बूंदी. राज्य में हो रही भारी बारिश ने बूंदी जिले को भी अछूता नहीं रखा. यहां कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बूंदी जिले का सबसे कच्चा बांध कहा जाने वाला 'गुढा बांध' के 17 गेट खोलने के बाद इलाके के करीब छह गांवो में पानी घुस गया है.
मेज नदी उफान पर होने के चलते चारों ओर पानी ही पानी देखा जा सकता है. इन गांव में चार से पांच फीट पानी भर गया है. ऐसे में घरों दुकानों में घरेलू सामान नष्ट हो चुका है. भूखे प्यासे लोग छतो को अपना आसरा बनाए बैठे है.
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मेज नदी का पानी उफान पर आने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ा नया गांव के पास पुलिया पर पानी टच हो गया है. जिससे कोटा-जयपुर मार्ग की सुरक्षा के दृष्टि से भारी वाहन पर रोक लगा दी गई है. बस कार व मोटरसाइकिल यहां से निकाली जा रही है.जिला कलेक्टर रुकमणी रियार सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के हालात जाने. प्रशासन के साथ खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना भी अलग-अलग गांव पहुंच गए और बाढ़ पीड़ित लोगों के साथ चर्चा की. इस बाढ़ ने ईलाके में कई लोगों को बेघर कर दिया.
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मेज नदी जहां जहां से गुजर रही है वहां वहां गांव में पानी की चपेट में आ गया है. जिले में लगातार हो रही बरसात से कई गांवों में पानी भर चुका है और टापू बन गए. इंसान के साथ साथ जानवरों की भी जान सांसत में आ गई है वहीं बरसात से कच्चे मकान भी धराशाई हो गए हैं.
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सबसे ज्यादा मकानों की स्थिति बरुन्धन गांव में हुई है. जहां पर आधा दर्जन घर पूरी तरह से टूट चुके हैं. वहीं बूंदी ब्रांच केनाल की दीवार पानी के दवाब से टूट जाने से आवागमन बाधित हो गया. 'गरीब लोग' सरकार से मद्द की आस लगाए बैठे है.