बीकानेर. शिक्षा विभाग की ओर से नो बैग डे के बाद अब एक और नवाचार किया (Rajasthan will start Chess in Schools) गया है. अब स्कूली बच्चों को शतरंज खिलाई जाएगी और सिखाई जाएगी. प्रदेश की समस्त स्कूलों में प्रत्येक माह के तीसरे शनिवार को नो बैग डे के दौरान विधार्थियों को शतरंज खेलने का मौका दिया जाएगा. गुरुवार को बीकानेर से इस नवाचार की शुरुआत खुद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने की.
शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने गुरुवार को रवींद्र रंगमंच पर स्कूली शिक्षा में राज्य सरकार की नई (Chess in Schools on third Saturday of every month) पहल 'चेस इन स्कूल' कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह में डॉ. कल्ला ने कहा कि 19 नवंबर से प्रदेश की समस्त स्कूलों में एक साथ यह कार्यक्रम प्रारंभ होगा. यह अपने आप में इतिहास होगा. इससे बच्चों के मानसिक विकास को बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में ग्रामीण क्षेत्रों के 30 लाख खिलाड़ी जुड़े. मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार शहरी क्षेत्र में भी इन खेलों का आयोजन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 'चेस इन स्कूल' प्रारंभ होने से बच्चों में एकाग्रता, याददाश्त, अनुशासन, आत्मचिंतन बढ़ाने का मौका (Chess lessons in Schools of Rajasthan) मिलेगा. डॉ कल्ला ने कहा कि मोबाइल के नकारात्मक प्रभाव के बीच यह पहल भावी पीढ़ी के मस्तिष्क को और रचनात्मक बनाने में मददगार हो सकेगी. उन्होंने कहा कि इन खेलों से स्कूल से चैम्पियन निकलेंगे और दुनिया में राजस्थान का नाम रोशन करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 7000 स्कूलों में करीब एक करोड़ विद्यार्थी हर तीसरे शनिवार को शतरंज खेलेंगे.
दूध योजना पर बोले कल्लाः इस दौरान स्कूली बच्चों को लेकर शुरू होने वाली बाल-गोपाल दूध योजना को लेकर भी मंत्री ने अपनी बात रखी. मंत्री कल्ला ने कहा कि 14 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस योजना की शुरुआत करेंगे. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने मशाल जलाकर इसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सौंपा. शिक्षा मंत्री ने सांकेतिक रूप से स्कूली बच्चों के साथ शतरंज खेल कर कार्यक्रम की शुरुआत की.