बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में अमावस्या तिथि का एक विशेष महत्व है. हर महीने कृष्ण पक्ष की आखिरी को अमावस्या कहा जाता है. सोमवार को सावन मास की अमावस्या तिथि हरियाली अमावस्या के नाम से जानी जाती है. लेकिन इस बार एक खास संयोग सोमवार को अमावस्या के होने के चलते सोमवती अमावस्या का भी हुआ है. जिसे विशेष दिन माना जाता है. पितृ कार्य तिथि के रूप में अमावस्या तिथि का एक महत्व है. अमावस्या तिथि को अपने पूर्वजों के निमित्त तर्पण पूजन हवन करना श्रेष्ठ माना जाता है. इस बार श्रावण मास में सोमवार के दिन अमावस्या का होना एक विशेष संयोग है. इस दिन भगवान शिव की आराधना पूजा करने से कई परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है.
पितृ कार्य के लिए श्रेष्ठ : हिंदू धर्म शास्त्रों में हर तिथि दिन का अपना एक पूजन विधान है. अपने पूर्वजों के निमित्त पूजा अर्चना और पितृ शांति के लिए अमावस्या तिथि को पितरों की पूजा करना चाहिए. इस दिन हवन तर्पण करना करना श्रेष्ठ माना जाता है.
हरियाली अमावस्या है आज : सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है. इस बार सोमवती अमावस्या संयोग हरियाली अमावस्या के दिन हुआ है. अमावस्या के दिन पौधारोपण खासतौर से पीपल के वृक्ष का रोपण करना चाहिए. इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना शुभ फलदायी होता है.
ये करें काम : अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवां अध्याय पढ़कर उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें. सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें. इससे पितरों का आर्शीवाद मिलता है और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ती है.