बीकानेर. प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. नए मंत्रिमंडल में बीकानेर के सुमित गोदारा मंत्री बने हैं. लगातार दूसरी बार लूणकरणसर से चुनाव जीते सुमित गोदारा को मंत्री बनाकर भाजपा ने बीकानेर में जाट राजनीति में एक नया चेहरा खड़ा कर दिया है.
दरअसल भाजपा में मजबूत जाट नेता के तौर पर जिले में चेहरे की तलाश सुमित गोदारा के मंत्री बनने के बाद पूरी हुई मानी जा सकती है. तीन चुनाव लड़ चुके सुमित गोदारा पहले चुनाव में महज 4000 वोटो से हारे थे, लेकिन उसके बाद लगातार दोनों बार हुए चुनाव में वे जीतने में सफल हुए. इस बार चतुष्कोणीय मुकाबले में सुमित गोदारा ने 8000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है.
जिले में महामंत्री रह चुकेः भाजपा देहात के महामंत्री रह चुके सुमित गोदारा को पहली बार भाजपा ने लूणकरणसर से 2013 में टिकट दिया था, लेकिन वे सफल नहीं हुए. इसके बाद दूसरी बार 2018 में पार्टी ने उन्हें फिर मौका दिया और सुमित ने जीत हासिल की. वहीं, इस बार के चुनाव में भी सुमित गोदारा ने पार्टी का भरोसा कायम रखा.
कभी वसुंधरा के खास अब अर्जुन मेघवाल के नजदीकीः 2013 में पहली बार जब सुमित गोदारा को भाजपा ने टिकट दिया, उस समय सुमित गोदारा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नजदीकी नेताओं में गिने जाते थे. पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की टिकट दिलाने में अहम भूमिका रही है, लेकिन समय बदलने के साथ ही वसुंधरा राजे की जगह वे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के नजदीकी हो गए.
क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं सुमितः 2013 के बाद लगातार लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र में सुमित गोदारा सक्रिय रहे. 2013 में पहला चुनाव हारने के बाद भी वे क्षेत्र में सक्रिय रहे और 2018 में विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने गांव-गांव का दौरा किया. सुमित गोदारा सड़क से लेकर सदन तक अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लगातार मुखर रहे हैं.