बीकानेर. जिले के खाजूवाला में दलित युवती की मौत के मामले में आखिरकार समझौते की राह खुली. प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चली लंबी वार्ता के बाद आखिरकार परिजन शव लेने को तैयार हो गए. इसके बाद मृतका का अंतिम संस्कार किया गया. दरअसल गैंगरेप और हत्या के आरोप में पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर परिजन आक्रोशित थे. साथ ही उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. मुख्य आरोपी के पकड़े जाने को लेकर परिजन पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे.
सीआई को किया निलंबित : इस मामले में परिजनों का आक्रोश पूर्व थानाधिकारी अरविंद सिंह शेखावत पर भी था. इसको लेकर भी परिजनों की ओर से एसपी और आईजी को कई तथ्य बताए गए, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए सीआई अरविंद सिंह को निलंबित कर दिया गया है. आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि सीआई के खिलाफ कई परिवाद मिले और कई तथ्य सही थे, ऐसे में सीआई को निलंबित किया गया है.
आरोपियों को नहीं बख्शा जाएगा : इस मामले में संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने समझौता वार्ता सफल होने की बात कहते हुए कहा कि किसी भी हाल में दोषी को नहीं बख्शा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में सीआई को निलंबित किया गया है. एक कांस्टेबल को बर्खास्त किया गया है और फरार आरोपियों को भी जल्द पकड़ा जाएगा. बता दें कि शुक्रवार को ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जांच कमेटी का गठन किया है.