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Kamika Ekadashi 2023 : आज है कामिका एकादशी, गुरुवार को एकादशी का भी संयोग, भगवान विष्णु की करें पूजा

हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी का महत्व बताया गया है हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व है. आज गुरुवार 13 जुलाई को कामिका एकादशी है. इस बार चातुर्मास में कामिका एकादशी के साथ नक्षत्र में विशेष संयोग हैं और जिसके चलते इस एकादशी को करने वालों को कई गुना पुण्य फल प्राप्त होगा

कामिका एकादशी
कामिका एकादशी
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Published : Jul 13, 2023, 7:33 AM IST

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी का बहुत महत्व है. हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी का अलग-अलग महत्व है. एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती हैं। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है. कामिका एकादशी का हिंदू धर्म शास्त्रों में बहुत महत्व है.

एकादशी में क्या करें : एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने का फल मिलता है. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए. श्रीमद्भागवत गीता के पाठ करने का भी पुण्य फल एकादशी के दिन करने से कई गुना प्राप्त होता है। यदि इतना समय नहीं हो तो सिर्फ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की एक माला का जाप किया जाना भी श्रेष्ठ रहता है.

गुरुवार का संयोग : वैसे तो तो एकादशी का अपने आप में बड़ा महत्व है. लेकिन इस बार कामिका एकादशी का गुरुवार को होना भी एक विशेष संयोग है. गुरुवार भगवान विष्णु को ही समर्पित है और एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित है ऐसे में गुरुवार का व्रत और एकादशी का व्रत करने वालों को एक ही दिन में दोनों का पुण्य फल प्राप्त होता है.

पढ़ें Devshayani Ekadashi 2023 : व्रत के पारण का ये है सबसे उत्तम समय, इन 4 बातों का रखिएगा ध्यान

इस तरह से करें पूजा : एकादशी की रात में भगवान विष्णु का रात्रि एक बजे तक जागरण करना चाहिए. श्रीहरि के जागरण करते समय रात में दीपक जलाने वाले का पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है. एकादशी को श्रीविष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति सदा बनी रहती है.

ना करें आज ये काम : एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए. इससे जमीन पर विचरण करने वाले सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है. इस दिन बाल नहीं कटाने चाहिए. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसी का दिया अन्न ग्रहण न करें. इस दिन सात्विक जीवन का निर्वाहन करना चाहिए. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए.

तुलसी पूजन करें : वैसे तो भगवान विष्णु पूजा में तुलसी पूजा करनी शास्त्रों में बताई गई है लेकिन खासतौर से कामिका एकादशी के दिन भी तुलसी का पूजन करना श्रेष्ठ बतलाया गया है. भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है.

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी का बहुत महत्व है. हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी का अलग-अलग महत्व है. एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती हैं। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है. कामिका एकादशी का हिंदू धर्म शास्त्रों में बहुत महत्व है.

एकादशी में क्या करें : एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने का फल मिलता है. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए. श्रीमद्भागवत गीता के पाठ करने का भी पुण्य फल एकादशी के दिन करने से कई गुना प्राप्त होता है। यदि इतना समय नहीं हो तो सिर्फ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की एक माला का जाप किया जाना भी श्रेष्ठ रहता है.

गुरुवार का संयोग : वैसे तो तो एकादशी का अपने आप में बड़ा महत्व है. लेकिन इस बार कामिका एकादशी का गुरुवार को होना भी एक विशेष संयोग है. गुरुवार भगवान विष्णु को ही समर्पित है और एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित है ऐसे में गुरुवार का व्रत और एकादशी का व्रत करने वालों को एक ही दिन में दोनों का पुण्य फल प्राप्त होता है.

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इस तरह से करें पूजा : एकादशी की रात में भगवान विष्णु का रात्रि एक बजे तक जागरण करना चाहिए. श्रीहरि के जागरण करते समय रात में दीपक जलाने वाले का पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है. एकादशी को श्रीविष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति सदा बनी रहती है.

ना करें आज ये काम : एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए. इससे जमीन पर विचरण करने वाले सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है. इस दिन बाल नहीं कटाने चाहिए. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसी का दिया अन्न ग्रहण न करें. इस दिन सात्विक जीवन का निर्वाहन करना चाहिए. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए.

तुलसी पूजन करें : वैसे तो भगवान विष्णु पूजा में तुलसी पूजा करनी शास्त्रों में बताई गई है लेकिन खासतौर से कामिका एकादशी के दिन भी तुलसी का पूजन करना श्रेष्ठ बतलाया गया है. भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है.

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