बूंदी. मृत्यु के पश्चात अंतिम संस्कार प्रत्येक व्यक्ति का शाश्वत अधिकार है. अंतरराष्ट्रीय कानून भी इसे मान्यता देते हैं लेकिन पिछले 95 दिनों से राजस्थान के निवासी भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया की दिवंगत देह अंतिम संस्कार के लिए रूस से भारत नहीं आ पाई है. उधर हितेंद्र के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है.
मामले में विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले राजस्थान के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने बुधवार को बूंदी हायर सेकेंडरी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के नीचे शर्मा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के नाम अपने खून से पत्र लिखा. पत्र लिखकर उदयपुर जिले के खैरवाड़ा तहसील के गोडवा गांव के निवासी हितेंद्र की पार्थिव देह को भारत लाने के लिए भारत सरकार से त्वरित कार्यवाही की मांग की है.
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मामले में चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) और विदेश सचिव हर्षवर्धन सिंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Singla) को भी मेल भेजकर भारत सरकार की ओर से उच्च स्तरीय कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से भारतीय नागरिक के शव को अंतिम संस्कार के लिये भारत लाने की मांग की है. उन्होंने मामले में बुधवार को जयपुर मुख्यमंत्री कार्यालय (Chief Minister Office) को अवगत करवाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) से भी मदद मांगी है.
उल्लेखनीय है कि उदयपुर से लगभग सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित खैरवाड़ा तहसील के गोड़वा गांव के हितेंद्र गरासिया इस साल ही रोजगार के लिए किसी एजेंट के माध्यम से रूस गए थे. भारतीय दूतावास की ओर से मॉस्को से जयपुर पासपोर्ट ऑफिस को भेजी सूचना के अनुसार रूस पुलिस को 17 जुलाई 2021 को हितेंद्र का शव मिल गया था.
अंतिम संस्कार प्रत्येक दिवंगत देह का अधिकार
विदेश मंत्री के नाम खून से लिखे पत्र और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भेजे गए मेल में कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने कहा कि विधिवत अंतिम संस्कार प्रत्येक दिवंगत देह का प्राकृतिक, ईश्वरीय, धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार भी वैधानिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि दो देशों में युद्ध के दौरान भी किसी की मृत्यु होने पर दिवंगत देह को अंतिम संस्कार के लिए उसके देश में परिवार के पास पहुंचाया जाता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 95 दिन बाद भी नागरिक के शव को भारत नहीं भेजा जा रहा.
भारतीय दूतावास का रवैया अमानवीय
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजे गए मेल में कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने इस संवेदनशील मामले में भारतीय दूतावास मॉस्को की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि 17 जुलाई 2021 को रूस की पुलिस को भारतीय नागरिक हितेंद्र का शव मिलने के बावजूद दूतावास के अधिकारियों ने उसे विधिवत अंतिम संस्कार के लिए परिवार के पास भारत भेजने के कोई प्रयास नहीं किए. भारतीय दूतावास ने मृत्यु के दो महीने बाद 17 सितंबर को मास्को से जयपुर पासपोर्ट कार्यालय में महज एक मेल से राजस्थान के निवासी हितेंद्र की रूस में मृत्यु की सूचना देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली. शर्मा ने कहा कि विदेश में किसी भी भारतीय नागरिक की मृत्यु होने पर दिवंगत देह को अंतिम संस्कार के लिए भारत पहुंचाना वहां के भारतीय दूतावास की वैधानिक जिम्मेदारी है.
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इराक से आया था भंवर सिंह का शव
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2020 में राजस्थान के झुंझुनू जिले के निवासी भंवरसिंह शेखावत की इराक में मृत्यु हो गई थी. जब 15 दिनों तक भंवर सिंह का शव नहीं भेजा गया तो उस समय भी कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन, पीएमओ और विदेश मंत्रालय जाकर मामले को उठाया था. जिसके बाद इराक भारतीय दूतावास ने भंवर सिंह की दिवंगत देह को 17 फरवरी 2020 को नई दिल्ली भेजा और उसी दिन उनका झुंझुनू में विधिवत अंतिम संस्कार किया गया था.