतदाताओं से शराबबंदी के लिए हस्ताक्षर करवाए. इसमें महिलाओं ने पूरा सहयोग किया. 3 जून 2017 को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन एसडीएम हिंडौली को सौंपा गया. इसके बाद आबकारी विभाग ने मतदाताओं के हस्ताक्षर का सत्यापन करवाया. जो सही पाया गया. इसके बाद एसडीएम हिंडौली ने 10 प्रतिशत मतदाताओं का सर्वे किया. सर्वे रिपोर्ट आबकारी आयुक्त उदयपुर को भेजी तो उन्होंने यह कहकर लौटा दी कि 20 प्रतिशत मतदाताओं का सर्वे कर भिजवाओ. 2 फरवरी 2018 को सर्वे रिपोर्ट भेजी थी. अब वहां से मतदान की तारीख का इंतजार है.

सरपंच के साथ 50 युवाओं की टीम इस पर कार्य कर रही है. इनमें हरिसिंह मीणा, बाबूलाल मीणा, कालूलाल मीणा, महावीर मीणा, पृथ्वीसिंह मीणा, भगवान मीणा हैं. नशे की लत को छुड़वाने का युवाओं ने बीड़ा उठाया हुआ है. बूंदी जिले में यह आंदोलन पिछले 10 वर्षों से पूरी गति के साथ चल रहा है. विजयगढ़, नमाना, अंथड़ा, चित्तौड़ियां, फालेंडा, देई, नैनवां, पगारा, बांसी, कूकड़ा डूंगरी नशामुक्ति के लिए आवाज उठाई जा रही है. सरकारी कानून के मुताबिक गांव में शराबबंदी के लिए मतदान करवाने का नियम है लेकिन अभी तक भी सरकार की ओर से गांव में मतदान करवाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे ग्रामीणों और युवाओं की ओर से शुरू की गई इस पहल को अंजाम देने के लिए प्रशासन से कई बार इसकी तारीख की मांग की गई है लेकिन अभी भी यह तारीख नहीं मिलने चाहिए सपना अधूरा ही है.

Intro:बूंदी जिले के विजयगढ़ में युवाओं ने शराबबंदी व नशामुक्ति की अलख जगाई और अब यह परवान चढ़ने लगी है। अब पूरा गावं शराब बंदी के पक्ष आ गया है और रोज नए नए जतन कर रहा है। सूत्रों के अनुसार आज मतदान हो यह गावं पूरी तरह से शराब मुक्त हो सकता है। पुरे गावं ने जिला प्रशासन एवं आबकारी विभाग को चेतावनी दे दी है की प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हम खुद टेके बंद करवा देंगे। उन्होंने ने प्रशासन को मतदान करवाने के लिए तारीख देने की मांग की है लेकिन प्रशासन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। 


गांव के 15 युवाओं ने 5 वर्ष पूर्व यहां नशामुक्ति के खिलाफ अभियान शुरू किया था। नशा के विरुद्ध अभियान से भी गांव के युवाओं ने जुड़कर इस काम को रफ्तार दी। अब तक करीब 100 से अधिक नवयुवक तो इस अभियान में सक्रियता से जुड़कर नशामुक्त हो चुके हैं। जहां शहरी व पढ़े लिखे युवाओं में इस दौर में जहां नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, वहीं दूरदराज में बसे इस गांव में युवाओं में नशे के खिलाफ बना माहौल काबिले तारीफ है। 


Body:सरपंच कमलेश मीणा ने शराबबंदी के तहत पंचायत के 60 प्रतिशत मतदाताओं से शराबबंदी के लिए हस्ताक्षर करवाए। इसमें महिलाओं ने पूरा सहयोग किया। 3 जून 2017 को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन एसडीएम हिंडौली को सौंपा गया। इसके बाद आबकारी विभाग ने मतदाताओं के हस्ताक्षर का सत्यापन करवाया। जो सही पाया गया। इसके बाद एसडीएम हिंडौली ने 10 प्रतिशत मतदाताओं का सर्वे किया। सर्वे रिपोर्ट आबकारी आयुक्त उदयपुर को भेजी तो उन्होंने यह कहकर लौटा दी कि 20 प्रतिशत मतदाताओं का सर्वे कर भिजवाओ। 2 फरवरी 2018 को सर्वे रिपोर्ट भेजी थी। अब वहां से मतदान की तारीख का इंतजार है। सरपंच के साथ 50 युवाओं की टीम इस पर कार्य कर रही है। इनमें हरिसिंह मीणा, बाबूलाल मीणा, कालूलाल मीणा, महावीर मीणा, पृथ्वीसिंह मीणा, भगवान मीणा हैं। 


बाईट :- कमलेश मीणा




Conclusion:जब सामाजिक बुराइयां आसपास के परिवेश में भी नजर नहीं आए। नशा भी सामाजिक बुराई है, जिसकी लत ने कई परिवारों का सुख-सुकून छीन लिया है। परिवारों में होने वाले झगड़ों में इसे भी प्रमुख कारण माना है। नशे की लत को छुड़वाने का युवाओं ने बीड़ा उठाया हुआ है। बूंदी जिले में यह आंदोलन पिछले 10 वर्षों से पूरी गति के साथ चल रहा है। विजयगढ़, नमाना, अंथड़ा, चित्तौड़ियां, फालेंडा, देई, नैनवां, पगारा, बांसी, कूकड़ा डूंगरी नशामुक्ति के लिए आवाज उठाई जा रही है। 


इस गावं में 5 वर्ष पूर्व गांव की ग्राम पंचायत में जहां प्रस्ताव लेकर गांव में पूर्णतया शराबबंदी के लिए प्रस्ताव प्रशासन को भिजवाया गया तो वहां से निर्देश के अनुसार 60% मतदाताओं द्वारा गांव में पूर्णतया शराबबंदी के लिए हस्ताक्षर युक्त पत्र तैयार करके प्रशासन आबकारी विभाग को भिजवाया गया जिसके बाद एसडीएम व आबकारी विभाग के अधिकारियों के सामने गांव में हुई आमसभा में इसका सत्यापन भी करवाया गया और शराबबंदी के लिए मांग की गई जिसके लिए नियमानुसार सरकारी कानून के मुताबिक गांव में शराबबंदी के लिए मतदान करवाने का नियम है लेकिन अभी तक भी सरकार द्वारा गांव में मतदान करवाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे ग्रामीणों द्वारा युवाओं द्वारा शुरू की गई इस पहल को अंजाम देने के लिए प्रशासन से कई बार इसकी तारीख की मांग की गई है लेकिन अभी भी यह तारीख नहीं मिलने चाहिए सपना अधूरा ही है


बाईट :- गीता बाई ,
बाईट :- मुकेशी बाई 
बाईट :- रमेश ,युवा 
बाईट :- रामलाल ,बुजुर्ग 

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