ETV Bharat / state

Thursday Puja RItuals : आज बन रहे ये विशेष संयोग, करें ये काम तो मिलेगा लाभ

सनातन धर्म में हर तिथि व दिन का अपना विशेष महत्व है. बृहस्पतिवार यानि की गुरुवार को देवताओं के गुरु बृहस्पति के नाम से जाना जाता है, इसीलिए इसे गुरुवार भी कहा जाता है. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना करने से शुभ फल (what to do on Thursday) की प्राप्ति होती है.

Lord Vishnu is Worshipped on Thursday
Lord Vishnu is Worshipped on Thursday
author img

By

Published : Apr 27, 2023, 6:44 AM IST

बीकानेर. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाती है. शास्त्रों में हर दिन-तिथि का महत्व है. कुछ दिनों में विशेष संयोग से उसका महत्व बढ़ जाता है. आज के दिन गुरु पुष्य नक्षत्र का होना भी ऐसा ही एक विशेष संयोग है. गुरु पुष्य नक्षत्र को धनतेरस और अक्षय तृतीया के बराबर शुभ फलदायी माना जाता है. 27 अप्रैल सुबह 7 बजे से 28 अप्रैल 2023 सुबह 5:43 तक गुरु पुष्य नक्षत्र योग रहेगा.

मां लक्ष्मी संग श्री हरि विष्णु की पूजा : गुरुवार को भगवान श्रीहरि विष्णु की देवी महालक्ष्मी के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए. मां महालक्ष्मी धनसंपदा वैभव की देवी हैं. ऐसे में भगवान विष्णु और मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से कभी भी घर में धन संपदा की कमी नहीं रहती है. पूजा में मां महालक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और पूरी विधान से पूजा करें. भगवान को रोली, अक्षत, चंदन, धूप, गंध, दीप, पीले फूल, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं. भगवान को चने की दाल और गुड़ के साथ ही तुलसी भी जरूर चढ़ाएं. तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है.

पढ़ें. Friday Remedies: शुक्रवार को मां लक्ष्मी की करें पूजा, दूर होंगे सारे संकट

गुरुपुष्यामृत योग में करें ये काम : पुष्य नक्षत्र के गुरुवार के योग में होने पर वह अति दुर्लभ 'गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है. गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है. गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है. गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना शुभ होता है. गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं. बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें.

करें ये काम : हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में गाय का शुद्ध कच्चा दूध डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है. गुरुवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है. गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की पूजा करें. एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं. मंत्र को बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें. थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें.

ना करें ये काम : गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है. गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है. यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जाएगा.

बीकानेर. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना की जाती है. शास्त्रों में हर दिन-तिथि का महत्व है. कुछ दिनों में विशेष संयोग से उसका महत्व बढ़ जाता है. आज के दिन गुरु पुष्य नक्षत्र का होना भी ऐसा ही एक विशेष संयोग है. गुरु पुष्य नक्षत्र को धनतेरस और अक्षय तृतीया के बराबर शुभ फलदायी माना जाता है. 27 अप्रैल सुबह 7 बजे से 28 अप्रैल 2023 सुबह 5:43 तक गुरु पुष्य नक्षत्र योग रहेगा.

मां लक्ष्मी संग श्री हरि विष्णु की पूजा : गुरुवार को भगवान श्रीहरि विष्णु की देवी महालक्ष्मी के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए. मां महालक्ष्मी धनसंपदा वैभव की देवी हैं. ऐसे में भगवान विष्णु और मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से कभी भी घर में धन संपदा की कमी नहीं रहती है. पूजा में मां महालक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और पूरी विधान से पूजा करें. भगवान को रोली, अक्षत, चंदन, धूप, गंध, दीप, पीले फूल, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं. भगवान को चने की दाल और गुड़ के साथ ही तुलसी भी जरूर चढ़ाएं. तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है.

पढ़ें. Friday Remedies: शुक्रवार को मां लक्ष्मी की करें पूजा, दूर होंगे सारे संकट

गुरुपुष्यामृत योग में करें ये काम : पुष्य नक्षत्र के गुरुवार के योग में होने पर वह अति दुर्लभ 'गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है. गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है. गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है. गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना शुभ होता है. गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं. बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें.

करें ये काम : हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में गाय का शुद्ध कच्चा दूध डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है. गुरुवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है. गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की पूजा करें. एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं. मंत्र को बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें. थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें.

ना करें ये काम : गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है. गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है. यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.