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Parshuram Dwadashi 2023 : संतान प्राप्ति के लिए करें भगवान परशुराम का पूजा, मिलेगा शुभ फल - Rajasthan Hindi news

वैशाख शुक्ल द्वादशी को परशुराम द्वादशी के रूप में मनाया जाता (Puja Rituals of Parshuram Dwadashi) है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान परशुराम की पूजा आराधना करनी चाहिए.

Parshuram Dwadashi 2023
परशुराम द्वादशी 2023
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Published : May 2, 2023, 6:29 AM IST

बीकानेर. सनातन धर्म में भगवान विष्णु की आराधना का बड़ा महत्व है. वैशाख शुक्ल द्वादशी का महत्व भी भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और भगवान परशुराम की पूजा आराधना करनी चाहिए. भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था. हालांकि इनका जीवन परशुराम के रूप में वैशाख शुक्ल द्वादशी को शुरू हुआ, इसलिए इस दिन को परशुराम द्वादशी भी कहा जाता है.

संतान प्राप्ति की कामना : मान्यता है कि इस दिन भगवान परशुराम की पूजा अर्चना करने से निसंतान दंपती की संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है और उनकी होने वाली संतान तेजस्वी और पराक्रमी होती है. इस दिन परशुराम मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

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इस मंत्र का करें जाप :
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।

ये भी पढ़ें. बुधवार के दिन प्रथम पूज्य गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

भगवान विष्णु की अराधना : वैशाख शुक्ल द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की भी अराधना करनी चाहिए. भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने ही एकादशी के दिन मोहिनी रूप में अमृत कलश की रक्षा करते हुए देवताओं को अमृत पान करवाया था. द्वादशी के दिन भगवान की शक्तियां जागृत होती हैं, इसलिए इस तिथि को भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए.

बीकानेर. सनातन धर्म में भगवान विष्णु की आराधना का बड़ा महत्व है. वैशाख शुक्ल द्वादशी का महत्व भी भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और भगवान परशुराम की पूजा आराधना करनी चाहिए. भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था. हालांकि इनका जीवन परशुराम के रूप में वैशाख शुक्ल द्वादशी को शुरू हुआ, इसलिए इस दिन को परशुराम द्वादशी भी कहा जाता है.

संतान प्राप्ति की कामना : मान्यता है कि इस दिन भगवान परशुराम की पूजा अर्चना करने से निसंतान दंपती की संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है और उनकी होने वाली संतान तेजस्वी और पराक्रमी होती है. इस दिन परशुराम मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

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इस मंत्र का करें जाप :
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।

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भगवान विष्णु की अराधना : वैशाख शुक्ल द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की भी अराधना करनी चाहिए. भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने ही एकादशी के दिन मोहिनी रूप में अमृत कलश की रक्षा करते हुए देवताओं को अमृत पान करवाया था. द्वादशी के दिन भगवान की शक्तियां जागृत होती हैं, इसलिए इस तिथि को भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए.

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