बीकानेर. चंद्र देव ने सोमवार के दिन ही भगवान भोले नाथ को प्रसन्न करने के लिए तप किया था. सोम यानी चंद्रमा की पूजा से शिव प्रसन्न हुए और उन्हें क्षय रोग से मुक्ति मिली. तभी से सोमवार (monday shiv puja vidhi) का दिन सोमेश्वर यानी चंद्रमा के ईश्वर को समर्पित हो गया. पौराणिक काल से भोले भंडारी की कृपा पाने के लिए भक्तगण सोमवार का व्रत करते हैं. इस दिन कुछ बातें हैं जिनका जातक विशेष ध्यान रखें तो निश्चित ही शंकर भगवान के कृपा पात्र बन जाएंगे.
महामृत्युंजय का जाप करें: लंबी आयु प्राप्ति और रोग मुक्ति के लिए सोमवार के दिन सुबह जल्दी स्नान और पूजा पाठ करने के बाद महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. सोमवार के दिन सुबह शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और साथ ही साथ 'ऊँ नम: शिवाय:' का जाप करते रहें. इसके अलावा, सोमवार के दिन पूजा में बिल्व पत्र, अक्षत (चावल) का इस्तेमाल करना चाहिए.
भगवान शिव को चढ़ाएं विशेष द्रव्य: जल से रुद्राभिषेक करने पर सुख-शांति मिलती है. पशु प्राप्ति के लिए दही से अभिषेक करें.
धन-धान्य आदि के लिए मधु से अभिषेक करें. मोक्ष प्राप्ति के लिए तीर्थ जल से अभिषेक करें. ज्वर शांति के लिए मठे से अभिषेक करें. सरसों के तेल से शत्रुनाश होता है.
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शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय: सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान करने के बाद सबसे पहले गणेश पूजन करें फिर शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं. जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें. भगवान शिव के दर्शन और जल अर्पण के बाद साथ शिव चालीसा का पाठ अथवा शिवाष्टक का पाठ जरूर करें. ऐसा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की समस्याएं दूर कर देते हैं. जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए. इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें.
शिवालयों में पूजा, अभिषेक: भगवान शिव को देवाधिदेव कहा जाता है. मान्यता है कि किसी भी तरह का किसी भी राशि का दोष भगवान शिव की पूजा करने से दूर होता है. खास तौर से शनि दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा का महत्व माना जाता है. द्वादश ज्योतिर्लिंग के नामों का उच्चारण करने से शनि का प्रकोप कम होता है और सोमवार के दिन उनका उच्चारण फलदायी होता है.