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बूंदी: तीन साल बाद खुले जवाहर सागर के 2 गेट, अब तक 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी की निकासी - Jawahar Sagar News

बूंदी जिले के जवाहर सागर के प्रशासन की ओर से 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है. बता दें कि यहां पर 28 अगस्त से अब तक 2 लाख 88 हजार से अधिक पानी की निकासी की जा रही है. जिले के डाबी इलाके में चंबल नदी के ऊपर बने इस बांध से 3 साल बाद पानी की निकासी की जा रही है. मूलतः बांध को बिजली बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है.

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Published : Aug 30, 2019, 11:36 PM IST

बूंदी. जिले के डाबी थाना इलाके में चंबल नदी पर स्थित जवाहर सागर बांध का प्रशासन ने गेट खुलवाकर हजारों लीटर पानी की निकासी करवाई जा रही है. बता दें कि यहां पर 28 अगस्त को भी प्रशासन की ओर से 7 गेटों को खोला गया था, जिसमें 2 लाख 86 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी. वहीं अब बारिश बंद होने के साथ ही प्रशासन ने गेटों की संख्या को 2 ही रहने दिया है.

3 साल बाद खुले जवाहर सागर बांध के दरवाजे

जानकारी के अनुसार यहां पर 28 अगस्त से अब तक 2 लाख 88 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है. वहीं करीब 105 फीट भराव क्षमता वाला इस बांध पर 12 गेट बने हुए हैं. बता दें कि बांध पर बिजली बनने के यंत्र लगा हुआ है, जिससे इस बांध के माध्यम से बिजली बनाने का कार्य किया जाता है. बता दें कि 3 साल पहले यहां पर तेज बारिश होने पर बांध के गेट को खोला गया था, अब 3 साल बाद फिर से गेटों को खोला गया है.

पढ़ें- पिछोला स्वरूप सागर और रंग सागर झील हुई लबालब, फतेह सागर को छलकने का इंतजार

बता दें कि चंबल नदी पर 4 बांध बने हुए हैं. जिसमें सबसे पहला बांध गांधी सागर, दूसरा राणा प्रताप सागर और तीसरा बांध बूंदी का जवाहर सागर तथा कोटा बैराज बना हुआ है. यहां पर गांधी सागर वहां राणा प्रताप सागर से पानी छोड़ने के बाद ही चंबल नदी उफान पर आ जाने पर जवाहर सागर एवं कोटा बैराज का पानी उफान पर आ जाता है, जिसके कारण गेट खोले जाते हैं.

बूंदी. जिले के डाबी थाना इलाके में चंबल नदी पर स्थित जवाहर सागर बांध का प्रशासन ने गेट खुलवाकर हजारों लीटर पानी की निकासी करवाई जा रही है. बता दें कि यहां पर 28 अगस्त को भी प्रशासन की ओर से 7 गेटों को खोला गया था, जिसमें 2 लाख 86 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी. वहीं अब बारिश बंद होने के साथ ही प्रशासन ने गेटों की संख्या को 2 ही रहने दिया है.

3 साल बाद खुले जवाहर सागर बांध के दरवाजे

जानकारी के अनुसार यहां पर 28 अगस्त से अब तक 2 लाख 88 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है. वहीं करीब 105 फीट भराव क्षमता वाला इस बांध पर 12 गेट बने हुए हैं. बता दें कि बांध पर बिजली बनने के यंत्र लगा हुआ है, जिससे इस बांध के माध्यम से बिजली बनाने का कार्य किया जाता है. बता दें कि 3 साल पहले यहां पर तेज बारिश होने पर बांध के गेट को खोला गया था, अब 3 साल बाद फिर से गेटों को खोला गया है.

पढ़ें- पिछोला स्वरूप सागर और रंग सागर झील हुई लबालब, फतेह सागर को छलकने का इंतजार

बता दें कि चंबल नदी पर 4 बांध बने हुए हैं. जिसमें सबसे पहला बांध गांधी सागर, दूसरा राणा प्रताप सागर और तीसरा बांध बूंदी का जवाहर सागर तथा कोटा बैराज बना हुआ है. यहां पर गांधी सागर वहां राणा प्रताप सागर से पानी छोड़ने के बाद ही चंबल नदी उफान पर आ जाने पर जवाहर सागर एवं कोटा बैराज का पानी उफान पर आ जाता है, जिसके कारण गेट खोले जाते हैं.

Intro:बूंदी के जवाहर सागर से प्रशासन द्वारा दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। यहां पर 28 अगस्त से अब तक 2 लाख 88 हजार से अधिक पानी की निकासी की जा रही है। बूंदी जिले के डाबी इलाके में चंबल नदी के ऊपर बने इस बांध से 3 साल बाद पानी की निकासी की जा रही है। मूलतः बांध को बिजली बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है ।


Body:बूंदी जिले के डाबी थाना इलाके में चंबल नदी पर स्थित जवाहर सागर बांध के प्रशासन ने गेट खुलवा हजारो लीटर पानी की निकासी करवाई जा रही है । यहां पर 28 अगस्त को भी प्रशासन द्वारा 7 गेटो को खोला गया था जिसमे 2 लाख 86 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी अब बारिश बंद होने के साथ ही प्रशासन ने गेटों की संख्या को दो ही रहने दिया है । यहां पर 28 अगस्त से अब तक 2 लाख 88 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चुका है । करीब 105 फिट भराव क्षमता वाला इस बांध पर 12 गेट बने हुए हैं । बांध पर बिजली बनने के यंत्र लगा हुआ है जिससे इस बांध के माध्यम से बिजली बनाने का कार्य किया जाता है । जानकारी के अनुसार 3 साल पूर्व यहां पर तेज बारिश होने पर बांध के गेट को खोला गया था । अब 3 साल बाद फिर गेटो को खोला गया है ।


Conclusion:आपको बता दें कि चंबल नदी पर 4 बांध बने हुए हैं। सबसे पहला बांध गांधी सागर ,दूसरा राणा प्रताप सागर , तीसरा बांध बूंदी का जवाहर सागर तथा कोटा बैराज बना हुआ है । यहां पर गांधी सागर वहां राणा प्रताप सागर से पानी छोड़ने के बाद ही चंबल नदी उफान पर आ जाने पर जवाहर सागर एवं कोटा बैराज का पानी उफान पर आ जाता है जिससे गेट खोले जाते हैं ।

बाईट - हेमन्त सोनी , अधिकरी डैम ,बूंदी
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