बीकानेर. शिक्षा निदेशालय में नौकरी देने की मांग को लेकर धरने पर बैठे प्रदेशभर के रीट में सफल अभ्यर्थियों का धरना बुधवार को बीकानेर के शिक्षा निदेशालय में 17वें दिन भी जारी रहा. राज्य सरकार और शिक्षा निदेशालय के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए इन अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पिछले साल हुई रीट की शिक्षक भर्ती परीक्षा में 54 हजार पदों पर नियुक्ति देनी थी.
लेकिन तब पहली और दूसरी वरीयता सूची में पूरे पद नहीं भरे गए. इसके बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जल्द ही दूसरी वरीयता सूची जारी कर शेष खाली पदों को भरने की बात अपने चुनाव घोषणा पत्र में कही थी. लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार आने के बाद प्रक्रिया शुरू नहीं हुई और इस बीच लोकसभा के चुनाव की आचार संहिता लग गई. लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद भी रीट के सफल अभ्यर्थियों की दूसरी वरीयता सूची जारी नहीं हुई. सामाजिक विज्ञान और संस्कृत सहित अन्य विषयों में कई पद खाली रह गए.
इन खाली पदों पर रीट के सफल अभ्यर्थियों की तीसरी वरीयता सूची जारी कर भरने की मांग को लेकर 10 जून से बीकानेर के शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदेश के कई जिलों के अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं. धरने के 17 वें दिन इन सफल अभ्यर्थियों ने तीसरी वरीयता सूची जारी करने और जल्द से जल्द नियुक्ति देने की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना जारी रखा. बीते दिन भी दो अभ्यर्थियों की तबियत तेज गर्मी के चलते बिगड़ गई थी. शिक्षा निदेशालय के बाहर धरनास्थल से उन्हें पीबीएम भर्ती कराया गया.
इस दौरान इन अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की. रीट के सफल अभ्यर्थियों ने कहा कि दूसरी वरीयता सूची जारी होने के बाद संस्कृत में 85 फीसदी और सामाजिक विज्ञान में 40 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं. लेकिन विभागीय अधिकारी और शिक्षामंत्री उनकी बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. वे दोनों के बीच फुटबॉल बनकर रह गए हैं. अभ्यर्थियों ने कहा कि शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री इस मामले पर गंभीरता से विचार कर जल्द से जल्द नियुक्ति दें. नहीं तो आने वाले दिनों में वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.