बीकानेर. वैसे तो धर्म शास्त्र में हर वार का अपना महत्व है. लेकिन शनिवार भगवान शनिदेव का वार है और इनको न्याय प्रदत देव माना जाता है और ये कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने और इनकी व्रक दृष्टि से बचने के लिए कुछ उपाय करने और विधि-विधान से पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है (Puja Vidhi Of Shaniwar).
शनिदेव के कुप्रभाव से बचाव- विशेष रूप से इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनिदोष का प्रभाव कम होता है. इस दिन एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल लें,और इसमें अपना चेहरा देख लें. इसके बाद इस तेल को शनि मंदिर में दान कर दें.ऐसा कुछ शनिवार तक लगातार करने से शनि से जुड़ी समस्याएं काफी हद तक दूर हो जाती हैं.
करें मदद- सर्दी के मौसम में गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को ऊनी वस्त्र दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा बनी रहती है. अपंग और जरूरतमंद लोगों की सहायता करने से भी शनि के प्रभावों से व्यक्ति बचा रहता है.दृष्टिहीन, निशक्तजन, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें और उन्हें किसी भी प्रकार का दान दें. यदि संभव हो सके तो जूता दान करें. शनिदेव को तिल, गुड़ या खिचड़ी का भोग लगाना काफी अच्छा माना जाता है.
मद्यपान न करें- शनिवार को शराब पीना सबसे घातक माना गया है. इस दिन पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में यात्रा करना मना है. लड़की को शनिवार के दिन ससुराल नहीं भेजना चाहिए. इस दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे की वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए वर्ना बिना बात की बाधा उत्पन्न होती है और अचानक कष्ट झेलना पड़ सकता है.
पढ़ें-मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती आज, बन रहा है खास योग! पूजा की तो मनोकामना होगी पूर्ण
कैसे करें पीपल पूजा- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को दोनों हाथों से छुएं और इसके बाद पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें. साथ ही ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें. शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखी दीपक जलाना काफी शुभ माना जाता है. इससे घर में धन, यश और वैभव की कमी नहीं होती है.
इस बात का रखें ध्यान- शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.
इन मंत्रों का करें जाप- शनि देव की कृपा बनी रहे इसलिए इनके मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही द्वादश ज्योर्तिलिंग के नामों का भी उच्चारण करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
शनिमंत्र का शनिवार को जाप करें
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||
द्वादश ज्योर्तिलिंग नाम
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति