बूंदी. कोरोना का संक्रमण प्रदेश में लगातार बढ़ता जा रहा है. जहां एक तरफ सरकार और प्रशासन आम लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को कह रहे हैं तो दूसरी और खुद ही नियमों और गाइडलाइनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. ईटीवी भारत ने जब एक आइसोलेशन सेंटर और कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर का रियलिटी चेक किया तो सरकारी दावों की पोल खुल गई.
खुले में पड़ा मिला बायोवेस्ट
जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड और कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर के बाहर चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई. आइसोलेशन वार्ड के बाहर बायो मेडिकल वेस्ट खुले में पड़ा हुआ नजर आया. बायो वेस्ट कचरे के पास आवारा पशु और कुत्ते भी घूमते नजर आए. आइसोलेशन सेंटर के बाहर बायो वेस्ट भंडारण व नगर परिषद की तरफ से कचरा संग्रहण की व्यवस्था की गई है. इसके बावजूद भी बायो वेस्ट बाहर पड़ा हुआ था.
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रोजाना डॉक्टर्स, नर्सिंगकर्मी कोरोना संदिग्ध लोगों के सैंपल कलेक्ट करते हैं और उनका इलाज करते हैं. इस पूरे प्रोसेस में काफी बायो वेस्ट इकट्ठा हो जाता है. जिसके निस्तारण के लिए बाकायदा सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है. अगर इस कचरे को प्रोपर तरीके से निस्तारण नहीं किया गया तो इस कचरे से भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है.
सैंकड़ों संदिग्ध रोजाना यहां अपना कोरोना टेस्ट कराने आते हैं. उसके बाद भी ऐसे हालात के बाद प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं. आम लोग भी इस कचरे के पास से गुजरते हैं. उनको भी कोरोना हो सकता है. आवारा पशुओं और कुत्तों के माध्यम से भी संक्रमण फैल सकता है. लेकिन प्रशासन बायो वेस्ट के निस्तारण को लेकर आंखें मूंद कर बैठा हुआ है. बूंदी में कोरोना के 439 केस सामने आ चुके हैं. जिनमें से 133 लोग रिकवर हो चुके हैं तो 305 एक्टिव केस अभी भी मौजूद हैं.
स्वच्छता रैंकिंग में भी लुढ़का बूंदी
20 अगस्त को देशभर के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की गई. जिसमें बूंदी काफी पिछड़ा हुआ दिखाई दिया. बूंदी इस लिस्ट में 371वें नंबर पर आया. वहीं कुछ साल पहले बूंदी राजस्थान में स्वच्छता के मामले में पहले नंबर पर होता था. इसके बाद नगर परिषद के ऊपर भी सवाल उठते हैं, क्योंकि उसकी जिम्मेदारी होती है शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था को बनाए रखने की.