बीकानेर. प्रदेश में सोमवार से नए जिले विधिवत रूप से अस्तित्व में आ गए हैं और सरकार जहां इन जिलों के गठन से अपने राजनीतिक लाभ की राह देख रही है. वहीं जिले की खाजूवाला और छतरगढ़ को नए बनाए अनूपगढ़ जिले में शामिल करने को लेकर विरोध देखने को मिल रहा है.
आने वाले चुनावों को लेकर सरकार के स्तर पर भले ही नए जिलों के गठन से राजनीतिक लाभ मिलने की संभावनाओं को देखा जा रहा है, लेकिन बीकानेर संभाग के बीकानेर और श्रीगंगानगर को तोड़कर बनाए गए अनूपगढ़ जिले में बीकानेर से खाजूवाला और छतरगढ़ को शामिल करने का विरोध शुरू हो गया है. खाजूवाला और छतरगढ़ में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. वहीं सामाजिक संस्थाओं ने भी बाजार बंद में पूरा सहयोग देते हुए सरकार के इस निर्णय को गलत बताया.
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खाजूवाला में व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बाजार बंद की घोषणा की है. व्यापारियों का कहना है कि बीकानेर के साथ ही खाजूवाला का विकास हुआ है और इस सरकार ने भी कई योजनाएं शुरू की. जिससे खाजूवाला को कई सौगातें मिली हैं, लेकिन सरकार की नए जिले में खाजूवाला को शामिल करने के निर्णय से पिछले सारे कामों पर पानी फिर गया है. व्यापार मंडल पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक सरकार अपने इस निर्णय वापस नहीं लेती है, तब तक कस्बे की सभी दुकानें और यहां तक कि इमरजेंसी मेडिकल दुकान भी बंद रहेगी.
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क्यों है विरोधः दरअसल खाजूवाला से बीकानेर और अनूपगढ़ की दूरी में ज्यादा अंतर है. वहीं बीकानेर संभागीय मुख्यालय है और खाजूवाला के लोगों को काम के लिए बीकानेर आना मुफीद रहता है, जबकि अब उन्हें अनूपगढ़ जाना होगा. वहीं संभागीय मुख्यालय होने और पानी, बिजली सहित अन्य विभागों के जिले स्तर के साथ ही अन्य संभागीय अधिकारियों का मुख्यालय भी बीकानेर है. ऐसे में नए जिले के बजाय वे बीकानेर में ही जुड़े रहना चाहते हैं.