बीकानेर. भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नृसिंह माने जाते हैं. भगवान नृसिंह का सिर सिंह रूप में और आधा शरीर मनुष्य रूप में होता है. वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान की जंयती मनाई जाती है. इस बार 6 मई को यह दिन पड़ा है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में सन्नाटा छाया रहा.
नृसिंह चतुर्दशी के दिन हर साल बीकानेर शहर के मंदिरों में पारंपरिक वेशभूषा पहनकर 'नृसिंह लीला' का मंचन किया जाता था. लेकिन लॉकडाउन के चलते नृसिंह मंदिरों में इस साल इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही नजर आए.
वहीं बीकानेर के एक लोक कलाकार ने डॉक्टर रूपी नृसिंह का रूप धारण कर कोरोना वायरस राक्षस को हराने का नाट्य रूपांतरण किया. अपने नाटक के माध्यम से उन्होंने कोरोना वायरस को हराने में अग्रिम पंक्ति के योद्धा डॉक्टर, पुलिस, सफाई कर्मी, मीडिया कर्मियों का धन्यवाद किया.
यह भी पढ़ें- स्पेशल: राजस्थान के सबसे बड़े मंदिर श्रीनाथजी जी के भंडार पर 'लॉक', 8 करोड़ से ज्यादा की आय प्रभावित
लोक कलाकार गोपाल बिस्सा ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते बीकानेर शहर में परंपरागत नरसिंह मेले इस बार कोरोना के चलते स्थगित कर दिए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस से पीड़ित रोगियों के लिए फरिश्ते बने डॉक्टर, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, सफाईकर्मी कोरोना की लड़ाई में शामिल हैं. जैसे विष्णु के चौथे अवतार ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी. वैसे ही धरती के भगवान डॉक्टर महामारी का रुप ले चुके कोरोना वायरस का अंत करेंगे.