बूंदी. जिले के पीजी कॉलेज के पास में बने छात्रावास की भूमि पर 1 सप्ताह पहले बीजेपी कार्यालय निर्माण विवाद में अब नया मामला सामने आया है. जिस भूमि पर बीजेपी कार्यालय निर्माण हो रहा है. वह भूमि नगर परिषद की है. वहीं छात्रों का कहना है कि यह भूमि छात्रावास की भूमि है, तो यह नगर परिषद की कैसे हुई. इस बात से आक्रोश में आकर छात्रों ने कॉलेज के पास बनी टंकी पर चढ़कर आंदोलन करने लगे. वहीं प्रशासन के जांच के आदेश के बाद विवाद शांत हुआ.
बता दे कि बूंदी के राजकीय महाविद्यालय के सामने स्थित छात्रावास पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ा है. यहां विवाद होने के चलते मामला कोर्ट में विचाराधीन है. जिसके चलते यहां पर किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं हो सकता. लेकिन फिर भी 5 दिन पूर्व यहां निर्माण कार्य हो रहा था. जिसकी सूचना छात्रों को लगी तो कॉलेज प्राचार्य से शिकायत करने के लिए छात्र पहुंचे ओर निर्माण कार्य को बंद करवा दिया.
छात्रों का कहना है कि कॉलेज की साढे़ आठ बीघा भूमि छात्रावास के पास स्थित है, जो हमारी भूमि है और इस भूमि पर निर्माण कार्य बिना स्वीकृति के चलाए जा रहा है. हमसे इसकी स्वीकृति नहीं ली गई है अवैध निर्माण कार्य की जानकारी में आया तो हमने बन्द करवाया.
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5 दिन पूर्व हुए हंगामे के बाद तहसीलदार और तहसील भवन की टीम मौके पर पहुंची.कॉलेज की पूरी भूमि को नगर परिषद के अधिकारियों से मिलकर सीमा ज्ञान करवाया. जिसमें पर पूरी भूमि नगर परिषद के खाते में होना पाया गया. यह सुनते ही छात्र आक्रोशित हो गए और उन्होंने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी और जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
इस पर मौके पर उपखंड अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक मौके पर पहुंचे और संघर्ष समिति से वार्ता की जहां पर यह सामने आया कि वर्ष 2013 में ही राजस्व रिकॉर्ड से जमीन का खाता नगर परिषद के नाम कर दिया गया था. जो 2015 में यह भूमि बीजेपी कार्यालय के नाम आवंटित हो गई थी. जिसकी जानकारी पीजी कॉलेज को नहीं दी गई, जिसके चलते यह विवाद सामने आया.
सीमा ज्ञान होने के बाद संघर्ष समिति ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की गई. इस पर प्रशासन ने समिति को आश्वासन दिया है कि वह मामले की पूरी जांच करेंगे कि आखिरकार कॉलेज की 8 बीघा भूमि कहां गई और कैसे नगर परिषद के खाते में जमीन चली गई और कैसे उसका आवंटन बीजेपी कार्यालय के लिए हो गया.