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बूंदी : मेज नदी में उफान से बूंदी आया बाढ़ की चपेट में...कई मकान हुए क्षतिग्रस्त - Bundi Flood news

बूंदी जिले के गुड़ा बांध के 17 गेट खोलने के बाद में नदी में आए भारी उफान के बाद में निचली बस्तियां जलमग्न हो गई. यहां बोरखेड़ा, चेता, अलोद, बिछड़ी गांव सहित कई गांव में मकान बरबाद हो गए.

Bundi heavy rains news, बूंदी खबर
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Published : Aug 17, 2019, 4:51 AM IST

बूंदी. राज्य में हो रही भारी बारिश ने बूंदी जिले को भी अछूता नहीं रखा. यहां कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बूंदी जिले का सबसे कच्चा बांध कहा जाने वाला 'गुढा बांध' के 17 गेट खोलने के बाद इलाके के करीब छह गांवो में पानी घुस गया है.

मेज नदी उफान पर होने के चलते चारों ओर पानी ही पानी देखा जा सकता है. इन गांव में चार से पांच फीट पानी भर गया है. ऐसे में घरों दुकानों में घरेलू सामान नष्ट हो चुका है. भूखे प्यासे लोग छतो को अपना आसरा बनाए बैठे है.

पढ़ें- 6 सालों से दबंगों के डर से गांव से दूर पहाड़ियों पर रहने को मजबूर एक परिवार

मेज नदी का पानी उफान पर आने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ा नया गांव के पास पुलिया पर पानी टच हो गया है. जिससे कोटा-जयपुर मार्ग की सुरक्षा के दृष्टि से भारी वाहन पर रोक लगा दी गई है. बस कार व मोटरसाइकिल यहां से निकाली जा रही है.जिला कलेक्टर रुकमणी रियार सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के हालात जाने. प्रशासन के साथ खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना भी अलग-अलग गांव पहुंच गए और बाढ़ पीड़ित लोगों के साथ चर्चा की. इस बाढ़ ने ईलाके में कई लोगों को बेघर कर दिया.

भारी बारिश के चलते बूंदी बाढ़ की चपेट में

पढ़ें- बूंदी में सड़क पर बैठे मवेशी बने हादसों का कारण, ना नगर परिषद और ना प्रशासन दे रहा ध्यान

मेज नदी जहां जहां से गुजर रही है वहां वहां गांव में पानी की चपेट में आ गया है. जिले में लगातार हो रही बरसात से कई गांवों में पानी भर चुका है और टापू बन गए. इंसान के साथ साथ जानवरों की भी जान सांसत में आ गई है वहीं बरसात से कच्चे मकान भी धराशाई हो गए हैं.

पढ़ें- अदालत परिसर में गोली चलने से दो पुलिसकर्मी घायल...कोर्ट में मचा हड़कंप

सबसे ज्यादा मकानों की स्थिति बरुन्धन गांव में हुई है. जहां पर आधा दर्जन घर पूरी तरह से टूट चुके हैं. वहीं बूंदी ब्रांच केनाल की दीवार पानी के दवाब से टूट जाने से आवागमन बाधित हो गया. 'गरीब लोग' सरकार से मद्द की आस लगाए बैठे है.

बूंदी. राज्य में हो रही भारी बारिश ने बूंदी जिले को भी अछूता नहीं रखा. यहां कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बूंदी जिले का सबसे कच्चा बांध कहा जाने वाला 'गुढा बांध' के 17 गेट खोलने के बाद इलाके के करीब छह गांवो में पानी घुस गया है.

मेज नदी उफान पर होने के चलते चारों ओर पानी ही पानी देखा जा सकता है. इन गांव में चार से पांच फीट पानी भर गया है. ऐसे में घरों दुकानों में घरेलू सामान नष्ट हो चुका है. भूखे प्यासे लोग छतो को अपना आसरा बनाए बैठे है.

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मेज नदी का पानी उफान पर आने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ा नया गांव के पास पुलिया पर पानी टच हो गया है. जिससे कोटा-जयपुर मार्ग की सुरक्षा के दृष्टि से भारी वाहन पर रोक लगा दी गई है. बस कार व मोटरसाइकिल यहां से निकाली जा रही है.जिला कलेक्टर रुकमणी रियार सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के हालात जाने. प्रशासन के साथ खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना भी अलग-अलग गांव पहुंच गए और बाढ़ पीड़ित लोगों के साथ चर्चा की. इस बाढ़ ने ईलाके में कई लोगों को बेघर कर दिया.

भारी बारिश के चलते बूंदी बाढ़ की चपेट में

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मेज नदी जहां जहां से गुजर रही है वहां वहां गांव में पानी की चपेट में आ गया है. जिले में लगातार हो रही बरसात से कई गांवों में पानी भर चुका है और टापू बन गए. इंसान के साथ साथ जानवरों की भी जान सांसत में आ गई है वहीं बरसात से कच्चे मकान भी धराशाई हो गए हैं.

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सबसे ज्यादा मकानों की स्थिति बरुन्धन गांव में हुई है. जहां पर आधा दर्जन घर पूरी तरह से टूट चुके हैं. वहीं बूंदी ब्रांच केनाल की दीवार पानी के दवाब से टूट जाने से आवागमन बाधित हो गया. 'गरीब लोग' सरकार से मद्द की आस लगाए बैठे है.

Intro:बूंदी के गुड़ा बांध के 17 गेट खोलने के बाद में नदी में आये भारी उफान के बाद में निचली बस्तियां जलमग्न हो गई है यहां बोरखेड़ा , चेता , अलोद , बिछड़ी गावँ सहित कई गांव में मकान जलमग्न हो गए गांव में चार से पांच पानी भर गया है । गांव की दुकानों , अस्पताल में पानी घुस गया है जिससे नुकसान लोगो को हुआ है । लोग भूखे प्यासे बैठे हैं । बड़ी संख्या में कई मवेशी जल प्रवाह के साथ बह गए हैं । वहीं शहर की दोनों कॉलोनियों में तीसरे दिन भी घर में पानी रहा। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि झील के पानी का स्तर थोड़ा कम होने से पानी कम हुआ है। लेकिन स्थिति जस की तस है। वहीं जिले के आधा दर्जन इलाकों में नदियां उफान पर चल रही है जिससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से कर चुका है ।


Body:बूंदी में बाढ़ के कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां पर बूंदी जिले का सबसे कच्चा बांध कहा जाने वाला गुढा बांध के 17 गेट खोलने के बाद इलाके के आधा दर्जन गांव मैं पानी घुस गया है और मेज नदी उफन रही है। चारों ओर पानी ही पानी देखा जा सकता है । इन गांव में 4 से 5 फीट पानी भर गया है। ऐसे में घरों दुकानों में घरेलू सामान नष्ट हो चुका है ।भूखे प्यासे लोग छत पर बैठे हुए हैं। मेज नदी का पानी उफान पर आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बड़ा नया गावँ के पास पुलिया पर पानी टच हो गया है। जिससे कोटा - जयपुर मार्ग की सुरक्षा के दृष्टि से भारी वाहन पर रोक लगा दी गई है । बस कार व मोटरसाइकिल यहां से निकाली जा रही है । जिला कलेक्टर रुकमणी रियार सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के हालात जाने । जहां लोग बाढ़ के पानी की चपेट दिखे । प्रशासन के साथ खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना भी अलग-अलग गांव पहुंच गए और बाढ़ पीड़ित लोगों के साथ चर्चा की । साथ ही हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया। उधर ग्रामीणों का कहना था कि समय पर मुनादी हो जाती तो हम घरों से निकल जाते हैं लेकिन जब मुनादी नहीं हुई तो हमने देखा कि हमारे आंगन में पानी आ चुका था पानी इतना था कि हम निकल नहीं सकते थे जिससे नुकसान हुआ है ।किसी के खाने के सामान बह गए तो किसी का घर टूट गया । इस बाढ़ ने ईलाके में कई लोगों को बेघर कर दिया । मेज नदी जहां जहां से गुजर रही है वहां वहां गांव में पानी की चपेट में आ गया है। जिले में लगातार हो रही बरसात से कई गांवों में पानी भर चुका है और टापू बन गए । इंसान के साथ साथ जानवरों की भी जान सांसत में आ गई है । जानकारी के अनुसार कुरेल नदी में उफान आने के बाद गुरुवार से ही बूंदी- रायथल मार्ग , बन का खेड़ा, सहित कई गांव जलमग्न हो गए हैं। जिनका जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से कट चुका है । ऐसी स्थिति में कई गांव है यहां पर लोग चारों ओर पानी पानी में होने के चलते घरों में कैद हो गए हैं । वहीं बरसात से कच्चे मकान भी धराशाई हो गए हैं । सबसे ज्यादा मकानों की स्थिति बरुन्धन गांव में हुई है । जहां पर आधा दर्जन घर पूरी तरह से टूट चुके हैं। वहीं बूंदी ब्रांच केनाल की दीवार पानी के दवाब से टूट जाने से आवागमन बाधित हो गया।


Conclusion:मेज नदी के उफान से करीब आधा दर्जन नदियों के उफान पर रही रहा है । बूंदी के झाली जी का बराना के यहां मेज नदी की पुलिया पर 8 फुट पानी की चादर चल रही है। इस इलाके के 12 गांव का जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग बाधित हो चुका है । वहीं लाखेरी - लालसोट - कोटा मार्ग के बीच पढ़ने वाली मेज नदी की पुलिया पर भी उफान आ गया है । जिससे इलाके के गांव का मार्ग बाधित हो चुका है । वहीं खटकड़ के यहां भेज नदी पर 4 फीट की चादर चल रही है। जिसके चलते इलाके के गांवों का संपर्क कर चुका है । साथ ही तीसरे दिन भी शहर की महावीर एवं जवाहर कॉलोनी में पूरी तरह से जलमग्न रही । यहां पर अभी तक प्रशासन का कोई कारिंदा नहीं पहुंचा है जिससे लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है । वहीं जैतसागर एवं नवल सागर में पानी का स्तर कम होने से बहादुर सिंह सर्किल व पुलिस लाइन रोड पर पानी का दबाब कम हुआ है तो एक रास्ता वही बंद है । वहीं इसी के पास से गुजर रहे बूंदी- दबलाना मार्ग बंद है। वहीं शहर के बीचोंबीच स्थित पीजी कॉलेज के परिसर में भी पानी घुस जाने के बाद परिषर से जलमग्न हो गया है। साथ ही पास कुछ मकान भी पानी की चपेट में है । वहीं प्रशासन ने पानी को देखते हुए 17 अगस्त को जिले की सभी स्कूलों की छुट्टी कर दी है ।

बाईट - रमेश प्रजापत , पीड़ित
बाईट - इलिहास , पीड़ित
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