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बूंदी : दूसरी लहर के घातक दौर में जिला अस्पताल में पहली बार नजर आया सुधार, दो दर्जन से अधिक ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड खाली - Rajasthan Medicare Relief Society

राजस्थान में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पतालों में बेड मिलना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. इस बीच एक सुखद खबर सामने आई है. मंगलवार को राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के सदस्य और कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने जिला अस्पताल का अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने देखा कि के सर्जिकल और अस्थि आइसोलेशन वार्ड में कुल 58 में से 14 बेड खाली थे. जो चौकाने वाली बात है.

Bundi District Hospital, Rajasthan Medicare Relief Society
बूंदी जिला अस्पताल में पहली बार 24 से ज्यादा ऑक्सीजन बेड हुए खाली
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Published : May 18, 2021, 6:07 PM IST

बूंदी. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान प्रतिदिन बड़ी संख्या में रोगी आने के कारण रोजाना कई मरीजों को बेड और ऑक्सीजन नहीं मिलने के लिए सुर्खियों में रहे जिला अस्पताल में घातक लहर में पहली बार ऐसी सुखद स्थिति दिखाई दी कि सर्जिकल और अस्थि आइसोलेशन वार्ड में ही कुल 58 में से 14 बेड खाली थे.

बूंदी जिला अस्पताल में पहली बार 24 से ज्यादा ऑक्सीजन बेड हुए खाली

एक मरीज की मदद के लिए चिकित्सालय पहुंचे कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने कहा कि वे दूसरी लहर में कई बार जिला अस्पताल में आए हैं लेकिन यहां पर हमेशा इन दिनों में रोगियों को भर्ती करने के लिए एक एक बेड के लिए मारामारी और कड़ी मशक्कत दिखाई दी है. कई रोगियों को तो बिना भर्ती किए हुए ही वापस लौटना पड़ा है. ऐसे में पहली बार जिला अस्पताल में दो दर्जन से अधिक बेड खाली होना मायने रखता है.

जिला अस्पताल का दौरा करने के दौरान राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के सदस्य ऐर कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने देखा कि जहां पहले वार्डों में भर्ती अनेक रोगियों का ऑक्सीजन स्तर 60 के नीचे रहता था वहीं पर अधिकांश रोगियों का ऑक्सीजन स्तर 90 के लगभग या इससे ऊपर था. कई रोगियों के ठीक होकर घर जाने और ज्यादा मृत्यु न होने से रोगियों में भी काफी हौसला नजर आया. आइसोलेशन वार्ड के नर्सिंग कर्मचारी मुफीद अहमद ने भी कहा कि पिछले 25 दिनों से अधिक समय में पहली बार चिकित्सालय में रोगियों में ऐसा सुधार नजर आया है.

कोविड वार्ड में भी स्थिति बेहतर- चर्मेश शर्मा

कोविड वार्ड में भी स्थिति अन्य दिनों की अपेक्षा बेहतर रही. कोविड-19 भी आधा दर्जन से अधिक बेड खाली थे जबकि पहले कोविड-19 भर्ती होने के लिए आगे से आगे रोगी वेटिंग में रहते थे और कई रोगियों को तो भर्ती करने के लिए जगह भी नहीं होती थी.

कांग्रेस नेता शर्मा ने बताया कि कोविड वार्ड के कई रोगियों से उनकी वार्ता हुई तो सकारात्मक रूप दिखाई दिया है. वार्ड में भर्ती एक महिला ने कहा कि आज ईश्वर की कृपा से वार्ड में किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है यहां से कोई जाता है तो सभी का हौसला टूट जाता है. ऐसा लगता है कि ईश्वर की कृपा से हम दूसरी लहर से मुकाबला करने में सक्षम बन रहे हैं. ईश्वर ऐसी कृपा बनाये रखें और सभी को स्वस्थ करें.

पढ़ें- SPECIAL : वैक्सीनेशन में बिजली कर्मचारियों के साथ भेदभाव...70 कर्मचारियों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

बूंदी अस्पताल की बात की जाए तो बूंदी अस्पताल में करीब 150 बेड कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए हैं. जिनमें से 70 बेडो पर ऑक्सीजन नियमित रूप से चल रही है. जिला अस्पताल का अधिकांश भाग पूरी तरह से एक कोविड वार्डों में तब्दील हो गया है.

कोरोना संक्रमण की बात की जाए तो बूंदी में कुछ दिनों के भीतर कोरोना संक्रमण में भी कमी देखी गई है. 2 दिनों में एक हजार के करीब मरीज संक्रमण से रिकवर होते हुए. लेकिन बूंदी में अभी भी 1200 के करीब एक्टिव केस बने हुए हैं. अस्पताल की तस्वीर और दावे यदि सही है तो माना जा सकता है कि बूंदी जिला अस्पताल में यह तस्वीरें सुखद देने वाली है.

बूंदी. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान प्रतिदिन बड़ी संख्या में रोगी आने के कारण रोजाना कई मरीजों को बेड और ऑक्सीजन नहीं मिलने के लिए सुर्खियों में रहे जिला अस्पताल में घातक लहर में पहली बार ऐसी सुखद स्थिति दिखाई दी कि सर्जिकल और अस्थि आइसोलेशन वार्ड में ही कुल 58 में से 14 बेड खाली थे.

बूंदी जिला अस्पताल में पहली बार 24 से ज्यादा ऑक्सीजन बेड हुए खाली

एक मरीज की मदद के लिए चिकित्सालय पहुंचे कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने कहा कि वे दूसरी लहर में कई बार जिला अस्पताल में आए हैं लेकिन यहां पर हमेशा इन दिनों में रोगियों को भर्ती करने के लिए एक एक बेड के लिए मारामारी और कड़ी मशक्कत दिखाई दी है. कई रोगियों को तो बिना भर्ती किए हुए ही वापस लौटना पड़ा है. ऐसे में पहली बार जिला अस्पताल में दो दर्जन से अधिक बेड खाली होना मायने रखता है.

जिला अस्पताल का दौरा करने के दौरान राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी के सदस्य ऐर कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने देखा कि जहां पहले वार्डों में भर्ती अनेक रोगियों का ऑक्सीजन स्तर 60 के नीचे रहता था वहीं पर अधिकांश रोगियों का ऑक्सीजन स्तर 90 के लगभग या इससे ऊपर था. कई रोगियों के ठीक होकर घर जाने और ज्यादा मृत्यु न होने से रोगियों में भी काफी हौसला नजर आया. आइसोलेशन वार्ड के नर्सिंग कर्मचारी मुफीद अहमद ने भी कहा कि पिछले 25 दिनों से अधिक समय में पहली बार चिकित्सालय में रोगियों में ऐसा सुधार नजर आया है.

कोविड वार्ड में भी स्थिति बेहतर- चर्मेश शर्मा

कोविड वार्ड में भी स्थिति अन्य दिनों की अपेक्षा बेहतर रही. कोविड-19 भी आधा दर्जन से अधिक बेड खाली थे जबकि पहले कोविड-19 भर्ती होने के लिए आगे से आगे रोगी वेटिंग में रहते थे और कई रोगियों को तो भर्ती करने के लिए जगह भी नहीं होती थी.

कांग्रेस नेता शर्मा ने बताया कि कोविड वार्ड के कई रोगियों से उनकी वार्ता हुई तो सकारात्मक रूप दिखाई दिया है. वार्ड में भर्ती एक महिला ने कहा कि आज ईश्वर की कृपा से वार्ड में किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है यहां से कोई जाता है तो सभी का हौसला टूट जाता है. ऐसा लगता है कि ईश्वर की कृपा से हम दूसरी लहर से मुकाबला करने में सक्षम बन रहे हैं. ईश्वर ऐसी कृपा बनाये रखें और सभी को स्वस्थ करें.

पढ़ें- SPECIAL : वैक्सीनेशन में बिजली कर्मचारियों के साथ भेदभाव...70 कर्मचारियों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

बूंदी अस्पताल की बात की जाए तो बूंदी अस्पताल में करीब 150 बेड कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए हैं. जिनमें से 70 बेडो पर ऑक्सीजन नियमित रूप से चल रही है. जिला अस्पताल का अधिकांश भाग पूरी तरह से एक कोविड वार्डों में तब्दील हो गया है.

कोरोना संक्रमण की बात की जाए तो बूंदी में कुछ दिनों के भीतर कोरोना संक्रमण में भी कमी देखी गई है. 2 दिनों में एक हजार के करीब मरीज संक्रमण से रिकवर होते हुए. लेकिन बूंदी में अभी भी 1200 के करीब एक्टिव केस बने हुए हैं. अस्पताल की तस्वीर और दावे यदि सही है तो माना जा सकता है कि बूंदी जिला अस्पताल में यह तस्वीरें सुखद देने वाली है.

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