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सांड के हमले में मौत पर बूंदी डीजे कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, नगर परिषद से 23.60 लाख रु वसूलने का आदेश - कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

बूंदी डीजे कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. डेढ़ साल पहले सांड के हमले में हुई शख्स की मौत पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने नगर परिषद पर 23 लाख 60 हजार 500 रुपये क्लेम के रूप में वसूलने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने बूंदी नगर परिषद के राशि नहीं देने पर हर महीने 7% ब्याज के रूप में डबल राशि वसूलने के आदेश भी दिए हैं.

Bundi nagar parishad, man death in bull attack in bundi
बूंदी डीजे कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
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Published : Jan 10, 2020, 3:12 PM IST

बूंदी. जिला सेशन न्यायाधीश ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. यहां पर डेढ़ साल पहले दो सांडों की लड़ाई में शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दाधीच की मौत के मामले में कोर्ट ने नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23 लाख 60 हजार 500 वसूलने का आदेश दिया है. अगर नगर परिषद यह राशि नहीं देता है तो हर महीने 7% ब्याज के रूप में डबल राशि वसूलने के आदेश दिए हैं. ये फैसला जिला एवं सेशन न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने सुनाया है. यह फैसला इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आवारा मवेशियों की सड़क पर बैठने और आए दिन सांडों की लड़ाई की समस्याएं आम बात हो गईं हैं. इस बीच जिम्मेदार नगर परिषद के अधिकारियों को यह आदेश सबक सिखाने वाला साबित होगा.

बूंदी डीजे कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

दो सांड की लड़ाई में अकाल मौत
बता दें, कि शहर के ब्रह्मपुरी इलाके में रहने वाले मुकेश दाधीच नाम के एक व्यक्ति की डेढ़ साल पूर्व दो सांड की लड़ाई में अकाल मौत हो गई थी. इस पर परिवार जन ने बूंदी के डीजे कोर्ट में नगर परिषद के विरुद्ध आवारा सांड पर कोई कार्रवाई नहीं करने और मृतक के परिवार को क्लेम राशि दिलाने को लेकर नगर परिषद के विरोध में केस किया था. करीब डेढ़ साल तक चले इस केस में शुक्रवार को जिला सेशन एवं न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23.60 लाख रुपए पीड़ित को देने का आदेश सुनाया है.

पढ़ें- स्पेशलः बूंदी के PG कॉलेज में खुला जिम, पढ़ाई के साथ फिटनेस का भी ख्याल रखेंगे स्टूडेंट्स

नगर परिषद के विरुद्ध बूंदी डीजे कोर्ट में केस
ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दीक्षित एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर काम करता था और पांच बहनों में एक भाई था और वह घर का मुखिया था. उसके साथ उसकी पुत्री, पुत्र और पत्नी साथ में रहते थे. जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल 2018 शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दीक्षित घर के बाहर झाड़ू लगाकर सफाई कर रहा था. तभी पीछे से दो सांड लड़ते हुए आए और मुकेश दीक्षित को घसीट दिया और दोनों आवारा सांडों ने मुकेश दीक्षित को सिंग के जरिए उछालकर जमीन पर फेंक दिया. चिल्लाहाट पर आसपास के लोग वहां पहुंचे, जहां पर सांडों ने मुकेश दीक्षित को घेर रखा था. लोगों ने सांडों को हटाया और मुकेश दीक्षित को बूंदी अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां पर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. यहां पर जागरूक लोगों ने परिवार की मदद कर नगर परिषद के विरुद्ध लापरवाही बताते हुए बूंदी जिला सेशन न्यायालय में केस दायर किया. पीड़ित परिवार की ओर से वकील कौशल कुमार शर्मा एवं रवि प्रसाद शर्मा ने न्यायालय में केस की पैरवी की. जिसके बाद शुक्रवार को बूंदी डीजे कोर्ट ने पीड़ित परिवार को क्लेम राशि देने का आदेश दिया.

पढ़ें- खबर का असर: 21 महीने बाद जागा सिस्टम, कांस्टेबल परिवार को पेंशन ऑर्डर जारी

परिवार के मुखिया की मौत के बाद घरेलू स्थिति खराब
पीड़ित परिवार को राशि मिलने के आदेश तो हो गए, लेकिन परिजनों का कहना है, कि घर का मुखिया तो घर का मुखिया होता है, चाहे करोड़ों की राशि हमें मिल जाए, उसकी भरपाई नहीं हो सकती. उन्होंने कहा है, कि नगर परिषद को यह सबक है, कि वह शहर में आवारा सांड को दूर करें, ताकि हमारे ऊपर जो बीती है, वह किसी और पर नहीं बीते. बूंदी कोर्ट द्वारा जो राशि पीड़ित परिवार में क्लेम के रूप में स्वीकृत करने के आदेश दिए हैं. उससे परिवार की आर्थिक तंगी काफी हद तक दूर होगी, क्योंकि परिवार के मुखिया की मौत के बाद परिवार में घरेलू स्थिति काफी खराब है.

बूंदी. जिला सेशन न्यायाधीश ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. यहां पर डेढ़ साल पहले दो सांडों की लड़ाई में शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दाधीच की मौत के मामले में कोर्ट ने नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23 लाख 60 हजार 500 वसूलने का आदेश दिया है. अगर नगर परिषद यह राशि नहीं देता है तो हर महीने 7% ब्याज के रूप में डबल राशि वसूलने के आदेश दिए हैं. ये फैसला जिला एवं सेशन न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने सुनाया है. यह फैसला इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आवारा मवेशियों की सड़क पर बैठने और आए दिन सांडों की लड़ाई की समस्याएं आम बात हो गईं हैं. इस बीच जिम्मेदार नगर परिषद के अधिकारियों को यह आदेश सबक सिखाने वाला साबित होगा.

बूंदी डीजे कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

दो सांड की लड़ाई में अकाल मौत
बता दें, कि शहर के ब्रह्मपुरी इलाके में रहने वाले मुकेश दाधीच नाम के एक व्यक्ति की डेढ़ साल पूर्व दो सांड की लड़ाई में अकाल मौत हो गई थी. इस पर परिवार जन ने बूंदी के डीजे कोर्ट में नगर परिषद के विरुद्ध आवारा सांड पर कोई कार्रवाई नहीं करने और मृतक के परिवार को क्लेम राशि दिलाने को लेकर नगर परिषद के विरोध में केस किया था. करीब डेढ़ साल तक चले इस केस में शुक्रवार को जिला सेशन एवं न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23.60 लाख रुपए पीड़ित को देने का आदेश सुनाया है.

पढ़ें- स्पेशलः बूंदी के PG कॉलेज में खुला जिम, पढ़ाई के साथ फिटनेस का भी ख्याल रखेंगे स्टूडेंट्स

नगर परिषद के विरुद्ध बूंदी डीजे कोर्ट में केस
ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दीक्षित एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर काम करता था और पांच बहनों में एक भाई था और वह घर का मुखिया था. उसके साथ उसकी पुत्री, पुत्र और पत्नी साथ में रहते थे. जानकारी के अनुसार 28 अप्रैल 2018 शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दीक्षित घर के बाहर झाड़ू लगाकर सफाई कर रहा था. तभी पीछे से दो सांड लड़ते हुए आए और मुकेश दीक्षित को घसीट दिया और दोनों आवारा सांडों ने मुकेश दीक्षित को सिंग के जरिए उछालकर जमीन पर फेंक दिया. चिल्लाहाट पर आसपास के लोग वहां पहुंचे, जहां पर सांडों ने मुकेश दीक्षित को घेर रखा था. लोगों ने सांडों को हटाया और मुकेश दीक्षित को बूंदी अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां पर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. यहां पर जागरूक लोगों ने परिवार की मदद कर नगर परिषद के विरुद्ध लापरवाही बताते हुए बूंदी जिला सेशन न्यायालय में केस दायर किया. पीड़ित परिवार की ओर से वकील कौशल कुमार शर्मा एवं रवि प्रसाद शर्मा ने न्यायालय में केस की पैरवी की. जिसके बाद शुक्रवार को बूंदी डीजे कोर्ट ने पीड़ित परिवार को क्लेम राशि देने का आदेश दिया.

पढ़ें- खबर का असर: 21 महीने बाद जागा सिस्टम, कांस्टेबल परिवार को पेंशन ऑर्डर जारी

परिवार के मुखिया की मौत के बाद घरेलू स्थिति खराब
पीड़ित परिवार को राशि मिलने के आदेश तो हो गए, लेकिन परिजनों का कहना है, कि घर का मुखिया तो घर का मुखिया होता है, चाहे करोड़ों की राशि हमें मिल जाए, उसकी भरपाई नहीं हो सकती. उन्होंने कहा है, कि नगर परिषद को यह सबक है, कि वह शहर में आवारा सांड को दूर करें, ताकि हमारे ऊपर जो बीती है, वह किसी और पर नहीं बीते. बूंदी कोर्ट द्वारा जो राशि पीड़ित परिवार में क्लेम के रूप में स्वीकृत करने के आदेश दिए हैं. उससे परिवार की आर्थिक तंगी काफी हद तक दूर होगी, क्योंकि परिवार के मुखिया की मौत के बाद परिवार में घरेलू स्थिति काफी खराब है.

Intro:बूंदी में जिला सेशन न्यायाधीश द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है.... यहां पर डेढ़ साल पहले दो सांडों की लड़ाई में शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दाधीच की मौत के मामले में कोर्ट ने नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23 लाख ₹60500 वसूलने का आदेश दिया है । अगर नगर परिषद यह राशि नहीं देता है तो हर महीने 7% ब्याज के रूप में डबल राशि वसूलने के आदेश दिए हैं । यह फैसला इसलिए ऐतिहासिक है कि आवारा मवेशियों की सड़क पर बैठने और आए दिन सांडों की लड़ाई की समस्याएं आम बात हो गई है और इसी के बीच जिम्मेदार नगर परिषद के अधिकारियों को यह आदेश सबक सिखाने वाला जैसा भी साबित होगा ।


Body:बूंदी जिला सेशन न्यायाधीश ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है यहां पर शहर में आए दिन आवारा मवेशियों से हो रहे हमले को लेकर यह फैसला जनहित में दिया गया है । हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि शहर के ब्रह्मपुरी इलाके में रहने वाले मुकेश दाधीच नामक एक युवक की डेढ़ साल पूर्व दो सांड की लड़ाई में अकाल मौत हो गई थी। इस पर परिवार जन ने बूंदी के डीजे कोर्ट में नगर परिषद के विरुद्ध आवारा सांड पर कोई कार्यवाही नहीं करने एवं मृतक के परिवार को क्लेम राशि दिलाने को लेकर यहां पर नगर परिषद के विरोध केस किया गया था । करीब डेढ़ साल तक चले इस केस में आज जिला सेशन एवं न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में ₹23 लाख 60500 पीड़ित को देने का आदेश सुनाया है साथ में ऐसा नहीं करने पर उन्हें 7% ब्याज दर से राशि वसूलने का भी आदेश दिया गया है ।

जानकारी के अनुसार शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दीक्षित घर के बाहर झाड़ू लगाकर सफाई कर रहा था तभी पीछे से दो सांड लड़ते हुए आए और मुकेश दीक्षित को घसीट दिया और दोनों आवारा सांडों ने मुकेश दीक्षित को सिंग के जरिए उछालकर जमीन पर फेंक दिया । चिल्लाहाट पर आसपास के लोग वहां पहुंचे जहां पर सांडो ने मुकेश दीक्षित को घेर रखा था । लोगों ने सांडों को हटाया और मुकेश दीक्षित को बूंदी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया । यहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया अचानक से हुए घर के बाहर इस हादसे में परिवार जन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया । यहां पर जागरूक लोगों ने परिवार की मदद कर नगर परिषद के विरुद्ध पूरी लापरवाही बताते हुए बूंदी जिला सेशन न्यायालय में केस दायर किया । ऐसे में पीड़ित परिवार की ओर से वकील कौशल कुमार शर्मा एवं रवि प्रसाद शर्मा ने न्यायालय में केस की पैरवी की और आज बूंदी डीजे कोर्ट ने पीड़ित परिवार को ₹23 लाख 60500 की क्लेम राशि देने का आदेश दिया है साथ में ऐसा नहीं करने पर महीने में 7% ब्याज दर से अधिक राशि वसूलने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है ।

यहां तो बता दे कि ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दीक्षित एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर काम करता था और पांच बहनों में एक भाई था और वह घर का मुखिया था उसके साथ उसकी पुत्री एवं पुत्र एवं पत्नी साथ में रहते थे । ऐसे में 28 अप्रैल 2018 को वह घर की सफाई कर रहा था और अचानक सांडों ने हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई । पीड़ित परिवार को आज राशि मिलने के आदेश तो हो गए लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि घर का मुखिया तो घर का मुखिया होता है चाहे करोड़ों की राशि हमें मिल जाए उसकी भरपाई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा है कि नगर परिषद को यह सबक है कि वह शहर में हो रहे आवारा सांड को दूर करवाएं ताकि हमारे पर जो बीती है वह किसी पर नहीं बीते । बूंदी कोर्ट द्वारा जो राशि पीड़ित परिवार में क्लेम के रूप में स्वीकृत करने के आदेश दिए हैं उससे परिवार का आर्थिक तंग काफी दूर होगा । क्योंकि परिवार के मुखिया की मौत के बाद परिवार में घरेलू स्थिति काफी खराब है ।


Conclusion:यहां आपको बता दें कि बूंदी शहर में आवारा मवेशी और आवारा सांडों की लड़ाई झगड़े और हमले की घटनाएं आम हो चली है । ऐसे में शहर के विभिन्न इलाकों में झुंड बनाकर यह आवारा मवेशी बैठे रहते हैं और आए दिन हमले करने से चूकते नहीं । आमजन द्वारा कई बार भी नगर परिषद को शिकायतें दी गई लेकिन नगर परिषद है कि कुछ नहीं कर पाती और जस के तस यह आवारा मवेशी सड़क पर बैठे रहते हैं और आमजन को नुकसान पहुंचा रहे हैं । ऐसा ही शिकार बूंदी का मुकेश दीक्षित हुआ था और उसकी जान चली गई । पीड़ित परिवार को कोर्ट ने राशि के रूप में ₹23 लाख 60500 दिलवा दिए और उन्हें न्याय मिल गया साथ में नगर परिषद को भी इस मामले के बाद बड़ा सबक है कि वह जल्द से जल्द शहर में घूम रहे आवारा मवेशियों को दूर करें ताकि आमजन को इस तरीके से जान से हाथ धोना नहीं पढ़े ।

बाईट- रानी दीक्षित , पत्नी
बाईट - विजय कुमारी , बहन
बाईट- रविप्रसाद शर्मा , वकील
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