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भारत जोड़ो यात्रा : राहुल गांधी के कर्जा माफी, खाद जैसी समस्याएं बताने पहुंचे किसान...केवल दूर से हुई हाय हेलो - Rajasthan Hindi News

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शनिवार को बड़ी संख्या में केशोरायपाटन विधानसभा (Bundi Farmers Came to share Problems to Rahul) क्षेत्र के किसान भी शामिल हुए. ये किसान अपनी समस्याओं के बारे में राहुल गांधी से मिलकर बताना चाहते थे, लेकिन इनके अरमान दिल में ही रह गए. क्योंकि ये यात्रा के साथ चले जरूर, लेकिन राहुल गांधी तक नहीं पहुंच पाए और दूर से ही हाय हेलो हो पाई.

भारत जोड़ो यात्रा
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Published : Dec 10, 2022, 9:28 PM IST

राहुल गांधी समस्याएं बताने पहुंचे किसान

कोटा. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शनिवार को बूंदी जिले के केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र में निकली. यह कोटा-दौसा- लालसोट मेगा हाईवे पर केशोरायपाटन के नजदीक स्थित रिलायंस के पेट्रोल पंप से शुरू हुई. इसमें सैकड़ों की संख्या में केशोरायपाटन इलाके के किसानों ने भी भाग लिया. इन किसानों ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि खाद, बीज, फसल बीमा से लेकर कर्ज माफी के मुद्दे पर राहुल गांधी से मिलना चाह रहे थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. दूर से ही राहुल गांधी से हाय हेलो हो पाया है.

इन किसानों ने कहा कि वह गुडली ओवर ब्रिज से पैदल ही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए (Bundi Farmers in Bharat Jodo Yatra) थे और आड़ा गेला बालाजी तक साथ चले. लेकिन पैरों ने साथ नहीं दिया, इसलिए वे वापस लौट गए. वहीं किसानों से जब पूछा गया कि वह किन मुद्दों को लेकर राहुल गांधी से मिलना चाह रहे थे, तब उन्होंने कहा कि हमारी सड़कें खराब, गरीबों के कच्चे मकान हैं, पक्के मकान के लिए बड़े लोगों को ही पैसा मिल रहा है. जो ज्यादा पैसे वाले हैं, उनकी फाइलें जल्दी पास हो जाती हैं. हम मुद्दे उन्हें बताना चाहते थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. रोड पर चलते केवल हम उन्हें दूर से ही देख पाए हैं.

पढ़ें. यूरिया नहीं मिलने पर किसान ने कर्मचारी को दी जान से मारने की धमकी, मामला दर्ज

रात में मिल रही बिजली, आवारा मवेशी की भी परेशानीः किसानों कहा कि किसानों को बिजली भी 5 से 6 घंटे ही मिल रही है. यह बिजली भी रात में दी जाती है. ऐसे में सर्दी के मौसम में फसल को पानी पिलाना भी एक चुनौती हो रहा है. दूसरी तरफ किसानों ने आवारा मवेशियों की समस्या भी बताई. उन्होंने कहा कि हमारी खेतों में रात को रखवाली करना मुश्किल हो रहा है, बड़ी संख्या में आवारा मवेशी हैं जो खेतों में घुस जाते हैं और फसल को खाकर चौपट कर देते हैं.

दो कट्टे यूरिया के लिए लगानी पड़ती है लंबी कतारः किसानों ने कहा कि फसल का समर्थन मूल्य से ज्यादा (Shortage of Urea in Kota) राशि मिले. खाद, बीज व यूरिया भी समय पर मिले. इसकी काफी किल्लत आ रही है. यूरिया नहीं मिलने के चलते हम पिछड़ जाएंगे और बच्चों का भविष्य भी खराब होगा. राहुल गांधी से बोलना चाहते थे कि यूरिया की किल्लत हो रही है. लंबी लाइनें लगानी पड़ती है, फिर भी दो कट्टे ही खाद मिल रहे हैं.

पढ़ें. पुलिस की मौजूदगी में हो रहा यूरिया का वितरण, मशक्कत के बाद भी खाली हाथ लौट रहे किसान

नहीं मिलता फसल बीमा का मुआवजाः किसानों ने कहा कि बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन (Bundi Farmers Came to share Problems to Rahul) मिलता है, जिसके बाद बैंक अपने आप ही फसल बीमा करा देता है. कुछ किसानों ने स्वेच्छा से भी बीमा करवा लिया, लेकिन फसल खराब होने पर हमारा मुआवजा 1 फ़ीसदी भी नहीं मिलता है. यह सब बातें राहुल गांधी को बताने वाले थे. किसानों ने कहा कि बंद पड़ी हुई केशोरायपाटन शुगर मिल को शुरू करने की मांग भी हम राहुल गांधी से रखते, वहां पर पूरा जंगल हो गया है. जब किसानों से पूछा गया कि लंबे समय से इसको लेकर बीजेपी आंदोलन कर रही है, तब उन्होंने जवाब दिया कि कुछ भी नहीं हो रहा है. थोड़े दिन पहले भी नारेबाजी करके चले गए थे.

केवल सरकारी बैंकों का कर्जा माफ, राष्ट्रीयकृत का नहींः किसानों ने बातचीत में यह भी बताया कि वे कर्ज माफी के बारे में भी राहुल गांधी से चर्चा करते, राहुल गांधी अपने भाषणों में कहते हैं कि 22 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है. कुछ किसानों ने कहा कि हमारा एक रुपया भी कर्जा माफ नहीं हुआ है. हमारा कर्जा राष्ट्रीयकृत बैंकों का था, केवल कॉपरेटिव बैंक का ही कर्जा माफ किया गया है. जबकि राहुल गांधी ने कहा था कि सभी बैंकों का कर्जा माफ होगा. एक किसान ने कहा कि केवल बड़े-बड़े आदमियों का कर्जा माफ हो गया, लेकिन छोटे आदमियों का कर्जा माफ नहीं हुआ है. यही बात हम राहुल गांधी को बताना चाह रहे थे.

राहुल गांधी समस्याएं बताने पहुंचे किसान

कोटा. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शनिवार को बूंदी जिले के केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र में निकली. यह कोटा-दौसा- लालसोट मेगा हाईवे पर केशोरायपाटन के नजदीक स्थित रिलायंस के पेट्रोल पंप से शुरू हुई. इसमें सैकड़ों की संख्या में केशोरायपाटन इलाके के किसानों ने भी भाग लिया. इन किसानों ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि खाद, बीज, फसल बीमा से लेकर कर्ज माफी के मुद्दे पर राहुल गांधी से मिलना चाह रहे थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. दूर से ही राहुल गांधी से हाय हेलो हो पाया है.

इन किसानों ने कहा कि वह गुडली ओवर ब्रिज से पैदल ही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए (Bundi Farmers in Bharat Jodo Yatra) थे और आड़ा गेला बालाजी तक साथ चले. लेकिन पैरों ने साथ नहीं दिया, इसलिए वे वापस लौट गए. वहीं किसानों से जब पूछा गया कि वह किन मुद्दों को लेकर राहुल गांधी से मिलना चाह रहे थे, तब उन्होंने कहा कि हमारी सड़कें खराब, गरीबों के कच्चे मकान हैं, पक्के मकान के लिए बड़े लोगों को ही पैसा मिल रहा है. जो ज्यादा पैसे वाले हैं, उनकी फाइलें जल्दी पास हो जाती हैं. हम मुद्दे उन्हें बताना चाहते थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. रोड पर चलते केवल हम उन्हें दूर से ही देख पाए हैं.

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रात में मिल रही बिजली, आवारा मवेशी की भी परेशानीः किसानों कहा कि किसानों को बिजली भी 5 से 6 घंटे ही मिल रही है. यह बिजली भी रात में दी जाती है. ऐसे में सर्दी के मौसम में फसल को पानी पिलाना भी एक चुनौती हो रहा है. दूसरी तरफ किसानों ने आवारा मवेशियों की समस्या भी बताई. उन्होंने कहा कि हमारी खेतों में रात को रखवाली करना मुश्किल हो रहा है, बड़ी संख्या में आवारा मवेशी हैं जो खेतों में घुस जाते हैं और फसल को खाकर चौपट कर देते हैं.

दो कट्टे यूरिया के लिए लगानी पड़ती है लंबी कतारः किसानों ने कहा कि फसल का समर्थन मूल्य से ज्यादा (Shortage of Urea in Kota) राशि मिले. खाद, बीज व यूरिया भी समय पर मिले. इसकी काफी किल्लत आ रही है. यूरिया नहीं मिलने के चलते हम पिछड़ जाएंगे और बच्चों का भविष्य भी खराब होगा. राहुल गांधी से बोलना चाहते थे कि यूरिया की किल्लत हो रही है. लंबी लाइनें लगानी पड़ती है, फिर भी दो कट्टे ही खाद मिल रहे हैं.

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नहीं मिलता फसल बीमा का मुआवजाः किसानों ने कहा कि बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन (Bundi Farmers Came to share Problems to Rahul) मिलता है, जिसके बाद बैंक अपने आप ही फसल बीमा करा देता है. कुछ किसानों ने स्वेच्छा से भी बीमा करवा लिया, लेकिन फसल खराब होने पर हमारा मुआवजा 1 फ़ीसदी भी नहीं मिलता है. यह सब बातें राहुल गांधी को बताने वाले थे. किसानों ने कहा कि बंद पड़ी हुई केशोरायपाटन शुगर मिल को शुरू करने की मांग भी हम राहुल गांधी से रखते, वहां पर पूरा जंगल हो गया है. जब किसानों से पूछा गया कि लंबे समय से इसको लेकर बीजेपी आंदोलन कर रही है, तब उन्होंने जवाब दिया कि कुछ भी नहीं हो रहा है. थोड़े दिन पहले भी नारेबाजी करके चले गए थे.

केवल सरकारी बैंकों का कर्जा माफ, राष्ट्रीयकृत का नहींः किसानों ने बातचीत में यह भी बताया कि वे कर्ज माफी के बारे में भी राहुल गांधी से चर्चा करते, राहुल गांधी अपने भाषणों में कहते हैं कि 22 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है. कुछ किसानों ने कहा कि हमारा एक रुपया भी कर्जा माफ नहीं हुआ है. हमारा कर्जा राष्ट्रीयकृत बैंकों का था, केवल कॉपरेटिव बैंक का ही कर्जा माफ किया गया है. जबकि राहुल गांधी ने कहा था कि सभी बैंकों का कर्जा माफ होगा. एक किसान ने कहा कि केवल बड़े-बड़े आदमियों का कर्जा माफ हो गया, लेकिन छोटे आदमियों का कर्जा माफ नहीं हुआ है. यही बात हम राहुल गांधी को बताना चाह रहे थे.

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