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बूंदी: मनरेगा योजना के तहत 60 हजार 728 परिवारों को मिला रोजगार

लॉकडाउन के बीच राजस्थान, मनरेगा में रोजगार देने के मामले में देश में पहले नंबर पर चल रहा है. ऐसे में राजस्थान का बूंदी में भी लगातार जरूरतमंद परिवारों को रोजगार मिल रहा है. इसके चलते जिले में अब तक 60 हजार 728 परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल चुका है.

बूंदी की खबर, bundi news
मनरेगा योजना के तहत काम करते हुए मजदूर
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Published : May 17, 2020, 8:31 PM IST

बूंदी. लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों को काम मिल सके. इसके लिए राजस्थान में मनरेगा योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत काम करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. इस योजना के तहत जाॅब कार्डधारी 60 हजार 728 ग्रामीण परिवारों को संबंधित ग्राम पंचायतों में रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है.

मनरेगा योजना के तहत उपलब्ध हो रहा है रोजगार

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार ने बताया कि वर्तमान में जिले की 182 ग्राम पंचायतों में प्रति पंचायत औसतन 330 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. साथ ही रोजगार की सुनिश्चितता के लिए ग्राम पंचायतों में पर्याप्त नवीन कार्य भी स्वीकृत किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते आने वाले प्रवासी जाॅब कार्डधारी परिवारों को भी संबंधित ग्राम पंचायत में 100 दिवस रोजगार उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है.

बूंदी की खबर, bundi news
मनरेगा योजना के तहत काम करते हुए मजदूर

पढ़ें- बूंदी में रविवार को ग्रीन जोन के भी बाजार रहे बंद

इन ग्राम पंचायतों में मिल रहा है रोजगार

वर्तमान में पंचायत समिति बूंदी की 30 ग्राम पंचायतों में 10 हजार 829 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसी प्रकार पंचायत समिति हिण्डोली की 42 ग्राम पंचायतों में 12 हजार 317, केशवरायपाटन की 46 ग्राम पंचायतों में 15 हजार 973, नैनवां की 33 ग्राम पंचायतों में 11 हजार 850 और तालेड़ा की 31 ग्राम पंचायतों में 9 हजार 759 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके साथ ही काम की मांग करने वाले प्रत्येक जाॅब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है. वहीं, योजना में प्रगति की नियमित समीक्षा भी की जा रही है.

31 कार्यों के लिए 2 करोड़ 73 लाख 50 हजार 26 रुपए स्वीकृत

वहीं, हिण्डोली की 4 ग्राम पंचायतों के 14 कार्यों के लिए 1.39 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें ग्राम पंचायत बडगांव में 5 कार्यों के लिए 61 लाख, बड़ोदिया में 2 कार्यों के लिए 9 लाख, सांवतगढ में 3 कार्यों के लिए 28.50 लाख और धोवड़ा में 4 कार्यों के लिए 41.21 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है.

इसी प्रकार पंचायत समिति केशवरायपाटन की 4 ग्राम पंचायतों में 9 कार्यों के लिए 51 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें ग्राम पंचायत करवाला की झौपड़िया में एक कार्य के लिए 10.16 लाख, बालोद में 3 कार्यों के लिए 28.97 लाख, फोलाई में एक कार्य के लिए 8.92 लाख और सखावदा पंचायत में 3 कार्यों के लिए 3 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है.

पढ़ें- कोरोना कालः पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी व्यवसाय ठप, 2 महीनों में 10 करोड़ का नुकसान

साथ ही पंचायत समिति बूंदी की 2 ग्राम पंचायतों के 8 कार्यों के लिए 82.66 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें ग्राम पंचायत माटूंदा में 3 कार्यों के लिए 22.22 लाख और सीलोर पंचायत में 5 कार्यों के लिए 60.43 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है. संबंधित ग्राम पंचायतों में कार्यों की स्वीकृतीनुसार ग्रेवल सड़क, पौधारोपण, डेन खुदाई, खाई फेंसिंग, तलाई निर्माण, नाड़ी निर्माण आदि कार्य करवाए जाएंगे.

वहीं, स्वीकृत कार्यों पर एक लाख 8 हजार 970 मानव दिवस रोजगार उपलब्ध करवाया जायेगा. इसके तहत जिले की 182 पंचायतों में प्रति पंचायत औसतन 330 परिवारों को रोजगार दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों का रुझान बढ़ रहा है. जिला प्रशासन की माने तो आने वाले दिनों में 1 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल जाएगा, जिससे उन्हें काफी हद तक सहारा मिलेगा.

बूंदी. लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों को काम मिल सके. इसके लिए राजस्थान में मनरेगा योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत काम करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. इस योजना के तहत जाॅब कार्डधारी 60 हजार 728 ग्रामीण परिवारों को संबंधित ग्राम पंचायतों में रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है.

मनरेगा योजना के तहत उपलब्ध हो रहा है रोजगार

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार ने बताया कि वर्तमान में जिले की 182 ग्राम पंचायतों में प्रति पंचायत औसतन 330 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. साथ ही रोजगार की सुनिश्चितता के लिए ग्राम पंचायतों में पर्याप्त नवीन कार्य भी स्वीकृत किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते आने वाले प्रवासी जाॅब कार्डधारी परिवारों को भी संबंधित ग्राम पंचायत में 100 दिवस रोजगार उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है.

बूंदी की खबर, bundi news
मनरेगा योजना के तहत काम करते हुए मजदूर

पढ़ें- बूंदी में रविवार को ग्रीन जोन के भी बाजार रहे बंद

इन ग्राम पंचायतों में मिल रहा है रोजगार

वर्तमान में पंचायत समिति बूंदी की 30 ग्राम पंचायतों में 10 हजार 829 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसी प्रकार पंचायत समिति हिण्डोली की 42 ग्राम पंचायतों में 12 हजार 317, केशवरायपाटन की 46 ग्राम पंचायतों में 15 हजार 973, नैनवां की 33 ग्राम पंचायतों में 11 हजार 850 और तालेड़ा की 31 ग्राम पंचायतों में 9 हजार 759 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके साथ ही काम की मांग करने वाले प्रत्येक जाॅब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है. वहीं, योजना में प्रगति की नियमित समीक्षा भी की जा रही है.

31 कार्यों के लिए 2 करोड़ 73 लाख 50 हजार 26 रुपए स्वीकृत

वहीं, हिण्डोली की 4 ग्राम पंचायतों के 14 कार्यों के लिए 1.39 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें ग्राम पंचायत बडगांव में 5 कार्यों के लिए 61 लाख, बड़ोदिया में 2 कार्यों के लिए 9 लाख, सांवतगढ में 3 कार्यों के लिए 28.50 लाख और धोवड़ा में 4 कार्यों के लिए 41.21 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है.

इसी प्रकार पंचायत समिति केशवरायपाटन की 4 ग्राम पंचायतों में 9 कार्यों के लिए 51 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें ग्राम पंचायत करवाला की झौपड़िया में एक कार्य के लिए 10.16 लाख, बालोद में 3 कार्यों के लिए 28.97 लाख, फोलाई में एक कार्य के लिए 8.92 लाख और सखावदा पंचायत में 3 कार्यों के लिए 3 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है.

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साथ ही पंचायत समिति बूंदी की 2 ग्राम पंचायतों के 8 कार्यों के लिए 82.66 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें ग्राम पंचायत माटूंदा में 3 कार्यों के लिए 22.22 लाख और सीलोर पंचायत में 5 कार्यों के लिए 60.43 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है. संबंधित ग्राम पंचायतों में कार्यों की स्वीकृतीनुसार ग्रेवल सड़क, पौधारोपण, डेन खुदाई, खाई फेंसिंग, तलाई निर्माण, नाड़ी निर्माण आदि कार्य करवाए जाएंगे.

वहीं, स्वीकृत कार्यों पर एक लाख 8 हजार 970 मानव दिवस रोजगार उपलब्ध करवाया जायेगा. इसके तहत जिले की 182 पंचायतों में प्रति पंचायत औसतन 330 परिवारों को रोजगार दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों का रुझान बढ़ रहा है. जिला प्रशासन की माने तो आने वाले दिनों में 1 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल जाएगा, जिससे उन्हें काफी हद तक सहारा मिलेगा.

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