बीकानेर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार को बीकानेर दौरे पर रहे. डेढ़ घंटे की यात्रा के दौरान धनखड़ ने बीछवाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मूंगफली अनुसंधान केंद्र और केंद्रीय शुष्क एवं बागवानी संस्थान के प्रशिक्षु गृह का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीकानेर सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की तारीफ की. साथ ही उन्होंने देश की प्रगति में किसानों के योगदान को अमूल्य बताते हुए कहा कि किसी जमाने में गेहूं आयात करना पड़ता था, आज भारत फसलों का निर्यात कर रहा है.
भुजिया, रसगुल्ला और अब मूंगफली भी पहचान : उन्होंने कहा कि बीकानेर की मूंगफली अब विदेश तक निर्यात हो, इसके लिए काम करने की जरूरत है. बीकानेर पहले से ही रसगुल्ला, भुजिया के लिए पहचाना जाता है, लेकिन अब मूंगफली के क्षेत्र में बड़ा काम होगा और यहां के किसानों को इसका फायदा मिलेगा. किसानों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के उपराष्ट्रपति के रूप में राज्यसभा में मैं आपका प्रतिनिधि हूं, साथी हूं और सिपहसालार हूं. आपके हित की बात करना मेरा फर्ज है और जहां भी जरूरत होगी मैं आपकी बात रखूंगा.
किसानों को दिया न्यौता : इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीकानेर के युवा और किसानों को दिल्ली आने का न्योता दिया. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को उसकी जिम्मेदारी देते हुए कहा कि जो भी किसान दिल्ली आएंगे वह सारे मेरे मेहमान होंगे. दिल्ली में नई संसद भवन के साथ ही अन्य जगह को दिखाऊंगा. इसके अलावा (श्रीअन्न) मिलेट्स का भोजन की व्यवस्था कृषि मंत्री कैलाश चौधरी करेंगे और किसानों के लिए संस्कृति मंत्रालय की ओर से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा. संसद में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल की ओर से महिला आरक्षण बिल प्रस्तुत करने को एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि अब इस बात के लिए भी बीकानेर का नाम आएगा.
किसान के बिना कोई प्रगति नहीं : उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ बुधवार को बाड़मेर और बालोतरा जिले के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंचे. गुड़ामालानी में उन्होंने क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखी. इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान के बिना कोई प्रगति नहीं है. किसान वो इंजन है जो राजनीति को भी दौड़ाता है और अर्थव्यवस्था को भी दौड़ाता है. क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान संस्थान के रूप में जिले को मिली यह सौगात स्थानीय किसानों के लिए क्रांतिकारी कदम साबित होगी.