बूंदी. जेल से रिहा होने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए अभिनेत्री पायल रोहतगी ने राजस्थान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि राजस्थान के अंदर अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है. जिसके चलते मुझ पर यह कार्रवाई की गई है.
वहीं, अब कांग्रेसी नेताओं ने इन आरोपों पर पलटवार करना शुरू कर दिया है. शिकायतकर्ता और कांग्रेस के नेता चर्मेश शर्मा के प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि राजस्थान में सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है. लेकिन देश के लिए जेल जाने वाली महिला और स्वतंत्रता सेनानियों के चरित्र पर सवाल उठाकर चरित्र हनन करने वालों को किसी भी तरह की फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं है.
शर्मा ने कहा कि पायल रोहतगी की ओर से राजस्थान सरकार पर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया गया है. लेकिन इस मामले में सरकार की कोई भूमिका नहीं है, पायल ने जो अपराध किया है उस पर कानून ने अपना काम किया है. चर्मेश ने कहा कि 2 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दी गई थी. लेकिन पुलिस ने 8 दिन तक प्रारम्भिक जांच के बाद 10 अक्टूबर को मामले की रिपोर्ट दर्ज की.
सरकार की भूमिका होती तो पुलिस अदालत में रिमांड मांग सकती थी. पहले भी कई बार आईटी एक्ट के ऐसे मामलों में सामान्य रूप से ही आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लिया है. लेकिन पुलिस ने कोर्ट में पायल की रिमांड नहीं मांगी. जिससे यह साबित होता है कि इस मामले में सरकार की कोई भी भूमिका नहीं है. शर्मा ने कहा कि यह सब कुछ संवैधानिक रूप से कानून के अंतर्गत हुआ है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चर्मेश शर्मा ने पायल रोहतगी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है, जो भी होगा वह सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि पायल जो भी टिप्पणी की थी वह गलत है और मैं हर तरीके से कार्रवाई के लिए तैयार हूं. बता दें कि चर्मेश शर्मा ने ही पायल रोहतगी के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज करवाया था.