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जानिये कौन हैं ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा..जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर लहराया था बूंदी रियासत का झंडा, अब कहलाएंगे 26वें महाराव राजा

राजस्थान के रजवाड़े (princely states of rajasthan) मशहूर हैं. बूंदी जिला कभी बूंदी रियासत हुआ करता था, जहां हाड़ा राजाओं को महाराव राजा की उपाधि हासिल थी. बून्दी के तक 25 राजा हुए हैं. आखिरी राजा महाराव राजा रणजीत सिंह थे, जिनका 2010 में निधन हो गया. इसके बाद से बूंदी की गद्दी खाली थी. राजा नियुक्त करने वाली पाग समिति किसी योग्य उम्मीदवार की तलाश में थी. अब ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा (Brigadier Bhupesh Hada the new king of Bundi ) के रूप में तलाश पूरी हो गई है.

Brigadier Bhupesh Hada the new king of Bundi
Brigadier Bhupesh Hada the new king of Bundi
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Published : Dec 4, 2021, 10:05 PM IST

बूंदी. भारत में राजतंत्र नहीं रहा लेकिन राजाओं की परंपराओं का निर्वहन आज भी किया जाता है. कई पूर्व राजपरिवार राजनीति के शिखर पदों पर बने हुए हैं. राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे भी ग्वालियर घराने की राजकुमारी थी. सांसद दीया कुमारी भी राजकुमारी के तौर पर जानी जाती हैं.

इसी तरह बूंदी के आखिरी राजा रहे महाराव राजा रणजीत सिंह के निधन के बाद 2010 से बूंदी की गद्दी किसी योग्य उम्मीदवार की तलाश में थी. अब राजाओं की नियुक्ति करने वाली पाग समिति ने निर्णय किया है कि बूंदी के 26वें महाराव राजा होंगे ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य का प्रदर्शन किया था. इस पर उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था.

आज बूंदी की पाग समिति ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि बूंदी के हाड़ा चौहानों की गद्दी पर ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा बैठेंगे. जिन्हें 12 दिसम्बर को बूंदी के रंगनाथजी मंदिर, रावला चौक में पाग (पगड़ी) बांध कर दस्तूर निभाया जाएगा. यह पाग समिति 12 वर्षों से किसी योग्य उत्तराधिकारी के इंतजार में थी. भूपेश हाड़ा के रूप में इंतजार खत्म हुआ. इस गद्दी के लिए कई दावेदार थे, जिनमें से योग्य उत्तराधिकारी का चयन करना पाग समिति के लिए कठिन कार्य था.

इन योग्यताओं पर खरे उतरे ब्रिगेडियर

पाग समिति के संयोजक महाराव शक्ति सिंह रामपुरिया ने बताया कि योग्य उत्तराधिकारी के चयन के लिए पाग समिति ने बूंदी के पूर्व जागीरदारों, सर्वसमाज की सहमति व शास्त्रों का सहारा लिया. शास्त्रों के अनुसार राजा में राजधर्म, सद् विचार, सदाचरण, प्रभावशाली व्यक्तित्व, कुशल प्रशासक, कुशल रणनीतिकार, आमजन के सुख दुख के प्रति चिंता करने वाला, सर्वसमाज में प्रिय, जनकल्याण के लिए कठोर निर्णय लेने वाला होना चाहिए. पाग समिति ने इन सब गुणों व सर्व सहमति को ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया कि ब्रिगेडियर भूपेश सिंह ही बून्दी की पाग के लिए योग्य उम्मीदवार हैं.

पढ़ें- Amit Shah In Rajasthan: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किए तनोट माता के दर्शन...BSF Program का बनेंगे हिस्सा, जानें मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

माउंट एवरेस्ट पर फहराया था बूंदी रियासत का झंडा

ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य का प्रदर्शन किया था, भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा के कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना ने लद्दाख क्षेत्र मोर्चा संभाल कर चीनियों को खदेड़ा था. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा ने वर्ष 2012 में विश्व कि सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगे, अपनी रेजिमेंट के झंडे के अलावा बून्दी राज्य का रियासतकालीन झण्डा (flag of the princely state of bundi) लहराया था. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा दस पारा कमाण्डो बटालियन (Special Forces) से ताल्लुक रखते हैं और वर्तमान में वे एनएसजी (NSG) में कार्यरत हैं.

ऐसे ही थे जयपुर के महाराजा ब्रिगेडियर भवानी सिंह

ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा के कार्यों में योग्य नेतृत्व, निडर व्यक्ति, कुशल प्रशासक, राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का मोह न रखते हुए शत्रु से लोहा लेना इत्यादि गुण रहे हैं जो उन्हें एक कुशल नेता और राजा बनाने के लिए पर्याप्त हैं. पूर्व में भी जयपुर के महाराजा ब्रिगेडियर भवानी सिंह ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी थीं. 1971 भारत पाक युद्ध में उनकी वीरता को पुरस्कृत करते हुए भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया था.

2010 से खाली थी बूंदी की राजगद्दी

बून्दी के हाड़ा राजाओं को महाराव राजा की उपाधि प्राप्त थी. इनसे पहले बून्दी के 25 राजा हुए हैं. स्व. महाराव राजा रणजीत सिंह के 2010 में देवलोकगमन के बाद से राजगद्दी सूनी थी. अब इस गद्दी पर ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा काबिज होंगे.

बूंदी. भारत में राजतंत्र नहीं रहा लेकिन राजाओं की परंपराओं का निर्वहन आज भी किया जाता है. कई पूर्व राजपरिवार राजनीति के शिखर पदों पर बने हुए हैं. राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे भी ग्वालियर घराने की राजकुमारी थी. सांसद दीया कुमारी भी राजकुमारी के तौर पर जानी जाती हैं.

इसी तरह बूंदी के आखिरी राजा रहे महाराव राजा रणजीत सिंह के निधन के बाद 2010 से बूंदी की गद्दी किसी योग्य उम्मीदवार की तलाश में थी. अब राजाओं की नियुक्ति करने वाली पाग समिति ने निर्णय किया है कि बूंदी के 26वें महाराव राजा होंगे ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य का प्रदर्शन किया था. इस पर उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था.

आज बूंदी की पाग समिति ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि बूंदी के हाड़ा चौहानों की गद्दी पर ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा बैठेंगे. जिन्हें 12 दिसम्बर को बूंदी के रंगनाथजी मंदिर, रावला चौक में पाग (पगड़ी) बांध कर दस्तूर निभाया जाएगा. यह पाग समिति 12 वर्षों से किसी योग्य उत्तराधिकारी के इंतजार में थी. भूपेश हाड़ा के रूप में इंतजार खत्म हुआ. इस गद्दी के लिए कई दावेदार थे, जिनमें से योग्य उत्तराधिकारी का चयन करना पाग समिति के लिए कठिन कार्य था.

इन योग्यताओं पर खरे उतरे ब्रिगेडियर

पाग समिति के संयोजक महाराव शक्ति सिंह रामपुरिया ने बताया कि योग्य उत्तराधिकारी के चयन के लिए पाग समिति ने बूंदी के पूर्व जागीरदारों, सर्वसमाज की सहमति व शास्त्रों का सहारा लिया. शास्त्रों के अनुसार राजा में राजधर्म, सद् विचार, सदाचरण, प्रभावशाली व्यक्तित्व, कुशल प्रशासक, कुशल रणनीतिकार, आमजन के सुख दुख के प्रति चिंता करने वाला, सर्वसमाज में प्रिय, जनकल्याण के लिए कठोर निर्णय लेने वाला होना चाहिए. पाग समिति ने इन सब गुणों व सर्व सहमति को ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया कि ब्रिगेडियर भूपेश सिंह ही बून्दी की पाग के लिए योग्य उम्मीदवार हैं.

पढ़ें- Amit Shah In Rajasthan: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किए तनोट माता के दर्शन...BSF Program का बनेंगे हिस्सा, जानें मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

माउंट एवरेस्ट पर फहराया था बूंदी रियासत का झंडा

ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य का प्रदर्शन किया था, भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा के कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना ने लद्दाख क्षेत्र मोर्चा संभाल कर चीनियों को खदेड़ा था. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा ने वर्ष 2012 में विश्व कि सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगे, अपनी रेजिमेंट के झंडे के अलावा बून्दी राज्य का रियासतकालीन झण्डा (flag of the princely state of bundi) लहराया था. ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा दस पारा कमाण्डो बटालियन (Special Forces) से ताल्लुक रखते हैं और वर्तमान में वे एनएसजी (NSG) में कार्यरत हैं.

ऐसे ही थे जयपुर के महाराजा ब्रिगेडियर भवानी सिंह

ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा के कार्यों में योग्य नेतृत्व, निडर व्यक्ति, कुशल प्रशासक, राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का मोह न रखते हुए शत्रु से लोहा लेना इत्यादि गुण रहे हैं जो उन्हें एक कुशल नेता और राजा बनाने के लिए पर्याप्त हैं. पूर्व में भी जयपुर के महाराजा ब्रिगेडियर भवानी सिंह ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी थीं. 1971 भारत पाक युद्ध में उनकी वीरता को पुरस्कृत करते हुए भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया था.

2010 से खाली थी बूंदी की राजगद्दी

बून्दी के हाड़ा राजाओं को महाराव राजा की उपाधि प्राप्त थी. इनसे पहले बून्दी के 25 राजा हुए हैं. स्व. महाराव राजा रणजीत सिंह के 2010 में देवलोकगमन के बाद से राजगद्दी सूनी थी. अब इस गद्दी पर ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा काबिज होंगे.

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