बूंदी. मंगलवार को जिले में दो केस सामने आए. जिससे अब जिले में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 38 हो गया है. वहीं, इन दोनों मामले में से एक बूंदी जिला अस्पताल से जुड़े हैं. जहां एक संविदाकर्मी महिला कोरोना वायरस की चपेट में आई है. इसके साथ ही संविदाकर्मी महिला के इलाके में भी जीरो मोबिलिटी कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है.
इसकी सूचना मिलने पर जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा और पॉजिटिव महिला को डिटेन कर कॉविड सेंटर भेजा. वहीं, महिला के संपर्क में आने वाले सभी स्टाफ कर्मी एवं उसके परिजनों के सैंपलिंग लिए गए है. बताया जा रहा है कि महिला मातृ एवं शिशु अस्पताल के लेबर रूम में कार्यरत थी. जहां पॉजिटिव आने के बाद स्टाफकर्मियों में हड़कंप मच गया है.
इसके बाद लेबर रूम में सैनिटाइजर का छिड़काव भी किया गया है. वहीं, दूसरा मामला जिले के डाबी इलाके के लम्बाखोह गांव का है. जहां पर एक कोरोना पॉजिटिव मरीज पाया गया है. जिसकी सूचना मिलने पर प्रशासन मौके पर पहुंचा और एंबुलेंस की सहायता से उसे कोटा भिजवाया गया है. इसके बाद इलाके में प्रशासन ने जीरो मोबिलिटी कर्फ्यू घोषित कर दिया है. साथ ही मरीज का कोरोना टेस्ट भी कोटा में ही लिया गया था.
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कलेक्टर ने अस्पताल अधीक्षक को हटाया...
इस मामले को लेकर बूंदी कलेक्टर आशीष गुप्ता ने अस्पताल अधीक्षक केसी मीणा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. उनकी जगह वरिष्ठ सर्जन प्रभाकर विजय को अस्पताल का अधीक्षक बनाया है. लंबे समय से केसी मीणा जिला अस्पताल अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे. कई बार अस्पताल में चिकित्सकों और अस्पताल अधीक्षक के बीच गतिरोध भी पैदा हो गया था. वहीं, अस्पताल में अव्यवस्थाओं के चलते कोरोना वायरस का संक्रमण फैला तो अस्पताल अधीक्षक पर कोरोना वायरस फैलाने का ठीकरा फोड़ दिया गया. ऐसे में बूंदी कलेक्टर गुप्ता ने उन्हें हटाने के आदेश जारी कर दिए.
अगर कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों की बात की जाए तो बूंदी में अब तक कोरोना वायरस के 38 मरीज हो चुके हैं. जिनमें से 15 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. अभी केवल 23 ही एक्टिव केस मौजूद है. वहीं, 6 हजार से अधिक लोगों की अब तक कोरोना वायरस की सैंपलिंग की जा चुकी है. जिनमें से 300 से अधिक लोगों की सैंपलिंग अभी पेंडिंग है. बाकी सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है.