ETV Bharat / state

बूंदी में पर्यटन को लगेंगे चार चांद...फिर शुरू होगी जैतसागर और नवल सागर झील में बोटिंग - जैतसागर झील

बूंदी में अच्छी मानसून की बारिश के बाद जहां शहर के कुंड-बावड़ियां और तालाबों के सौंदर्य बदल गया है. वहीं अब बूंदी के पर्यटन में भी चार चांद लगने वाले है. क्योंकि अब बूंदी की जैतसागर और नवल सागर झील में फिर से बोटिंग शुरू होगी.

Boating start in Bundi, बूंदी में बोटिंग होगी शुरू
author img

By

Published : Aug 26, 2019, 11:45 PM IST

बूंदी. छोटी काशी के नाम से मशहूर बूंदी के लिए अच्छी खबर यह आई है. शहर की दोनों झीलों में 1 महीने के अंदर बोटिंग शुरू हो जाएगी. इसको लेकर ईटीवी भारत में भी बूंदी में पर्यटन को लेकर रिपोर्ट दिखाई थी. इसमें बताया था कि बारिश के बाद किस तरीके से दोनों झीले लबालब हो गई है और जनता नौकायन शुरू करवाने की मांग कर रही है. ऐसे में प्रशासन ने प्रस्ताव बनाया और 1 अक्टूबर को दोनों झीलों में वोटिंग कराना प्रस्तावित है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में मानसून ने बदला कुंड-बावड़ियां का सौंदर्य...प्रकृति के गोद में कुछ ऐसी दिख रही है छोटी काशी

जैतसागर और नवल सागर झील में फिर शुरू होगी बोटिंग
बूंदी की जैतसागर और नवल सागर झील में फिर से खुशियां लौटने वाली है. दोनों मनोहरी झीलों में बोटिंग शुरू करवाई जाएगी. अच्छी बरसात होने से दोनों झीले लबालब है. इनका लेवल मेंटेन करने के लिए पानी की निकासी करवाई जा रही है. प्रकृति की गोद में बसी दोनों झीले का सौंदर्य देखकर ही बनता है. पर्यटन झीलों को देखकर रोमांचक हो उठते है. नवल सागर झील में तो अगले महीने से ही वोटिंग शुरू हो जाएगी. इसके लिए नगर परिषद के सभापति ने 2 साल पहले पीपीपी मोड पर वोटिंग कराने के लिए कोटा की एक एजेंसी को ठेका दिया था. इस तरह जैतसागर झीले में वोटिंग के लिए वाइल्ड लाइफ को वोट खरीदनी है इसके लिए टेंडर होने हैं. उम्मीद है कि 1 अक्टूबर से जैतसागर झील और नवल सागर झील में बोटिंग शुरू हो जाएगी. वोटिंग शुरू होने के बाद झीलों में साइटिंग के लिए एक अपना पूरा दिन भर के झील में बिता सकेंगे.

ईटीवी भारत का असर..फिर शुरू होगी बूंदी में बोटिंग

बोटिंग से पहले झीलों की सफाई होगी
पिछले दिनों पर्यटन विकास समिति की बैठक में जैतसागर झील की सफाई की बात सामने आई थी तो वाइल्डलाइफ के अधिकारियों ने संसाधनों की कमी और बजट का अभाव मीटिंग में रखा था. ऐसे में नगर परिषद को परमिशन दी गई थी कि वोटिंग शुरू करने से पहले गंदगी को साफ करवा लें. जिला कलेक्टर ने सारा जिम्मा नगर परिषद को सौंपा और नवल सागर झील में भी बोटिंग से पहले सफाई करवाने के आदेश दिए. ताकि झील के पानी में बूंदी की ऐतिहासिक धरोहरों निहार हो सकें.

पहले भी यहां होती थी बोटिंग....लेकिन
आपको बता दें कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नगर परिषद ने 2 साल पहले कोटा की एक एजेंसी को नवल सागर झील में वोटिंग कराने के लिए ठेका दिया था और अलग-अलग तरह की बोट मंगवाई गई थी. इस दौरान देसी विदेशी झील में वोटिंग का भरपूर आनंद लिया. यहां केंटीन भी खोली गई थी. लेकिन बरसात कम होने के चलते झील पूरी भर नहीं पाई तो बोटिंग बन्द हुई. अब लेकिन फिर से पानी आ जाने से बोटिंग शुरू हो जाएगी. जानकारी के अनुसार आज से करीब 13 साल पहले जैतसागर झील में बोटिंग करवाई गई थी. करीब 2 साल तक वोटिंग यहां पर चली और फिर बंद हो गई. दो-तीन साल पहले वन विभाग ने बोटिंग के लिए प्रस्ताव बनाकर जरूर भेजें. लेकिन प्रस्ताव में अधिकारी द्वारा कोई ध्यान इस दौरान नहीं दिया गया तो कुछ हो नहीं सका.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: पर्यटकों की बाट जोह रहा हाथी गांव का वीआईपी गेस्ट हाउस...सरकार के लाखों रुपये बर्बाद!

अब फिर बूंदी के पर्यटन को लगेंगे चार चांद
वहीं पर्यटन विकास समिति की बैठक में यह मुद्दा उठा तो वाइल्डलाइफ के अधिकारियों को समिति द्वारा 10 लाख का बजट स्वीकृत किया गया. जिसमें बोटिंग से लेकर सफाई तक की बात है. ऐसे में अब दोनों झीलों में नगर परिषद को इस 1 माह के अंदर अंदर सफाई करवानी है. वहीं नवलसागर झील में तो निजी एजेंसी वोटिंग शुरू करवा रही है तो जैतसागर झील में वन विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर बोटिंग शुरू करवा रहे हैं. दोनों का एक ही मकसद है कि 1 अक्टूबर तक यह वोटिंग शुरू हो जाए. जिससे बूंदी की झीलों का विकास हो सके और पर्यटन को चार चांद लग सकें.

बूंदी. छोटी काशी के नाम से मशहूर बूंदी के लिए अच्छी खबर यह आई है. शहर की दोनों झीलों में 1 महीने के अंदर बोटिंग शुरू हो जाएगी. इसको लेकर ईटीवी भारत में भी बूंदी में पर्यटन को लेकर रिपोर्ट दिखाई थी. इसमें बताया था कि बारिश के बाद किस तरीके से दोनों झीले लबालब हो गई है और जनता नौकायन शुरू करवाने की मांग कर रही है. ऐसे में प्रशासन ने प्रस्ताव बनाया और 1 अक्टूबर को दोनों झीलों में वोटिंग कराना प्रस्तावित है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में मानसून ने बदला कुंड-बावड़ियां का सौंदर्य...प्रकृति के गोद में कुछ ऐसी दिख रही है छोटी काशी

जैतसागर और नवल सागर झील में फिर शुरू होगी बोटिंग
बूंदी की जैतसागर और नवल सागर झील में फिर से खुशियां लौटने वाली है. दोनों मनोहरी झीलों में बोटिंग शुरू करवाई जाएगी. अच्छी बरसात होने से दोनों झीले लबालब है. इनका लेवल मेंटेन करने के लिए पानी की निकासी करवाई जा रही है. प्रकृति की गोद में बसी दोनों झीले का सौंदर्य देखकर ही बनता है. पर्यटन झीलों को देखकर रोमांचक हो उठते है. नवल सागर झील में तो अगले महीने से ही वोटिंग शुरू हो जाएगी. इसके लिए नगर परिषद के सभापति ने 2 साल पहले पीपीपी मोड पर वोटिंग कराने के लिए कोटा की एक एजेंसी को ठेका दिया था. इस तरह जैतसागर झीले में वोटिंग के लिए वाइल्ड लाइफ को वोट खरीदनी है इसके लिए टेंडर होने हैं. उम्मीद है कि 1 अक्टूबर से जैतसागर झील और नवल सागर झील में बोटिंग शुरू हो जाएगी. वोटिंग शुरू होने के बाद झीलों में साइटिंग के लिए एक अपना पूरा दिन भर के झील में बिता सकेंगे.

ईटीवी भारत का असर..फिर शुरू होगी बूंदी में बोटिंग

बोटिंग से पहले झीलों की सफाई होगी
पिछले दिनों पर्यटन विकास समिति की बैठक में जैतसागर झील की सफाई की बात सामने आई थी तो वाइल्डलाइफ के अधिकारियों ने संसाधनों की कमी और बजट का अभाव मीटिंग में रखा था. ऐसे में नगर परिषद को परमिशन दी गई थी कि वोटिंग शुरू करने से पहले गंदगी को साफ करवा लें. जिला कलेक्टर ने सारा जिम्मा नगर परिषद को सौंपा और नवल सागर झील में भी बोटिंग से पहले सफाई करवाने के आदेश दिए. ताकि झील के पानी में बूंदी की ऐतिहासिक धरोहरों निहार हो सकें.

पहले भी यहां होती थी बोटिंग....लेकिन
आपको बता दें कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नगर परिषद ने 2 साल पहले कोटा की एक एजेंसी को नवल सागर झील में वोटिंग कराने के लिए ठेका दिया था और अलग-अलग तरह की बोट मंगवाई गई थी. इस दौरान देसी विदेशी झील में वोटिंग का भरपूर आनंद लिया. यहां केंटीन भी खोली गई थी. लेकिन बरसात कम होने के चलते झील पूरी भर नहीं पाई तो बोटिंग बन्द हुई. अब लेकिन फिर से पानी आ जाने से बोटिंग शुरू हो जाएगी. जानकारी के अनुसार आज से करीब 13 साल पहले जैतसागर झील में बोटिंग करवाई गई थी. करीब 2 साल तक वोटिंग यहां पर चली और फिर बंद हो गई. दो-तीन साल पहले वन विभाग ने बोटिंग के लिए प्रस्ताव बनाकर जरूर भेजें. लेकिन प्रस्ताव में अधिकारी द्वारा कोई ध्यान इस दौरान नहीं दिया गया तो कुछ हो नहीं सका.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: पर्यटकों की बाट जोह रहा हाथी गांव का वीआईपी गेस्ट हाउस...सरकार के लाखों रुपये बर्बाद!

अब फिर बूंदी के पर्यटन को लगेंगे चार चांद
वहीं पर्यटन विकास समिति की बैठक में यह मुद्दा उठा तो वाइल्डलाइफ के अधिकारियों को समिति द्वारा 10 लाख का बजट स्वीकृत किया गया. जिसमें बोटिंग से लेकर सफाई तक की बात है. ऐसे में अब दोनों झीलों में नगर परिषद को इस 1 माह के अंदर अंदर सफाई करवानी है. वहीं नवलसागर झील में तो निजी एजेंसी वोटिंग शुरू करवा रही है तो जैतसागर झील में वन विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर बोटिंग शुरू करवा रहे हैं. दोनों का एक ही मकसद है कि 1 अक्टूबर तक यह वोटिंग शुरू हो जाए. जिससे बूंदी की झीलों का विकास हो सके और पर्यटन को चार चांद लग सकें.

Intro:बूंदी के लिए अच्छी खबर यह आई है कि बूंदी शहर की दोनों झीलों में 1 माह के अंदर वोटिंग शुरू हो जाएगी। इसको लेकर ईटीवी भारत राजस्थान में भी कुछ दिनों पूर्व पर्यटन को लेकर रिपोर्ट प्रसारित की थी इसमें बताया था कि बारिश के बाद किस तरीके से दोनों झीले लबालब हो गई है और जनता नौकायन शुरू करवाने की मांग कर रही है । ऐसे में प्रशासन ने प्रस्ताव बनाया और 1 अक्टूबर को दोनों झीलों में वोटिंग कराना प्रस्तावित है ।


Body:बूंदी की जैतसागर और नवल सागर झील में फिर से खुशियां लौटने वाली है। दोनों मनोहरी झीलों में वोटिंग शुरू करवाई जाएगी । अच्छी बरसात होने से दोनों झीले लबालब है। इनका लेवल मेंटेन करने के लिए पानी की निकासी करवाई जा रही है। प्रकृति की गोद में बसी दोनों झीले का सौंदर्य अलौकिक है ।पर्यटन झीलोंको देखकर रोमांचक होते हैं । नवल सागर झील में तो अगले माह से ही वोटिंग शुरू हो जाएगी । इसके लिए नगर परिषद के सभापति ने 2 साल पहले पीपीपी मोड पर वोटिंग कराने के लिए कोटा की एक एजेंसी को ठेका दिया था। इस तरह जैतसागर झीले में वोटिंग के लिए वाइल्डलाइफ को वोट खरीदनी है इसके लिए टेंडर होने हैं । उम्मीद है कि 1 अक्टूबर से जैतसागर झील और नवल सागर झील में बोटिंग शुरू हो जाएगी। वोटिंग शुरू होने के बाद झीलों में साइटिंग के लिए एक अपना पूरा दिन भर के झील में बिता सकेंगे ।

पिछले दिनों पर्यटन विकास समिति की बैठक में जैतसागर झील की सफाई की बात सामने आई थी तो वाइल्डलाइफ के अधिकारियों ने संसाधनों की कमी और बजट का अभाव मीटिंग में रखा था । ऐसे में नगर परिषद को परमिशन दी गई थी कि वोटिंग शुरू करने से पहले गंदगी को साफ करवा लें। ऐसे में जिला कलेक्टर ने सारा जिम्मा नगर परिषद को सौंपा और नवल सागर झील में भी वोटिंग से पहले सफाई करवाने के आदेश दिए। ताकि झील के पानी में बूंदी की ऐतिहासिक धरोहरों निहार हो सके।

आपको बता दें कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नगर परिषद ने 2 साल पहले कोटा की एक एजेंसी को नवल सागर झील में वोटिंग कराने के लिए ठेका दिया था और अलग-अलग तरह की बोट मंगवाई गई थी। इस दौरान देसी विदेशी झील में वोटिंग का भरपूर आनंद लिया। यहां केंटीन भी खोली गई थी। लेकिन बरसात कम होने के चलते झील पुरी भर नहीं पाई तो बोटिंग बन्द हुई अब लेकिन फिर से पानी आ जाने से बोटिंग शुरू हो जाएगी ।


Conclusion:जानकारी के अनुसार आज से करीब 13 साल पहले जैतसागर झील में वोटिंग करवाई गई थी। करीब 2 साल तक वोटिंग यहां पर चली और फिर बंद हो गई । दो-तीन साल पहले वन विभाग ने वोटिंग के लिए प्रस्ताव बनाकर जरूर भेजें। लेकिन प्रस्ताव में अधिकारी द्वारा कोई ध्यान इस दौरान नहीं दिया गया तो कुछ हो नहीं सका।

वहीं पर्यटन विकास समिति की बैठक में यह मुद्दा उठा तो वाइल्डलाइफ के अधिकारियों को समिति द्वारा 10 लाख का बजट स्वीकृत किया गया । जिसमें वोटिंग से लेकर सफाई तक की बात है । ऐसे में अब दोनों झीलों में नगर परिषद को इस 1 माह के अंदर अंदर सफाई करवानी है । वही नवलसागर झील में तो निजी एजेंसी वोटिंग शुरू करवा रही है तो जैतसागर झील में वन विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर वोटिंग शुरू करवा रहे हैं। दोनों का एक ही मकसद है कि 1 अक्टूबर तक यह वोटिंग शुरू हो जाए जिससे बूंदी को एक नया कीर्तिमान मिल सके और दोनों झीलों का विकास हो सके और पर्यटन को चार चांद लग सके ।

सलीम अली ,
बाईट- नीरज जैन , रेंजर वन विभाग ,बूंदी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.