बीकानेर. पूरे राजस्थान में निजी चिकित्सक राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हैं. साथ ही धरने पर बैठे चिकित्सकों की मांग है कि राज्य सरकार अविलंब इस बिल को वापस ले. बिल के विरोध में लगातार निजी अस्पतालों की ओपीडी बंद है और अब निजी अस्पतालों ने सरकारी योजनाओं के बहिष्कार की घोषणा कर दी है. इसी बीच शनिवार को बीकानेर में छात्र संगठन एनएसयूआई के बैनर तले पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकना के नेतृत्व में छात्र नेताओं व प्रतिनिधियों ने पैदल मार्च निकाला. यह पैदल मार्च डूंगर कॉलेज से मेडिकल कॉलेज तक निकाला गया, जहां निजी चिकित्सक धरने पर बैठे हैं. इस दौरान धरने पर बैठे चिकित्सकों को गुलाब का फूल देकर उनसे आरटीएच बिल का विरोध करने के निर्णय को वापस लेने की अपील की गई. वहीं, दूसरी ओर निजी चिकित्सकों ने भी छात्र नेताओं की पहल का स्वागत करते हुए उनका मुंह मीठा कराया.
निजी चिकित्सक डॉ. विकास पारीक ने कहा कि जो लोग आज हमारा विरोध करने आए हैं. उनमें से अधिकांश निजी अस्पतालों में ही पैदा हुए होंगे. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं और हमें उकसाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन हम ऐसे किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने आगे कहा कि उनका धरना शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है और ये तब तक चलता रहेगा, जब तक बिल को वापस नहीं ले लिया जाता. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अब हम सरकार की योजनाओं का पूरी तरह से बहिष्कार कर रहे हैं और आगामी चार अप्रैल को अब जयपुर में एकत्रित होंगे.
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वहीं, पूर्व जिलाध्यक्ष व छात्र नेता रामनिवास कूकना ने कहा कि चिकित्सक धरती के भगवान हैं. इन्हें निजी स्वार्थ को छोड़कर आम जनता की पीड़ा को समझना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता के लिए इतनी बड़ी सौगात के रूप में इस योजना को लागू किया है. इसका इन्हें स्वागत करना चाहिए. यदि इनको किसी भी तरह की कोई आपत्ति है तो उसके लिए बातचीत का रास्ता खुला है. लेकिन जिस तरह से यह विरोध प्रदर्शन जारी है, वो आगे आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. यही वजह है कि हम धरने पर बैठे चिकित्सकों के मनुहार के लिए आए थे.
गुलाब देने वाले छात्र नेताओं को चिकित्सकों ने खिलाई मिठाई - धरनास्थल पर पहुंचे छात्र नेता का चिकित्सकों ने अपने अंदाज में स्वागत किया. इस दौरान दो अनोखी तस्वीरें देखने को मिली. एक ओर छात्र नेताओं ने धरने पर बैठे चिकित्सकों को गुलाब का फूल भेंट कर मनाने की कोशिश की तो वहीं, दूसरी ओर चिकित्सकों ने फूल भेंट करने वाले छात्र नेताओं का मुंह मीठा कराया. हालांकि, इस वाकया के कुछ ही देर बाद दोनों ही पक्ष एक-दूसरे की पहल को स्वीकार करने की बजाय अपनी पहल को थोपते नजर आए. इस दौरान जहां छात्र नेताओं ने आरटीएच बिल के समर्थन में नारेबाजी की तो वहीं, चिकित्सकों ने भी इसके विरोध में आवाज बुलंद की.