बूंदी. जिले के लाखेरी की मेज नदी में 24 लोगों की दर्दनाक मौत हुई है. जिनमें 5 लोगों को सुरक्षित बचा लिया है, उनका कोटा अस्पताल में इलाज जारी है. घटनाक्रम कैसे हुआ और किस तरीके से एक-एक कर 29 लोगों को बाहर निकाला और पूरे घटनाक्रम को नजदीक से देखने वाले इलाके के सुनील मीना ने ईटीवी से बात करते हुए घटना के बाद रेस्क्यू करने की पूरी जानकरी दी.
प्रत्यक्षदर्शी सुनील मीना ने बताया है कि जैसे ही नदी में बस डूबी तो वह खुद पानी में कूद गए और ग्रामीणों और पुलिस की मदद से उन्होंने 29 जनों को बाहर निकाल लिया. जिनमें से 24 लोगों की मौत हो चुकी थी. सुनील ने ईटीवी से कहा कि सकरी पुलिया होने की वजह से यह हादसा हुआ है. घटना के समय सुनील मीना और ग्रामीण मौजूद थे. मीना ने कहा है कि जैसे ही हादसा हुआ तो वो वहां पर पहुंचा तो इलाके के एक व्यक्ति द्वारा रस्सा डालकर बस को बाहर सवारियों को निकालने की कोशिश की जा रही थी. आसपास के लोगों ने दहीखेड़ा थाना, लाखेरी थाना पुलिस को सूचना दी, तो दोनों थाने के पुलिस के जवान वहां पर पहुंचे और पुलिस के जवान और वो लोग पानी में कूद गए और एक-एक कर लोगों को निकालने के लिए जुट गए.
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हादसा इस तरीके से हुआ था की बस पूरी तरह से उल्टी पानी में गिरी थी. जिसके चलते कोई भी यात्री अपने आप को बचा नहीं सका. रेस्क्यू कर रहे ग्रामीणों ने बस की पानी में ही खिड़कियां तोड़ी और एक-एक कर सब को बाहर निकाला. लेकिन जितना वक्त लगा उनमें से 24 लोगों की जब तक मौत हो चुकी थी. कुछ ही देर में रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई थी और उन्होंने भी रेस्क्यू शुरू किया. ग्रामीण, पुलिस और रेस्क्यू टीम ने सभी 29 लोगों को बाहर तो निकाला, लेकिन 24 लोगों की मौत हो चुकी थी.
सुनील मीना वो ही शख्स है, जिन्होंने जैसे ही हादसा हुआ तो वह खुद पानी में छलांग लगाने के लिए कूद गए और सभी 29 लोगों को बाहर निकालने में मदद करने लगे. उनका कहना है कि बस चालक की लापरवाही रही या किस तरीके से यह हादसा हुआ यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन इस इलाके की सबसे बड़ी मांग थी कि इस पुलिया को चौड़ा किया जाए और चारों तरफ से सुरक्षित किया जाए, वो मांग पूरी नहीं हुई. जिसके चलते बस अनियंत्रित हो गई और पुलिया के डिवाइडर को तोड़ते हुए 30 फीट नीचे पानी में जा गिरी. अगर समय रहते सरकार प्रशासन ग्रामीणों की बात पर ध्यान देते तो आज इतनी बड़ी हानि इस इलाके में नहीं होती.
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बूंदी के निवासी सुनील मीना को इस बात का दर्द है कि उन्होंने समय रहते पानी में छलांग लगाकर 29 लोगों को बाहर तो निकाला, लेकिन उनमें से 24 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी थी और पांच ही लोग इस हादसे में बचे. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस पुलिया के टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त करवाएं और नई पुलिया का निर्माण होता कि इस तरीके से हादसे की पूर्णाहुति दोबारा नहीं हो सके. फिलहाल सभी मृतकों के शव का पोस्टमार्टम पुलिस ने करवा लिया है और सभी के शव को परिजनों को सुपुर्द कर मामले की जांच शुरू कर दी है.