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Surya Dev Puja: रविवार के शुभ फल का फिश कनेक्शन!, जानें यहां - धन की देवी मां लक्ष्मी की भी पूजा

हिंदू धर्म में रविवार को सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है। अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए (Bhagwan Surya Puja). ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य का बहुत महत्व बताया गया है. चन्द्र, मंगल और गुरु ग्रह सूर्य देव के मित्र माने गए हैं वहीं शनि और शुक्र शत्रु माने गए हैं. ऐसे में जिन जातकों का सूर्य नीच का होता है उन्हें रविवार व्रत से विशेष लाभ प्राप्त होता है.

Sunday Worship Bhagwan Surya Puja
Sunday Worship Bhagwan Surya Puja
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Published : Dec 4, 2022, 6:42 AM IST

बीकानेर. ब्रह्माण्ड को प्रकाशवान करते हैं सूर्य देव. इनके बिना उजाले की कल्पना नहीं की जा सकती (Surya Puja on Raviwar). नवग्रहों के अधिपति हैं ये और इनके दर्शन के साथ ही नए दिन की शुरुआत होती है इसलिए तो इनकी आराधना से जीवन का अंधेरा दूर हो जाता है और विजय पथ पर मनुष्य अग्रसर हो जाता है. रविवार का दिन भगवान भास्कर को समर्पित होता है. कुछ जतन हैं, कुछ उपाय हैं कहते हैं अगर इन्हें अपनाया तो शत्रुओं पर जय अवश्यंभावी है.

मिलती है शत्रुओं पर विजय- रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है. हिन्दू धर्म के अनुसार रविवार भगवान विष्णु और सूर्यदेव का दिन भी है. इस दिन उन्हीं की आराधना करना चाहिए.

रविवार व्रत का विधान- रविवार का व्रत एक वर्ष या 30 रविवारों तक अथवा 12 रविवारों तक करना चाहिए. सूर्योदय से पूर्व बिस्तर से उठकर दैनिक कार्य से निवृत होकर स्वच्छ लाल रंग के वस्त्र पहनें. तत्पश्चात घर के ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान सूर्य की स्वर्ण निर्मित मूर्ति या चित्र स्थापित करें. इसके बाद विधि-विधान से गंध-पुष्पादि से भगवान सूर्य का पूजन करें. पूजन के बाद व्रतकथा कर आरती करें. भगवान सूर्य का स्मरण करते हुए 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' इस मंत्र का जप करें. जप के बाद शुद्ध जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य को अर्घ्य दें. सात्विक भोजन व फलाहार करें. भोजन में गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी खाएं. रविवार के दिन नमक नहीं खाएं.

पढ़ें-Daily Rashifal : कैसा बीतेगा आज का दिन जानिए अपना आज का राशिफल

मछलियों को कराएं भोजन- सूर्य देव को जल देने के बाद धन की देवी मां लक्ष्मी की भी पूजा भी करनी चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. ज्योतिष के अनुसार, यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो आपको रविवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलानी चाहिए. इसके अलावा ॐ घृणि सूर्याय नम: . ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.. का जाप करना चाहिए।

नमक से परहेज- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार के दिन भोजन में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन नमक खाने से आपके कार्यों में समस्याएं बढ़ सकती हैं और साथ ही सेहत पर भी प्रभाव पड़ता है. रविवार के दिन पश्चिम दिशा की ओर यात्रा करना भी सही नहीं माना गया है.

बीकानेर. ब्रह्माण्ड को प्रकाशवान करते हैं सूर्य देव. इनके बिना उजाले की कल्पना नहीं की जा सकती (Surya Puja on Raviwar). नवग्रहों के अधिपति हैं ये और इनके दर्शन के साथ ही नए दिन की शुरुआत होती है इसलिए तो इनकी आराधना से जीवन का अंधेरा दूर हो जाता है और विजय पथ पर मनुष्य अग्रसर हो जाता है. रविवार का दिन भगवान भास्कर को समर्पित होता है. कुछ जतन हैं, कुछ उपाय हैं कहते हैं अगर इन्हें अपनाया तो शत्रुओं पर जय अवश्यंभावी है.

मिलती है शत्रुओं पर विजय- रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है. हिन्दू धर्म के अनुसार रविवार भगवान विष्णु और सूर्यदेव का दिन भी है. इस दिन उन्हीं की आराधना करना चाहिए.

रविवार व्रत का विधान- रविवार का व्रत एक वर्ष या 30 रविवारों तक अथवा 12 रविवारों तक करना चाहिए. सूर्योदय से पूर्व बिस्तर से उठकर दैनिक कार्य से निवृत होकर स्वच्छ लाल रंग के वस्त्र पहनें. तत्पश्चात घर के ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान सूर्य की स्वर्ण निर्मित मूर्ति या चित्र स्थापित करें. इसके बाद विधि-विधान से गंध-पुष्पादि से भगवान सूर्य का पूजन करें. पूजन के बाद व्रतकथा कर आरती करें. भगवान सूर्य का स्मरण करते हुए 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' इस मंत्र का जप करें. जप के बाद शुद्ध जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दूर्वा से सूर्य को अर्घ्य दें. सात्विक भोजन व फलाहार करें. भोजन में गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी खाएं. रविवार के दिन नमक नहीं खाएं.

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मछलियों को कराएं भोजन- सूर्य देव को जल देने के बाद धन की देवी मां लक्ष्मी की भी पूजा भी करनी चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. ज्योतिष के अनुसार, यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो आपको रविवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलानी चाहिए. इसके अलावा ॐ घृणि सूर्याय नम: . ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.. का जाप करना चाहिए।

नमक से परहेज- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार के दिन भोजन में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन नमक खाने से आपके कार्यों में समस्याएं बढ़ सकती हैं और साथ ही सेहत पर भी प्रभाव पड़ता है. रविवार के दिन पश्चिम दिशा की ओर यात्रा करना भी सही नहीं माना गया है.

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