ETV Bharat / state

भूजल विकास और प्रबंधन पर कार्यशाला, विशेषज्ञ बोले- जल दोहन का सही उपयोग सबकी ज़िम्मेदारी

बीकानेर की डूंगर कॉलेज में भूजल के गिरते स्तर को लेकर कार्यशाला आयोजित की (Workshop on declining groundwater level) गई. कार्यशाला में भूजल विकास और प्रबंधन विषय पर चर्चा की गई. इस दौरान विशेषज्ञों ने पानी की समस्या और गिरते भूजल स्तर के प्रबंधन को लेकर केवल प्रयास नहीं बल्कि जागरूक होने की भी बात कही.

भूजल विकास और प्रबंधन पर कार्यशाला
भूजल विकास और प्रबंधन पर कार्यशाला
author img

By

Published : Dec 15, 2022, 6:27 PM IST

भूजल विकास और प्रबंधन पर कार्यशाला

बीकानेर. डूंगर महाविद्यालय में गुरुवार को केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, जयपुर एवं राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में 'भूजल विकास एवं प्रबंधन' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया (Workshop on declining groundwater level) गया. इस दौरान सत्रों में विशेषज्ञों के साथ गिरते भूजल स्तर और इसके प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने बढ़ती जनसंख्या के बीच लगातार भूजल दोहन और गिरते भूजल स्तर को लेकर चिंता जताई है.

प्रदेश के हालात भी ठीक नहीं : डूंगर कॉलेज के भूगर्भ विभागाध्यक्ष डॉ देवेश खंडेलवाल ने बताया कि कार्यक्रम में भूगर्भ शास्त्र, भूगोल एवं रसायन शास्त्र के स्नातकोत्तर एवं शोधार्थी मौजूद रहे. दरअसल भूजल के गिरते स्तर का सबसे ज्यादा प्रभाव राजस्थान जैसे राज्यों में पड़ रहा है. वक्ताओं ने भी कहा कि यहां कम होती बारिश ही कारण नहीं है, बल्कि ठोस प्रबंधन नहीं होना भी जल समस्या की बड़ी वजह है.

पढ़ें. भूजल दोहन से उपजे जल संकट को परंपरागत तरीकों से कर सकते हैं दूर: जल प्रहरी पुरस्कार से सम्मानित जयेश जोशी

गिर रहा स्तर : भूजल बोर्ड के वैज्ञानिक शशांक सिंह ने बताया कि कार्यशाला (Water Problems in Rajasthan) के दो तकनीकी सत्रों में भूगर्भ शास्त्र के विषय विशेषज्ञों की ओऱ से भूजल अन्वेषण, सर्वेक्षण, मानचित्रण एवं विश्लेषण पर अपनी बात कही. इस दौरान मौजूद वक्ताओं ने कहा कि हर साल भूजल का स्तर अनुपातिक रूप से और नीचे जा रहा है. इसका दोहन लगातार हो रहा है. लेकिन इसके प्रबंधन को लेकर कोई ठोस योजना तभी सार्थक हो सकती है जब हम इसके प्रति जागरूक हों.

सुविधाओं का दुरुपयोग : कॉलेज प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह ने कहा कि जिस तरह से अब (Misuse of Water Harvesting) जीवन में सुविधाओं का उपयोग बढ़ रहा है. उसी तरह से जल के दोहन का भी दुरुपयोग हो रहा है. सार्वजनिक रूप से हमें इस बात को स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए. भूजल के समुचित प्रबंधन और दोहन को लेकर एक नई बात सामने आई है, जिसका लाभ शोधार्थियों और छात्रों को अपने शोध में मिलेगा.

भूजल विकास और प्रबंधन पर कार्यशाला

बीकानेर. डूंगर महाविद्यालय में गुरुवार को केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, जयपुर एवं राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में 'भूजल विकास एवं प्रबंधन' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया (Workshop on declining groundwater level) गया. इस दौरान सत्रों में विशेषज्ञों के साथ गिरते भूजल स्तर और इसके प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने बढ़ती जनसंख्या के बीच लगातार भूजल दोहन और गिरते भूजल स्तर को लेकर चिंता जताई है.

प्रदेश के हालात भी ठीक नहीं : डूंगर कॉलेज के भूगर्भ विभागाध्यक्ष डॉ देवेश खंडेलवाल ने बताया कि कार्यक्रम में भूगर्भ शास्त्र, भूगोल एवं रसायन शास्त्र के स्नातकोत्तर एवं शोधार्थी मौजूद रहे. दरअसल भूजल के गिरते स्तर का सबसे ज्यादा प्रभाव राजस्थान जैसे राज्यों में पड़ रहा है. वक्ताओं ने भी कहा कि यहां कम होती बारिश ही कारण नहीं है, बल्कि ठोस प्रबंधन नहीं होना भी जल समस्या की बड़ी वजह है.

पढ़ें. भूजल दोहन से उपजे जल संकट को परंपरागत तरीकों से कर सकते हैं दूर: जल प्रहरी पुरस्कार से सम्मानित जयेश जोशी

गिर रहा स्तर : भूजल बोर्ड के वैज्ञानिक शशांक सिंह ने बताया कि कार्यशाला (Water Problems in Rajasthan) के दो तकनीकी सत्रों में भूगर्भ शास्त्र के विषय विशेषज्ञों की ओऱ से भूजल अन्वेषण, सर्वेक्षण, मानचित्रण एवं विश्लेषण पर अपनी बात कही. इस दौरान मौजूद वक्ताओं ने कहा कि हर साल भूजल का स्तर अनुपातिक रूप से और नीचे जा रहा है. इसका दोहन लगातार हो रहा है. लेकिन इसके प्रबंधन को लेकर कोई ठोस योजना तभी सार्थक हो सकती है जब हम इसके प्रति जागरूक हों.

सुविधाओं का दुरुपयोग : कॉलेज प्राचार्य डॉ. जी.पी. सिंह ने कहा कि जिस तरह से अब (Misuse of Water Harvesting) जीवन में सुविधाओं का उपयोग बढ़ रहा है. उसी तरह से जल के दोहन का भी दुरुपयोग हो रहा है. सार्वजनिक रूप से हमें इस बात को स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए. भूजल के समुचित प्रबंधन और दोहन को लेकर एक नई बात सामने आई है, जिसका लाभ शोधार्थियों और छात्रों को अपने शोध में मिलेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.