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बूंदी के ब्लड बैंक में फिर खून की कमी, रक्तदाताओं ने लगाया लापरवाही का आरोप

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Published : Jun 27, 2020, 4:10 AM IST

बूंदी के ब्लड बैंक में इन दिनों ब्लड की भारी कमी चल रही है. 1200 सौ यूनिट के ब्लड बैंक में केवल 85 यूनिट ही ब्लड रह गया है. इससे यहां आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. रक्तदाता प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

Blood deficiency, बूंदी न्यूज़
बूंदी के ब्लड बैंक में हुई खून की कमी

बूंदी. जिले के ब्लड बैंक में इन दिनों ब्लड की कमी चल रही है और धीरे-धीरे ब्लड बैंक सूखने लगा है. 1200 यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में केवल 85 यूनिट ही ब्लड रह गया है. यहां आने वाले मरीजों को ब्लड नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है. यही कमी चलती रही तो 20 यूनिट से भी कम ही ब्लड रह जाएगा. वहीं, रक्तदाता प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

बूंदी ब्लड बैंक में धीरे-धीरे ब्लड यूनिट खत्म होने की कगार पर है. वर्तमान में ब्लड बैंक में जितने भी मरीज ब्लड लेने के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें लौटाया जा रहा है. वहीं, इलाज के दौरान सबसे बड़ी समस्या मैच करने वाले ब्लड ग्रुप की आती है. ऐसे में ब्लड बैंक के अधिकारियों ने शहर के सामाजिक संस्थाओं से रक्तदान करने की अपील की है.

पढ़ें: ब्यूरोक्रेसी से काम नहीं चलेगा, मंत्रिमंडल सब कमेटी के साथ मीटिंग होः गुर्जर संघर्ष समिति

रक्तदाताओं ने ब्लड बैंक में खून की कमी होने के पर ब्लड बैंक प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है और कहा है कि ब्लड बैंक में घोर अनियमितताएं हो रही हैं. ब्लड की क्षमता होने के बावजूद कार्ड वाले रक्तदाताओं को भी ब्लड नहीं दिया जाता और ब्लड की कमी बताई जाती है. ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि ब्लड बैंक में कोई कमी ना आए और सुव्यवस्थित ढंग से मरीजों को ब्लड मिल सके. कुछ रक्तदाताओं ने तो ये भी मांग की है कि सरकार इस मामले में ध्यान दें. हर पंचायत स्तर और हर वार्ड स्तर पर कैंप लगाएं और खुद ब्लड बैंक की एक वैन जाए और घर-घर कैंप लगाकर ब्लड संग्रहण करें.

बूंदी के ब्लड बैंक में हुई खून की कमी

पढ़ें: प्रदेश में 364 नए पॉजिटिव केस, 1 की मौत, कुल आंकड़ा 16660

गौरतलब है कि वर्तमान में किसी भी मरीज को चैरिटी से ब्लड नहीं मिल पा रहा है. बूंदी ब्लड बैंक में चैरिटी बंद कर दी गई है. केवल उन्हीं लोगों को ब्लड मिल रहा है, जो ब्लड के बदले ब्लड दे रहे हैं और बहुत से मरीजों को तो यहां संबंधित ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में उन्हें कोटा चक्कर लगाने पड़ रहे हैं या फिर संबंधित ब्लड वाले व्यक्ति को तलाशना पड़ा है.

कोरोना काल में दूसरी बार बूंदी ब्लड बैंक में आया संकट

कोरोना काल में दूसरे चरण का लॉकडाउन शुरू हुआ तो संक्रमण के खतरे के चलते लोग अस्पताल में जाने से डरने लगे. इस कारण जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी आने लगी और देखते ही देखते ब्लड सूखने लगा. ऐसे में ब्लड बैंक के अधिकारियों ने सामाजिक संस्थाओं से ब्लड डोनेशन करने की बात कही. सामाजिक संस्थाओं ने ब्लड डोनेशन भी किया और करीब 500 यूनिट से अधिक ब्लड बूंदी ब्लड बैंक में जमा हो गया. लेकिन, फिर एक महीने बाद बूंदी ब्लड बैंक में खून की कमी आ गई है.

1200 यूनिट के ब्लड बैंक में सिर्फ 85 यूनिट बल्ड

बूंदी ब्लड बैंक में 1200 यूनिट की क्षमता है और पूरे बूंदी जिले का भार इस ब्लड बैंक पर है. यहां एक महीने में 500 यूनिट से अधिक ब्लड पहुंचा और उसका उपयोग भी हो गया. वर्तमान में केवल 85 यूनिट ब्लड ही बचा है. बूंदी के ब्लड बैंक में 20 यूनिट ओ पॉजिटिव, 5 यूनिट ए पॉजिटिव, 5 यूनिट ए प्लस नेगेटिव, 10 यूनिट बी नेगेटिव, 12 यूनिट एबी प्लस और 15 यूनिट बी पॉजिटिव बचे हैं. यहां सबसे ज्यादा प्रसूता को तकलीफ का सामना करना पड़ा है.

बूंदी. जिले के ब्लड बैंक में इन दिनों ब्लड की कमी चल रही है और धीरे-धीरे ब्लड बैंक सूखने लगा है. 1200 यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में केवल 85 यूनिट ही ब्लड रह गया है. यहां आने वाले मरीजों को ब्लड नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है. यही कमी चलती रही तो 20 यूनिट से भी कम ही ब्लड रह जाएगा. वहीं, रक्तदाता प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

बूंदी ब्लड बैंक में धीरे-धीरे ब्लड यूनिट खत्म होने की कगार पर है. वर्तमान में ब्लड बैंक में जितने भी मरीज ब्लड लेने के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें लौटाया जा रहा है. वहीं, इलाज के दौरान सबसे बड़ी समस्या मैच करने वाले ब्लड ग्रुप की आती है. ऐसे में ब्लड बैंक के अधिकारियों ने शहर के सामाजिक संस्थाओं से रक्तदान करने की अपील की है.

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रक्तदाताओं ने ब्लड बैंक में खून की कमी होने के पर ब्लड बैंक प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है और कहा है कि ब्लड बैंक में घोर अनियमितताएं हो रही हैं. ब्लड की क्षमता होने के बावजूद कार्ड वाले रक्तदाताओं को भी ब्लड नहीं दिया जाता और ब्लड की कमी बताई जाती है. ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि ब्लड बैंक में कोई कमी ना आए और सुव्यवस्थित ढंग से मरीजों को ब्लड मिल सके. कुछ रक्तदाताओं ने तो ये भी मांग की है कि सरकार इस मामले में ध्यान दें. हर पंचायत स्तर और हर वार्ड स्तर पर कैंप लगाएं और खुद ब्लड बैंक की एक वैन जाए और घर-घर कैंप लगाकर ब्लड संग्रहण करें.

बूंदी के ब्लड बैंक में हुई खून की कमी

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गौरतलब है कि वर्तमान में किसी भी मरीज को चैरिटी से ब्लड नहीं मिल पा रहा है. बूंदी ब्लड बैंक में चैरिटी बंद कर दी गई है. केवल उन्हीं लोगों को ब्लड मिल रहा है, जो ब्लड के बदले ब्लड दे रहे हैं और बहुत से मरीजों को तो यहां संबंधित ब्लड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में उन्हें कोटा चक्कर लगाने पड़ रहे हैं या फिर संबंधित ब्लड वाले व्यक्ति को तलाशना पड़ा है.

कोरोना काल में दूसरी बार बूंदी ब्लड बैंक में आया संकट

कोरोना काल में दूसरे चरण का लॉकडाउन शुरू हुआ तो संक्रमण के खतरे के चलते लोग अस्पताल में जाने से डरने लगे. इस कारण जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी आने लगी और देखते ही देखते ब्लड सूखने लगा. ऐसे में ब्लड बैंक के अधिकारियों ने सामाजिक संस्थाओं से ब्लड डोनेशन करने की बात कही. सामाजिक संस्थाओं ने ब्लड डोनेशन भी किया और करीब 500 यूनिट से अधिक ब्लड बूंदी ब्लड बैंक में जमा हो गया. लेकिन, फिर एक महीने बाद बूंदी ब्लड बैंक में खून की कमी आ गई है.

1200 यूनिट के ब्लड बैंक में सिर्फ 85 यूनिट बल्ड

बूंदी ब्लड बैंक में 1200 यूनिट की क्षमता है और पूरे बूंदी जिले का भार इस ब्लड बैंक पर है. यहां एक महीने में 500 यूनिट से अधिक ब्लड पहुंचा और उसका उपयोग भी हो गया. वर्तमान में केवल 85 यूनिट ब्लड ही बचा है. बूंदी के ब्लड बैंक में 20 यूनिट ओ पॉजिटिव, 5 यूनिट ए पॉजिटिव, 5 यूनिट ए प्लस नेगेटिव, 10 यूनिट बी नेगेटिव, 12 यूनिट एबी प्लस और 15 यूनिट बी पॉजिटिव बचे हैं. यहां सबसे ज्यादा प्रसूता को तकलीफ का सामना करना पड़ा है.

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