बूंदी. कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस की ओर से जिले में पदयात्रा निकाली गई. नवल सागर पार्क में सभा के दौरान खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, बूंदी नगर निकाय प्रभारी प्रतिष्ठा यादव, पूर्व विधायक सीएल प्रेमी, पीसीसी सचिव भरत शर्मा, कांग्रेस सेवादल जिला अध्यक्ष महमूद अली, सदस्य सत्येश शर्मा, पूर्व जिला प्रमुख राकेश बोयत ने सभा को संबोधित कर जमकर मोदी सरकार को घेरा.
इस दौरान मंच से सभी नेताओं ने कहा कि यह पूंजीपतियों की सरकार है. किसान को यह मजदूर बना कर छोड़ देंगे और पूंजीपति किसानों पर कब्जा कर लेंगे. सभा समाप्त होने के साथ किसान व कांग्रेस नेता पैदल मार्च करते हुए बूंदी जिला कलेक्ट्रेट के लिए आगे बढ़े और खेल मंत्री अशोक चांदना, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी के नेतृत्व में किसानों का रेला नवल सागर पार्क से होते हुए बायपास तिराहा, सूर्यमल मिश्रण चौराहा, रघुवीर भवन होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचा. यहां पर किसानों ने जमकर प्रदर्शन करते हुए बूंदी जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.
वहीं खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि कांग्रेस लगातार किसानों के हक में लड़ती रहेगी. इसको लेकर ही प्रदेश भर में किसान पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है. निश्चित रूप से इस आंदोलन के बाद मोदी सरकार और बैकफुट पर आएगी और किसानों के सम्मान में कांग्रेस का हर कार्यकर्ता उनको किसी भी हद तक किसी का शिकार नहीं होने देगा.
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प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कहा कि केंद्र की सरकार आमजन पर तो मनमानी कर ही रही है, साथ में वह देश के अन्नदाता को भी नहीं छोड़ रही. अन्नदाताओं को समाप्त करने के लिए जो कानून लाए गए हैं, वह उनकी बर्बादी के लिए दरवाजा हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इसे बहुमत से पास नहीं करवाया और अपनी मनमर्जी से यह कानून थोपने का काम किया है. किसान व कांग्रेस पार्टी मरते दम तक इस कानून को वापस लेकर ही दम लेगी और किसान के सम्मान में कांग्रेस हमेशा मैदान में रहेगी.
उधर बूंदी नगर निकाय प्रभारी प्रतिष्ठा यादव ने कहा कि यह सरकार उद्योगपतियों को मजबूत करने और देश के अन्नदाता को कमजोर करने का काम कर रही है. हम किसी भी हालत में देश के अन्नदाता को खत्म नहीं होने देंगे और पुरजोर तरीके से सरकार के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे, लेकिन यह सरकार इतनी गिरी हुई है कि देश का अन्नदाता अपनी जान भी गवां चुका है, लेकिन सरकार के सिर पर जूं तक नहीं रेंग रही है.